भाव अधिक होने के बावजूद मंडियों एवं उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की आवक कम होती जा रही है देखें Wheat prices future की पूरी खबर..
Wheat prices future | मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब में गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए जरूरी खबर है। किसान साथियों जैसा कि देशभर में अभी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी चल रही है, लेकिन हरियाणा व पंजाब को यदि छोड़ दिया जाए तो बाकी के अन्य राज्यों में गेहूं खरीदी केंद्रों पर धीरे-धीरे लगातार आवक कम होती जा रही है।
मध्य प्रदेश के कई उपार्जन केदो पर सन्नाटा छाने लगा है। इतना ही नहीं कृषि उपज मंडियों में भी गेहूं के आवक कम हो गई है। कृषि विशेषज्ञ इसकी प्रमुख वजह गेहूं के उत्पादन में इस वर्ष हुई गिरावट को मानते हैं। इसके अलावा गेहूं के भाव एवं अन्य फैक्टर भी हैं। इन सब बातों का इस वर्ष गेहूं के भाव पर बड़ा असर पड़ने वाला है। Wheat prices future गेहूं के भाव आगामी समय में क्या रहने वाले हैं, आईए जानते हैं..
केंद्र सरकार ने गेहूं के उत्पादन का यह अनुमान जताया
Wheat prices future कृषि मंत्रालय भारत सरकार के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक देश में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 112.01 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है। गेहूं का उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 में प्राप्त 110.55 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड से 1.46 मिलियन टन अधिक होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय ने कहा कि खरीफ फसल उत्पादन अनुमान तैयार करते समय फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) आधारित उपज पर विचार किया गया है।
रबी फसल का उत्पादन प्रारंभिक बोए गए क्षेत्र की रिपोर्ट और औसत उपज पर आधारित होता है। इस वर्ष गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात में रकबा कम हुआ है, लेकिन हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ज्यादा क्षेत्रफल में बोआई हुई है। कृषि विभाग के इस आकलन के विपरीत गेहूं की पैदावार Wheat prices future पर इस वर्ष बड़ा असर पड़ा है। यही कारण है कि गेहूं की सरकारी खरीदी काम हो गई है वहीं मंडियों में भी आवक कम हो गई है। अंतिम रिपोर्ट में यह बात सामने भी आने वाली है।
समय से पहले मंडियों में गेहूं सीजन ऑफ
Wheat prices future समय से पूर्व ही कृषि उपज मंडियों का गेहूं सीजन ऑफ होने लगा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाए जा सकता है कि पिछले एक सप्ताह के दौरान लगातार गेहूं की आवक कम होती जा रही है। कृषि उपज मंडी उज्जैन में ही एक सप्ताह से 10 से 14 हजार क्विंटल की आवक मंडी में चल रही है।
जबकि दूसरी ओर देखा जाए तो गेहूं के भाव अच्छे मिल रहे हैं। नीलामी में गेहूं के भाव महंगे होकर 3255 रुपए हो चुके हैं। किसानों का कहना है इस वर्ष गेहूं की ही पैदावार कम हुई है। गेहूं रोकने वाली पोजीशन 25 प्रतिशत जरूर बताई गई है।
एक नजर : गेहूं के वर्तमान भाव पर
उज्जैन से टॉप लोकवन की 3700 से 3900 प्रति क्विंटल भाव पर दक्षिणी राज्य में सप्लाई की खबर है। गेहूं की लोक वन वैरायटी के अलावा GW 513, सुजाता शरबती पूर्ण के भाव भी 3000 से 4500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच है। Wheat prices future वहीं कृषि उपज मंडी इंदौर में गेहूं मिल क्वालिटी 2450-2550 मालवराज गेहूं 2450-2550 लोकवन 2650-3100 पूर्णा 2560-2900 रुपए क्विंटल के भाव रहे।
आटे की डिमांड बड़ी, भाव बढ़े
इन दिनों शादी समारोह में जरूरत के हिसाब से गेहूं व तैयार आटे की खरीदी बढ़ गई है। शादी-विवाह वालों की तैयार आटे में खरीदी बढ़ने से Wheat prices futureरिटेल में एक रुपए प्रतिकिलो के दाम बढ़ चुके हैं। एक आटा मिल के संचालक महेंद्र सिंघल ने बताया खरीदी सामान्य तरीके से चल रही है। यह जरूर है कि कुछ दिन से शादी वालों की खरीदी जरूर बढ़ गई है।
वहीं एक अन्य आटा मिल के संचालक हजारीलाल मालवीय ने कहा गेहूं महंगा ज्यादा होने से खरीदार आटे की ओर अधिक बढ़ने लगे हैं। आगामी दिन भरपूर खरीदी के रहेंगे। लोकल और सीहोरी आटा ही चलन में अधिक है। पहले भाव 30-31 रुपए थे, अब बढ़कर 32 रुपए प्रति किलो रिटेल में हो चुके हैं।
गेहूं के भाव का क्या भविष्य रहेगा
Wheat prices future गेहूं की आवक एवं वर्तमान की स्थिति को देखा जाए तो ऑफ सीजन में मंडी का नीलाम 3500 रुपए पार हो सकता है। उज्जैन के गेहूं कारोबारी अंशुल जैन ने बताया मंडी नीलाम में गेहूं महंगा तो खरीदारों को भी महंगा ही मिलेगा। इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में विवाह समारोह का दौर और मौसम का पलटवार होने से आगामी दिनों में आवक बढ़ेगी।
इसकी संभावना कमजोर ही बताई जा रही है। Wheat prices future शरबती गेहूं टॉप क्वालिटी का 5000 रुपए और नकली 3500 से 4000 रुपए मिल जाता है। किसानों का मानना है कि ऑफ सीजन में महंगे भाव का सुख मिल सकता है। बताया जा रहा है कि इसीलिए किसानों ने भी बड़ी मात्रा में Wheat prices future गेहूं को होल्ड कर रखा है।
जबकि दूसरी ओर गेहूं की सरकारी खरीदी पर पोषक मालवराज एवं कठिया गेहूं की किस्मों को ही बेचा जा रहा है। गौरतलब है कि देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 310 से 320 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले साल हुई 260 लाख टन खरीद से अधिक होगी।
इस साल गोदामों में भंडारण बढ़ाने के लिए ज्यादा खरीद Wheat prices future जरूरी है, क्योंकि पिछले कुछ साल से कम खरीदारी के कारण गेहूं का भंडार कई साल के निचले स्तर पर है। लेकिन सरकार द्वारा तय किया गया यह लक्ष्य या अभी तक हासिल करता हुआ नजर नहीं आ रहा है। इस वर्ष भी लक्ष्य की तुलना में गेहूं की खरीदी कम होगी।
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