न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी (MSP Soybean Purchase) को लेकर कई नए नियम बनाए गए हैं, आईए इनके बारे में जानते हैं…
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MSP Soybean Purchase | मध्यप्रदेश में कई वर्षों के पश्चात इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी हो रही है।
प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी औपचारिक तौर पर 25 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है, लेकिन दीपावली का त्यौहार आ जाने के कारण इसकी खरीदी 4 नवंबर से जोर पकड़ेगी।
प्रदेश में पहली बार समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी के लिए सख्त गाइडलाइन बनाई गई है। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपए/क्विंटल निर्धारित किया गया है।
किसानों एवं खरीदी केदो पर सोयाबीन खरीदी (MSP Soybean Purchase) संबंधी कौन-कौन से नियम रहेंगे आइए जानते हैं..
1400 उपार्जन केन्द्रों पर होगी सोयाबीन की खरीदी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी 1400 केन्द्रों पर होगी। सभी संबंधित अधिकारी सोयाबीन उपार्जन की कार्यवाही संवेदनशीलता से करें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा के अतिरिक्त सोयाबीन का उपार्जन प्रदेश सरकार करेगी। MSP Soybean Purchase
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गत 20 अक्टूबर तक ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों का पंजीयन किया गया, जिसमें 3 लाख 44 हजार किसानों ने पंजीयन करवाया है। आवश्यकतानुसार खरीदी केन्द्रों की संख्या में परिवर्तन भी किया जा सकेगा। डॉ. यादव ने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीदी गई सोयाबीन का भुगतान किसानों को ऑनलाइन किया जाएगा।
किसानों के लिए यह रहेगा नियम
शासन द्वारा जारी किए गए निर्देशानुसार यदि कोई किसान नॉन एफएक्यू (नमी वाला या मापदंडों के विपरीत) सोयाबीन लेकर खरीदी केंद्र पहुंचेगा, तो उसे तुरंत रिजेक्ट कर दिया जाएगा। यदि किसान चाहता है कि खरीदी केंद्र पर ही सोयाबीन अपग्रेड की जाए, तो इसका खर्च उसे स्वयं उठाना होगा। MSP Soybean Purchase
खरीदी केंद्र प्रभारियों को दिए गए सख्त निर्देश
खरीदी केंद्र प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसान से खरीदी के बाद भंडारण के लिए गोदाम भेजे गए किसी बोरे में धूल, कचरा, पत्थर या मिट्टी पाई जाती है, तो उन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। मार्कफेड ने गाइडलाइन कलेक्टरों को भेज दी है। MSP Soybean Purchase
सोयाबीन की खरीदी की तारीख 25 अक्टूबर थी, लेकिन बड़े स्तर पर खरीदने की तैयारी 4 नवंबर से की गई है। खरीदी के बाद खराबी से बचने के लिए मार्कफेड, को-ऑपरेटिव, कृषि, और राजस्व विभाग के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई है।
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सीसीटीवी फुटेज भी रखे जाएंगे
खरीदी के दौरान गोदाम में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को संभालकर रखा जाएगा। किसी भी मामले में फुटेज मांगे जाने पर गोदाम संचालक को यह देना पड़ेगा। MSP Soybean Purchase
बताया गया है कि विदिशा में कुछ किसान पंजीयन के बाद सेंपल लेकर खरीदी केंद्र गए थे, लेकिन उसमें नमी निकल आई। यह 15-16% तक थी जो 12% होनी थी। इसके बाद किसानों को यह कहकर लौटा दिया गया कि वे उसे और सुखाएं।
सोयाबीन खरीदी की गाइडलाइन..
मंडी में अलग-अलग ढेर बनेगा, बोरे पर छपेगा- किस किसान का है।
हर किसान को मंडी में सोयाबीन लाने पर अलग-अलग ढेर बनाना होगा। उदाहरण के लिए दो, तीन या चार किसान एक साथ ढेर बनाकर नहीं रख पाएंगे। कोई ऐसा करेगा तो पूरा सोयाबीन रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
हर किसान के पंजीयन व नाम से पहचाना जाएगा कि सोयाबीन उसका है। हर बोरे पर खरीदी केंद्र का नाम भी होगा। MSP Soybean Purchase
खरीदे गए सोयाबीन को सुरक्षित रखने की जवाबदारी तय होगी। समिति को ही कैप कवर, तिरपाल और रस्सी की व्यवस्था करना होगी। सोयाबीन खरीदने के बाद उसी दिन उसे गोदाम भिजवाना होगा।
खरीदी केंद्र पर ही सोयाबीन को अपग्रेड किया जाता है तो खराब माल को बोरे में भरकर नहीं रखा जाएगा। MSP Soybean Purchase
गोदाम में यदि खराब सोयाबीन लाया जाता है तो उसे तुरंत उसी समिति या संस्था को वापस होगा, जो इसे लेकर आई है। इसके परिवहन का खर्च भी समिति को ही उठाना होगा।
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