कृषि विशेषज्ञों की सलाह.. डीएपी और यूरिया के लिए दौड़-धूप करने की जरूरत नहीं, इनकी जगह यह विकल्प अपनाएं..

खाद का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच इनके विकल्प के तौर पर में क्या उपयोग करें, Fertilizer Use Advice आइए जानते हैं..

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Fertilizer Use Advice | पिछले कुछ वर्षों के दौरान फसलों का सीजन आते ही सहकारी समितियों के बाहर खाद के लिए लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिलती हैं। कालाबाजारी भी शुरू हो जाती है, वहीं दूसरी ओर जानकारी के अभाव में किसान कतारों में लगकर परेशान होते हैं या बाजार में ज्यादा पैसा देकर खाद खरीदते हैं।

खाद कम होने या नहीं होने पर कई विकल्प हैं जो खाद की कमी पूरे करेंगे और उनके अनुपात में लागत में कमी आ सकती है। किसान साथी खाद का संकट है तो गोबर-केंचुआ खाद, जैव उर्वरक, जीवामृत, नैनो डीएपी और नैनो यूरिया का इस्तेमाल करें। इससे लागत में कमी आएगी और उत्पादकता भी बढ़ेगी।

उपज बढ़ेगी और मिट्टी की गुणवत्ता भी सुधरेगी

विशेषज्ञ बताते हैं कि नैनो उर्वरकों को लेकर कृषि अनुसंधान संस्थान में गेहूं, बाजरा, मूंगफली, सरसों, जौ पर रिसर्च हो चुके हैं। इन रिसर्च में सामने आया है कि सिफारिश की गई उर्वरकों की 75 प्रतिशत मात्रा के साथ नैनो डीएपी और नैनो यूरिया का इस्तेमाल करने पर अच्छी उपज प्राप्त होती है और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है। अभी चना, मूंग और ग्वार पर रिसर्च चल रहा है। Fertilizer Use Advice

यूरिया एवं डीएपी नहीं मिले तो यह करें

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार डीएपी खाद की कमी पर बुवाई के समय कम से कम 50 से 75 प्रतिशत दानेदार डीएपी दें। इससे पहले मार्केट से नैनो डीएपी (लिक्विड) लें और बड़े दाने वाली फसल के 1 किलो बीज में 2.5 से 5 मिलीलीटर और छोटे दाने वाली फसलों के 1 किलो बीज में 5 से 10 मिलीलीटर मिलाकर बीज का उपचार करें। बुवाई के 35-40 दिन बाद (एक लीटर पानी में 2.50 से 4 मिलीलीटर घोल बनाकर ) पहला और जरूरत पड़ने पर 15-20 दिन बाद दूसरा स्प्रे करें। Fertilizer Use Advice

इसी तरह यूरिया की कमी होने पर पहली सिंचाई पर एक बार यूरिया डालें और गेहूं के लिए 35-40 दिन बाद 1 लीटर पानी में 2.5 से 4 मिलीलीटर नैनो यूरिया (लिक्विड) मिलाकर घोल का स्प्रे करें। जरूरत पड़ने पर 15 से 20 दिन बाद दूसरा छिड़काव करें।

डीएपी और यूरिया के विकल्पों को उपयोग में ले

विशेषज्ञों के मुताबिक डीएपी और यूरिया के नहीं मिलने पर किसान साथी अन्य विकल्प से भी अच्छी पैदावार ले सकते हैं। बुवाई से पहले गोबर की खाद, वर्मी कपोस्ट (केंचुआ खाद), बकरी या मुर्गी की खाद दे सकते हैं। इसके बाद जैव उवर्रक और नैनो डीएपी से बीज उपचार करके बुवाई करें। Fertilizer Use Advice

किसान साथी खड़ी फसल में जीवामृत, नैनो उर्वरकों का स्प्रे कर सकते हैं। यदि जीवामृत नहीं है तो बायो-डी कंपोजर (पाउडर) को 25 लीटर पानी में 750 ग्राम गुड़ और 50 ग्राम बेसन को घोलें। इसे 200 लीटर पानी के ड्रम में 7 दिन तक रखें। इसके बाद इसका उपयोग करें।

गोबर, गोमूत्र, गुड़ और बेसन से बनाएं जीवामृत

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक गोबर गोमूत्र गुड़ और बेसन से स्वयं जीवामृत बनाकर छिड़काव करें। जीवामृत बनाने के लिए 10 किलोग्राम गोबर, 10 लीटर गोमूत्र, 2 किलो गुड़ तथा 2 किलो बेसन को 200 लीटर पानी के ड्रम में मिलाएं। ड्रम का मुंह एक सप्ताह तक बंद रखने के बाद खेत में बुवाई के समय स्प्रे कर सकते हैं। Fertilizer Use Advice

बुवाई के 30 से 35 दिन बाद नैनो यूरिया और नैनो डीएपी को मिक्स करके और इसके 7 से 10 दिन बाद जीवामृत का छिड़काव कर सकते हैं। आवश्यकता महसूस होने पर इनका दोबारा स्प्रे करना चाहिए। Fertilizer Use Advice

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