दो दिन में मानसून को लेकर दो रिपोर्ट : मानसून कैसा रहेगा जानिए क्या कहती है रिपोर्ट्स

आने वाले मानसून को लेकर 2 दिन में दो अलग-अलग रिपोर्ट weather report 2023 जारी हुई है…

weather report 2023 ; मौसम की सटीक भविष्यवाणी करना चुनौतीपूर्ण कार्य है। आने वाले मानसून को देखकर ऐसा ही लग रहा है क्योंकि 2 दिन के अंतराल में दो अलग-अलग रिपोर्ट जारी हुई है। एक रिपोर्ट के अंतर्गत बारिश कम होने का अनुमान जताया गया है, वहीं दूसरी रिपोर्ट में सामान्य का पूर्वानुमान जारी किया है। आइए जानते हैं दोनों रिपोर्ट में क्या पूर्वानुमान जताया गया है।

स्काईमेट ने यह रिपोर्ट जारी की

स्काईमेट के अनुमान में कहा गया है कि इस बार गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई-अगस्त में कम बारिश weather report 2023 हो सकती है। प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने सोमवार को मानसून का अनुमान जारी किया है। स्काईमेट द्वारा जारी अनुमान के अनुसार इस साल मानसून सामान्य से कम रहने का अनुमान है। स्काईमेट ने जनवरी में भी मानसून के सामान्य से कम रहने का अनुमान लगाया था और अब उसने अपने उसी आउटलुक को बरकरार रखा है।

स्काईमेट ने बताया कि लॉन्ग पीरियड एवरेज यानी LPA की 94% बारिश हो सकती है। यदि बारिश LPA के 90-96% के बीच होती है तो इसे सामान्य से कम कहा जाता है। यदि मानसून LPA का 96%-104% होता है तो इसे सामान्य बारिश कहा जाता है।

यदि बारिश LPA के 104% से 110% के बीच होती है तो इसे सामान्य से ज्यादा बारिश कहते हैं। 110% से ज्यादा को एक्सेस बारिश weather report 2023 कहते हैं। 90% से कम बारिश यानी सूखा पड़ना कहा जाता है। हालांकि, इंडियन मीटियरोलॉजिकल डिपार्टमेंट यानी IMD ने अभी तक बारिश का अनुमान जारी नहीं किया है।

स्काईमेट के अनुसार देश के नॉर्दन और सेंट्रेल रीजन में कम बारिश होने की सबसे ज्यादा संभावना है। सेंट्रल रीजन गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के महीनों में कम बारिश weather report 2023 हो सकती है। वहीं, नॉर्थ इंडिया के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीजन के दूसरे भाग में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग ने यह रिपोर्ट जारी की

भारतीय मौसम weather report 2023 विभाग/इंडियन मीटियरोलॉजिकल डिपार्टमेंट यानी IMD ने बताया कि लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) की 96% बारिश हो सकती है। यदि बारिश LPA के 90-95% के बीच होती है तो इसे सामान्य से कम कहा जाता है। LPA 96%-104% हो तो इसे सामान्य बारिश कहा जाता है। LPA अगर 104% से 110% के बीच है तो सामान्य से ज्यादा बारिश कहते हैं। 110% से ज्यादा को एक्सेस बारिश और 90% से कम बारिश यानी सूखा पड़ना कहा जाता है।

अल-नीनो इतना ताकतवर नहीं रहेगा

IMD ने बताया कि मई के अंतिम हफ्ते में मानसून weather report 2023 का अगला अपडेट आएगा। वहीं अल-नीनो के असर पर कहा कि, इस साल अल-नीनो का असर मानसून सीजन के दूसरे हाफ में दिख सकता है। मौसम विभाग ने कहा, अल-नीनो की स्थिति जरूर बनेगी लेकिन ये बहुत ताकतवर नहीं, बल्कि मॉडरेट होगा। इसलिए इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। सभी अल-नीनो साल खराब मानसून साल नहीं होते हैं, बीते 40% अल-नीनो साल सामान्य या सामान्य से ज्यादा बारिश वाले रहे हैं।

‘ला नीना’ और ‘अल नीनो’ क्या है, जानिए

ला नीना में समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। ला नीना से दुनिया भर के मौसम weather report 2023 में असर पड़ता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इससे आसमान में बादल छाते हैं और बारिश होती है। भारत में कम और ज्यादा बारिश, ठंडी और गर्मी ला नीना पर ही निर्भर करती है। भारत में ला नीना की वजह से ज्यादा ठंड और बारिश की संभावना होती है।

अल नीनो में भी ला नीना की तरह दुनिया भर के मौसम पर असर पड़ता है। इसमें समुद्र का तापमान 3 से 4 डिग्री बढ़ जाता है। इसका प्रभाव 10 साल में दो बार होता है। इसके प्रभाव से ज्यादा बारिश weather report 2023 वाले क्षेत्र में कम और कम बारिश वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होती है। भारत में अल नीनो के कारण मानसून अक्सर कमजोर होता है, जिससे सूखे की स्थिति निर्मित होती है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह जरूरी है

देश में सालभर जितनी बारिश weather report 2023 होती है, उसका 70% पानी दक्षिण-पश्चिम मानसून में बरसता है। अब भी हमारे देश में 70% से 80% किसान सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर हैं। ऐसे में उनकी पैदावार पूरी तरह से मानसून के अच्छे या खराब रहने पर निर्भर करती है। खराब मानसून होने पर महंगाई भी बढ़ती है।

एग्रीकल्चर सेक्टर की भारतीय अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी 20% के करीब है। वहीं, हमारे देश की आधी आबादी को कृषि क्षेत्र ही रोजगार देता है। अच्छी बारिश का मतलब है कि आधी आबादी की आमदनी फेस्टिव सीजन से पहले अच्छी हो सकती है। जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी।

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