सीजन शुरू होने के पहले सोयाबीन प्लांटों में सोयाबीन के खरीदी भाव (Soyabean Rates) में वृद्धि हुई है, आईए जानते हैं ताजा भाव..
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Soyabean Rates | सोयाबीन के भाव को बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश के किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि सोयाबीन के भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल किए जाएं।
इधर कृषि विशेषज्ञ मध्यप्रदेश में नई सोयाबीन की बंपर पैदावार के अनुमान लगाए गए हैं, लेकिन सोयाबीन के भाव (Soyabean Rates) को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
किसानों द्वारा आगामी 16 सितंबर को बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी की जा रही है इसी बीच राज्य सरकार के प्रस्ताव के बाद केंद्र सरकार ने सोयाबीन को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
इसके पहले केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने का निर्णय लिया था।
सोयाबीन के भाव (Soyabean Rates) को लेकर चल रही इसी उठापटक के बीच सोयाबीन प्लांटों में सोयाबीन के खरीदी भाव में वृद्धि हुई है। सोयाबीन के भाव को लेकर आगे क्या कुछ हो सकता है एवं प्लांट के भाव क्या है, आईए जानते हैं..
देश में खाद्य तेलों का आयात लगातार बढ़ा
सोयाबीन के भाव (Soyabean Rates) कम होने का सबसे बड़ा कारण देश में प्रचुर मात्रा में खाद्य तेलों की उपलब्धता है। पिछले दो-तीन सालों के दौरान देश में खाद्य तेलों का लगातार आयात बढ़ता चला गया जिसके कारण स्थानीय कृषकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
यही कारण है कि पिछले तीन-चार सालों से लगातार सोयाबीन के भाव (Soyabean Rates) बढ़ने की बजाय कम होते जा रहे हैं, जबकि दूसरी और सोयाबीन की खेती में लगने वाली लागत में लगातार वृद्धि हो रही है।
पिछले वर्ष सोयाबीन के भाव अगस्त सितंबर माह के दौरान पिछले वर्ष सोयाबीन के भाव 5000 से 5500 रुपए प्रति क्विंटल थे। लेकिन इस समय ऑफसीजन में सोयाबीन के भाव 4700 तक मंडी में मिल रहे हैं किसानों की सबसे बड़ी दुविधा यह है कि सोयाबीन के भाव सीजन के दौरान क्या रहेंगे, इसी पर बवाल मचा हुआ है।
MSP पर होगी सोयाबीन की खरीदी
किसान वर्ग प्रदेशभर में आंदोलन पर उतारू है 6000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव की मांग किसानों ने सरकार के सामने रखी है। सरकारी समर्थन धाम 4892 रुपए का घोषित है।
राज्य सरकार ने सोयाबीन को सरकारी मूल्य पर खरीदने का प्रस्ताव पास करके केंद्र को भेजा जहां से समर्थन मूल्य पर खरीदी की स्वीकृति हो गई है, लेकिन किसान इससे संतुष्ट नहीं है।
सोयाबीन के भाव (Soyabean Rates) को लेकर भारतीय किसान संघ पहली बार बड़ा आंदोलन 16 सितंबर को करने जा रहा है। दोपहर 1 बजे हरिफाटक ब्रिज से कलेक्टर कार्यालय तक ट्रैक्टर रैली निकालेगा। यहां 15 सूत्री मांग का ज्ञापन दिया जाएगा। भाकिसं के प्रदेश अध्यक्ष कमलसिंह अंजना ने बताया आंदोलन की तैयारी कई दिनों से चल रही है।
उन्होंने कहा सोयाबीन के वर्तमान भाव नहीं यह धोखा है। आज से 7 साल पहले सोयाबीन 6000 से 6500 बिक रही थी लेकिन भाव को लेकर किसानों के साथ छल किया जा रहा है। इस समय सोयाबीन के दाम 4000 से 4500 रुपए ही मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा सरकार कहती है किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। देश के भंडार भरने वाले किसानों को उपज की कीमत पूरी मिलनी चाहिए। किसानों को सोयाबीन के लाभकारी (Soyabean Rates) भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल चाहिए। उन्होंने कहा सरकार की कृषि अनुसंधानों की नीति एवं आयात-निर्यात नीति का विरोध करता है।
मंडी में भाव समर्थन मूल्य से भी कम
सोयाबीन की फसल अगले महीने बाजार में आएगी। अभी मंडी में सोयाबीन 3800 से 4500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीदी जा रही है। जबकि सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।
यानी एमएसपी से भी कम दाम पर मंडी में सोयाबीन खरीदी जा रही है। इस बार सोयाबीन का बंपर उत्पादन होने की संभावना है। ऐसे में किसानों की चिंता इस बात की है कि जब बाजार में फसल बिकने के लिए आएगी तो ये (Soyabean Rates) दाम और कम होंगे।
