सोयाबीन की बुवाई शुरू हो चुकी है। बुवाई के दौरान किन किन बातों का विशेष रूप से ध्यान Soybean cultivation tips रखना जरूरी है, जानिए ..
Soybean cultivation tips : देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ एमपी में भी मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है मानसून की सक्रियता के साथ ही खरीफ फसल की बुवाई का काम भी प्रदेश में जोर शोर से हो रहा है खरीफ फसलों में सोयाबीन की बुवाई अधिक होती है। सोयाबीन फसल की बुवाई के दौरान बीज दर, खाद उर्वरक एवं बीज उपचार संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में आइए जानते हैं …
बोवनी 4 इंच वर्षा होने के बाद ही करें – Soybean cultivation tips
कृषि विभाग के कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि अधिकारियों द्वारा किसानों को सलाह दी जाती है कि सोयाबीन Soybean cultivation tips की बोवनी 4 इंच वर्षा होने के बाद ही करें। उज्जैन के कृषि उपसंचालक आरपी नायक ने बताया कि भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर की अनुशंसा के आधार पर किसान 70 प्रतिशत अंकुरण क्षमता वाला सोयाबीन बीज का ही उपयोग करें।
भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को महत्वपूर्ण सलाह दी है कि वर्षा के आगमन पश्चात्, सोयाबीन की बोवनी Soybean cultivation tips हेतु मध्य जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह का उपयुक्त समय है। नियमित मानसून के पश्चात लगभग 4 इंच वर्षा होने के बाद ही बुवाई करना उचित होता है। मानसून पूर्व वर्षा के आधार पर बोवनी करने से सूखे का लम्बा अंतराल रहने पर फसल को नुकसान हो सकता है।
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एमपी में सोयाबीन के यह बीज उपयुक्त रहेंगे
Soybean cultivation tips – स्वयं के पास उपलब्ध बीज का अंकुरण परिक्षण कर लेने के पश्चात कम से कम 70 प्रतिशत् अंकुरण क्षमता वाला बीज ही बुआई के लिए रखें, यदि आप बाहर कहीं ओर से उन्नत बीज लाते हैं तो विश्वसनीय/विश्वास पात्र संस्था/संस्थान से बीज खरीदें साथ हीं पक्का बिल अवश्य लेवें एवं स्वयं भी घर पर अंकुरण परीक्षण करें।
किसान भाई अपनी जोत के अनुसार कम से कम 2 -3 किस्मों की बुआई करें। एमपी के लिए विशेष तौर पर अनुशंसित किसमें आरवीएसएम 1135 जेएस 2172 जेएस 95-60, जेएस 93.05, जेएस 20-34, जेएस 20-29 एवं आरवीएस 2001-04, एनआरसी-86, जेएस-9752 प्रमुख है।
बीज उपचार के लिए यह करें
किसान Soybean cultivation tips बीज की बुआई से पूर्व बीजोपचार जरुर करें। बीजोपचार हमेशा फजिंसाईड इसेक्टिसाइड राइजोबियम में करना चाहिये। इस हेतु जैविक फफूंदनाशक ट्रोईकोडर्मा वीरडी 5 ग्रा./किग्रा. बीज अथवा फफूंदनाशक (थायरम+कार्बोक्सीन 3 ग्रा./कि.ग्रा. बीज) या थायरम+
कार्बेन्डाजिम (2:1) 3 ग्रा./कि.ग्रा. अथवा पेनफ्लूफेन+ट्रायफ्लोक्सीस्ट्रोबीन (1 मि.ली./कि.ग्रा.) के मान से उपचारित करें।
Soybean cultivation tips गत वर्ष जहां पर पीला मोजेक की समस्या रही है वहां पीला मोजेक बीमारी की रोकथाम हेतु अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्सम 30 एफ.एस. (10 मि.ली./कि.ग्रा. बीज) या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफ.एस. (1.2 मि.ली./कि.ग्रा. बीज) से अवश्य उपचारित करें। इसके बाद जैव उर्वरक (राइजोबियम एवं पीएसबी कल्चर (5 से 10 ग्राम/कि.ग्रा. बीज के मान से) का अनिवार्य रुप से उपयोग करें।
सोयाबीन की बीज दर यह रखी जाए
अनुशंसित बीज 75-80 कि.ग्रा./हे. की दर से उन्न्त प्रजातियों की बुआई Soybean cultivation tips करें। (एक हेक्टर क्षेत्र में लगभग 4.50 लाख पौध संख्या होनी चाहिए) कतार से कतार की दूरी कम से कम 14-18 इंच के आसपास रखें। गत वर्ष अधिक वर्षा के कारण सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई थी इस स्थिति काम ध्यान में रखते हुये यदि संभव हो तो रेज्ड बैड विधि से फसल की बुआई करें। इस विधि से फसल बुआई करने से कम वर्षा एवं अधिक वर्षा दोनों स्थिति में फसल को नुकसान नहीं होता है।
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खाद/उर्वरक की मात्रा यह होना चाहिए
Soybean cultivation tips नाईट्रोजन, फास्फोरस, पोटास एवं सल्फर की मात्रा क्रमशः 20:60:30:20 कि.ग्रा./हे. के मान से उपयोग करें। इस हेतु निम्नानुसार उर्वरक का उपयोग कर सकतें हैं एन.पी.के. (12:32:16) 200 किग्रा.+25 किग्रा. जिंक सल्फेट प्रति हेक्टर। डी.ए.पी. 111 किग्रा. एवं म्यूरेट ऑफ पोटाश 50 किग्रा.+25 किग्रा. जिंक सल्फेट प्रति हेक्टर।
बुवाई के लिए यह सीड ड्रिल उपयुक्त रहेगी
किसान फसल बुवाई यदि (डबल पेटी) सीड कम फर्टिलाईजर सीड ड्रिल से करते है तो बहुत अच्छा है जिससे उर्वरक एवं बीज Soybean cultivation tips अलग अलग रहता है और उर्वरक बीज के नीचे गिरता है तो लगभग 80 प्रतिशत उपयोग हो जाता है डबल पेटी बाली मशीन न हो तो अन्तिम जुताई के समय पर अनुशंसित उर्वरक का उपयोग करें। किसान अधिक जानकारी के लिए अपने क्षेत्र के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के कार्यालय या संबंधित क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
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