केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी Wheat purchase के लिए नया आदेश जारी किया है, आईए जानते हैं पूरी डिटेल..
Wheat purchase | देशभर में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का कार्य चल रहा है। इस वर्ष केंद्र सरकार अधिक से अधिक गेहूं खरीदने की मंशा रख रही है। इसलिए केंद्र सरकार में जहां एक ओर व्यापारियों को प्रति सप्ताह स्टाफ प्रदर्शित करने के निर्देश जारी किए, वहीं बड़ी अनाज खरीदी करने वाली बड़ी कंपनियां को मंडियों से कम से कम खरीदी करने को कहा है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। इस मूल्य के अतिरिक्त एमपी एवं राजस्थान की राज्य सरकार गेहूं पर 125 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दे रही है इन दोनों राज्यों में ₹2400 प्रति क्विंटल के मान से गेहूं की खरीदी (Wheat purchase) हो रही है। इसी बीच अब केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए एक ओर आदेश जारी किया है। इस आदेश के पश्चात किसानों को बड़ा फायदा होने वाला है। आईए जानते हैं पूरी डिटेल..
केंद्र सरकार ने यह दिया आदेश
Wheat purchase | इस वर्ष मौसम की बेरुखी के कारण जहां एक और पैदावार में कमी आई है वहीं दूसरी ओर गेहूं की क्वालिटी पर भी विपरीत असर पड़ा है। यही कारण है कि कई किसान क्वालिटी विहीन गेहूं को न्यूनतम समर्थन मूल्य के भाव पर नहीं बेच पा रहे थे।
केंद्र सरकार ने इसी को लेकर अब आदेश जारी किया है की क्वालिटी विहीन गेहूं भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। इस आदेश के पश्चात कोऑपरेटिव सोसाइटी किसानों से गेहूं खरीद Wheat purchase ने के लिए इंकार नहीं कर पाएगी लिए जानते हैं पूरा आदेश।
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सोसाइटियां खरीदेंगी 30% तक चमक विहिन गेहूं
किसानों से दागदार गेहूं खरीदने Wheat purchase से इनकार कर रही को-ऑपरेटिव सोसाइटियां अब ऐसा नहीं कर सकेंगी। सरकार ने किसानों की कठिनाइयों को कम करने के लिए इसमें छूट देने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश में किसानों से 30% तक लेक लस्टर (चमक विहीन) गेहूं खरीदा जा सकेगा। वेयर हाउस में इसे रखे जाने के बाद इसकी क्वालिटी में किसी भी तरह की गिरावट की जिम्मेदारी भी मप्र सरकार की होगी।
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इस संबंध में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को दिशा-निर्देश दिए हैं। इसमें सरकार द्वारा खरीदे जा रहे गेहूं में 30% तक लेकलस्टर (चमक विहीन) होने पर भी खरीदा जा सकेगा। दरअसल इस बार जनवरी में बेमौसम बारिश और कोहरे गेहूं की फसलों पर इसका असर पड़ा है।
किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा
मालवा में तो गेहूं की खरीदी Wheat purchase शुरू होने पर ही सोसाइटी किसानों से इस तरह का गेहूं खरीदने से समितियां इनकार कर रही थी। कुछ सोसाइटियों ने गेहूं खरीद लिया था जिसे भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने वापस कर दिया था। इस लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आपत्ति उठाई थी और सरकार से कहा था कि लेकलस्टर और मामूली दागी गेहूं को भी खरीदा जाए।
इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मध्य प्रदेश सरकार को पत्र द्वारा निर्देशित किया है कि अब बगैर किसी भावों की कटौती के किसानों का बारिश के कारण खराब हुआ गेहूं भी खरीदा Wheat purchase जाए। हालांकि इस पर 30% तक का बंधन जरूर लगाया है। राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिए हैं कि दागी गेहूं में किसानों का कोई नुकसान नहीं हो, ऐसी व्यवस्था करें। जितना भी गेहूं खरीदा जाए उसे अलग रखकर जल्द से जल्द उसका वितरण किया जाएं।
गेहूं उपार्जन के भुगतान की यह व्यवस्था रहेगी
Wheat purchase | किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर विक्रय उपज का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किसान के आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते में भुगतान करने में किसी कारण से समस्या उत्पन्न होने पर किसान द्वारा पंजीयन में उपलब्ध कराये गए बैंक खाते में भुगतान किया जा सकेगा। किसान पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और IFSC कोड की जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
जनधन, अक्रियाशील, संयुक्त बैंक खाते एवं फिनो, एयरटेल, पेटीएम, बैंक खाते पंजीयन में मान्य नहीं होंगे। बताया जा रहा है कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा किसानों को उनकी उपज के मूल्य का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में गेहूं बेचने के 48 घंटे में नियमानुसार कर दिया जाएगा। खाद्य विभाग के अधिकारी अधिकतम अवधि बता रहे हैं भुगतान की अधिकतम अवधि 7 दिन की बता रहे हैं।
बैंक खाता आधार से लिंक होना जरूरी
Wheat purchase | उपार्जित गेहूं के भुगतान की व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए यह ज़रूरी होगा कि किसान अपने आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाईल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखे। इस संबंध में किसानों को जागरूक करने के लिए पर्याप्त प्रचार प्रसार किया जाए।
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