मंडी में अभी सोयाबीन जिस रेट (Soyabean Rates) पर खरीदी जा रही है यदि यही रेट रहा तो किसानों की लागत और मुनाफे में बेहद मामूली अंतर ही रहेगा। कुछ किसानों को तो लागत का पैसा भी नहीं मिल पाएगा।
इसे लेकर किसानों ने बताया कि पिछले एक दशक में कीटनाशक और बीज से लेकर हर वस्तु के दाम बढ़ चुके हैं। फसल की लागत हर साल बढ़ती जा रही है, लेकिन उतने दाम (Soyabean Rates) नहीं मिलते।
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यह है किसानों की प्रमुख मांगे
किसने की प्रमुख मांग यह है कि स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिश को तत्काल स्वीकृति दी जाए।
पाम तेल पर आयात ड्यूटी बढ़ाई जाए।
आयात-निर्यात नीति पर फिर से निर्धारण हो।
घरेलू फसलों की पैदावार के समय आयात नहीं किया जाए।
मुख्यमंत्री ट्रांसफार्मर अनुदान योजना फिर से शुरू की जाए। टूटे तार पोल बदले जाएं।
नर्मदा पाइपलाइन से वंचित क्षेत्र में लाइन बिछाई जाए, इससे उन नदियों में सूखाग्रस्त क्षेत्र की सिंचाई व्यवस्था बढ़ाई जाए।
समर्थन मूल्य 6000 रु. क्विंटल हो तो ही होगा फायदा
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक हर किसान का प्रति क्विंटल उत्पादन पर 4 हजार रुपए का खर्च है। जो अभी (Soyabean Rates) बाजार रेट है वह लागत के बराबर ही है। ऐसे में किसानों को सोयाबीन से कोई फायदा नहीं है। यदि सरकार एमएसपी 6 हजार रुपए करती है तो मार्केट में कॉम्पिटिशन बढ़ेगा। मंडी व्यापारियों को भी दाम बढ़ाने पड़ेंगे।
पाम ऑयल पर इम्पोर्ट ड्यूटी से कम हुए सोयाबीन के दाम
सोयाबीन के दाम (Soyabean Rates) इंटरनेशल मार्केट पर डिपेंड करते हैं, इसका डोमेस्टिक कंजंप्शन बेहद कम है। पिछले सालों में इसका यूज बढ़ा है, मगर इतना नहीं कि किसान मार्केट प्राइस को कंट्रोल कर सके।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक देश में सोयाबीन ऑयल का प्रोडक्शन 17-18 पर्सेंट है। अब सोयाबीन ऑयल की बजाय पाम ऑयल का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। पहले पाम ऑयल पर इम्पोर्ट ड्यूटी 35 फीसदी थी जो अब 5 फीसदी है।
सरकार को पाम ऑयल पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी को बढ़ाना चाहिए। सरकार जिस तरह से इम्पोर्ट ड्यूटी घटा रही है उससे ऐसा लगता है कि वह अमेरिका, अर्जेंटीना, मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्राजील के किसानों को प्रमोट कर रही है और देश के किसान को नजर अंदाज कर रही है। किसानों को सोयाबीन के सही दाम (Soyabean Rates) नहीं मिल पा रहे हैं, इसके पीछे ये भी एक बड़ी वजह है।
सरकार द्वारा MSP पर खरीदी के फैसले से आई तेजी
सोयाबीन उत्पादक किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन तेज किए जाने के पश्चात मध्य प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया कि सोयाबीन को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा, इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा। जहां से तत्काल स्वीकृति मिल गई। इसी बीच आगमी अनिश्चितता को देखते हुए सोयाबीन प्लांटों ने सोयाबीन के खरीदी भाव (Soyabean Rates) में वृद्धि की है।
अगस्त महीने की शुरुआत के दौरान जहां सोयाबीन के भाव ₹4000 प्रति क्विंटल तक गिर गए थे, वहीं अब सोयाबीन के भाव 4500 रुपए से लेकर 4700 रुपए प्रति क्विंटल तक हो गए हैं। हालांकि अभी आफ सीजन चल रहा है। कहीं-कहीं मंडियों में नई सोयाबीन की आवक भी हो गई है, लेकिन उस सोयाबीन को नमी वाला बताकर भाव कम दिए जा रहे हैं।
सोयाबीन प्लांटों में सोयाबीन खरीदी के भाव
इंदौर (मध्य प्रदेश) धानुका नीमच 4800 धीरेंद्र सोया 4810 दिव्य ज्योति 4700 हरिओम रिफानरी मंदसौर 4800 अवी एग्रो उज्जैन 4700 बंसल मंडीदीप 4675 बैतूल ऑयल 4675 बैतूल सतना 4700 आइडिया लक्ष्मी देवास 4675 एमएस साल्वेक्स नीमच 4800 नीमच प्रोटीन 4800 प्रकाश 4700 प्रेस्ट्रीज 4725 रामा फास्फेट, धरमपुर 4525 सांवरिया इटारसी 4800 श्री महेश ऑयल रिफाइनरी शिप्रा 4700 स्नेहिल सोया देवास 4700 सूर्या फूड मंदसौर 4770 वर्धमान सॉल्वेंट अंबिका कालापीपल 4675 विप्पी सोया देवास 4670 रुपए प्रति क्विंटल के (Soyabean Rates) भाव रहे।
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