MP में समर्थन मूल्य पर गेहूं के बाद अब मूंग एवं उड़द MSP mung purchase की खरीदी होगी मूंग उपार्जन के पंजीयन की आखिरी तारीख बढ़ गई है …
MSP mung purchase ; मध्य प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर गेहूं के बाद मूंग और उड़द खरीदेगी। इसके लिए पंजीयन आवश्यक के पंजीयन की आज आखिरी लास्ट डेट थी, जिसे बढ़ा दिया गया है। प्रदेश के 32 जिलों में पंजीयन हो रहा है। पंजीकृत किसानों से ही प्रदेश सरकार मूंग एवं उड़द का उपार्जन करेगी। मूंग खरीदी का कार्य जून के प्रथम सप्ताह से प्रारंभ होगा। आइए जानते हैं मूंग एवं उड़द खरीदी की प्रक्रिया …
MSP mung purchase पंजीयन की तारीख 31 मई तक बढी
प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में ग्रीष्मकालीन मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए पंजीयन की अवधि को बढ़ा दिया है। अब किसान 31 मई तक इसके लिए पंजीयन करा सकेंगे। पहले यह तारीख 19 मई तय की गई थी। गौरतलब है कि विपणन वर्ष 2023-24 में ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी के लिए पंजीयन प्रक्रिया 08 जून से शुरू हो चुकी है। ग्रीष्मकालीन मूंग उत्पादक किसान इसके लिए पंजीयन करवा सकते हैं।
मूंग एवं उड़द का समर्थन मूल्य
प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग MSP mung purchase का क्षेत्र लगातार बढ़ता जा रहा है। 32 जिलों में मूंग की खेती हुई है। किसानों को उपज का उचित मूल्य मिले, इसके लिए सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदी करेगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पात्रता अनुसार पंजीकृत किसानों से इस बार भी मूंग और उड़द खरीदी जाएगी। 20 मई को गेहूं के उपार्जन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके बाद ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द खरीदी जाएगी। सरकार ने ग्रीष्मकालीन मूंग का समर्थन मूल्य 7755 और उड़द का समर्थन मूल्य 6600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से निर्धारित किया है।
MSP पर मूंग बेचने के लिए पंजीयन की आज लास्ट डेट
मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर मूंग एवं उड़द बेचने के लिए पंजीयन MSP mung purchase प्रदेश के 32 जिलों में 8 मई से शुरू हुआ था। किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी की जाएगी। इसके लिए पंजीयन किए जा रहे हैं। समर्थन मूल्य पर मूंग बेचने वाले किसानों को 19 मई तक अपना पंजीयन कराना होगा, ताकि सरकार पंजीयन के आधार पर किसानों से मूंग की खरीदी कर सकें।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने किसानों के हित में रबी विपणन वर्ष 2023-24 में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग उपार्जन MSP mung purchaseके लिए पंजीयन की प्रक्रिया का निर्धारण कर दिया है। किसान 19 मई तक अपना पंजीयन करा सकते है। किसान पंजीयन की व्यवस्था सहज और सुगम बनाई गई है।
एमएसपी पर मूंग बेचने के लिए यह है पंजीयन प्रक्रिया
- न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP mung purchase पर मूंग एवं उड़द बेचने के लिए किसान स्वयं के मोबाइल से घर बैठे पंजीयन कर सकेंगे।
- किसानों को पंजीयन केंद्रों में लाइन लगाकर पंजीयन कराने की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
- किसान ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत कार्यालयों तथा तहसील कार्यालय पर स्थापित सुविधा केंद्रों, सहकारी समितियों एवं विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केंद्रों और एमपी किसान एप पर निशुल्क पंजीयन करा सकतें है।
- इसी तरह एमपी ऑनलाइन किओस्क, कॉमन सर्विस सेंटर किओस्क, लोक सेवा केंद्र तथा निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था है।
प्रदेश के इन जिलों में होगी मूंग की खरीदी
प्रदेश के मूंग MSP mung purchase के अधिक उत्पादन वाले 32 जिलों में पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं। इन जिलों में समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी की जाएगी। यह जिले इंदौर, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, सीहोर, जबलपुर, देवास, सागर, गुना, खंडवा, खरगोन, कटनी, दमोह, विदिशा, बड़वानी, मुरैना, बैतूल, श्योपुरकलां, भिंड, भोपाल, सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, छतरपुर, उमरिया, धार, राजगढ़, मंडला, शिवपुरी, अशोकनगर, बालाघाट हैं।
10 जिलों में होगी समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीदी
प्रदेश में मूंग की ही तरह MSP mung purchase उड़द उत्पादक जिलों में भी केंद्र खोले जाएंगे। उड़द के अधिक उत्पादन वाले 10 जिलों जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, दमोह, छिंदवाड़ा, पन्ना, मंडला, उमरिया, सिवनी एवं बालाघाट में किसानों के पंजीयन एवं खरीदी के लिए केंद्र स्थापित किए गए हैं।
एमपी में MSP पर गेहूं खरीदी का लक्ष्य हासिल किया
देशभर में अब समर्थन मूल्य MSP mung purchase पर गेहूं खरीदी का कुल आंकड़ा 25.9 मिलियन टन पर पहुंच गया है। अंत: तक खरीदी 27 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है। सरकार अब निश्चिंत हो सकती है। दरअसल सरकारी खरीदी के सहारे अब गोदामों में सार्वजनिक वितरण की आवश्यकता से 8 मिलियन टन भंडारण ज्यादा हो चुका है। बफर स्टाक के साथ सरकार की कुल आवश्यकता 18.4 मिलियन टन की रहती है।
एक वर्ष पहले समर्थन मूल्य MSP mung purchaseपर गेहूं खरीदी का आंकड़ा सिर्फ 18.04 मिलियन टन तक ही सीमित था। बीते वर्ष 15 वर्षों में सबसे कम गेहूं का सरकारी भंडारण हो सका था। अब तक सबसे ज्यादा 13.2 मिलियन टन की खरीदी पंजाब से हुई है। मप्र ने 8 मिलियन टन की खरीदी की है। इतना ही लक्ष्य प्रदेश ने तय किया था। हरियाणा ने 7.5 लाख टन गेहूं खरीदी की है। अब मप्र को उम्मीद है कि केंद्र सरकार सेंट्रल पूल के लिए प्रदेश से खरीदी की मात्रा बढ़ाएगी।
दरअसल आखिरी दौर की वर्षा के कारण इस बार मप्र में सरकार ने एफएक्यू क्वालिटी के नियमों में ढील दी थी। ऐसे में बड़े पैमाने पर कमजोर गुणवत्ता वाला गेहूं भी खरीदा MSP purchase गया है। देखने वाली बात होगी कि केंद्र सरकार मप्र से सेंट्रल पूल में कितना गेहूं लेती है।
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