सोयाबीन की इस नई किस्म से मिलेगी बंपर आवक, 39 क्विं/हेक्ट. तक पैदावार, जानें इसकी खासियत

सोयाबीन की नई किस्म (New Soybean Variety MACS 1407) की खेती से 39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, इस किस्म के बारे में अधिक जानिए

New Soybean Variety MACS 1407 | सोयाबीन में देश को अग्रणी उत्पादन व किसानों को सोयाबीन की अच्छी उत्पादन के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसे सोयाबीन की किस्म तैयार की है, जो बंपर उपज देने के साथ कीटों के प्रभाव से बेअसर है। जिसका नाम ” MACS 1407 “ है।

यह किस्म किसानो को अत्यधिक उपज के साथ ही उनकी आय को भी दोगुना कर देगी। देश के कई राज्यों में सोयाबीन की MACS 1407 किस्म की खेती (New Soybean Variety MACS 1407) की जा रही है। इस किस्म के बारे में अधिक जानकारी व इसकी खासियत के बारे में जानिए..

देश के इन इलाकों में उगाई जा सकती है MACS 1407

सोयाबीन (New Soybean Variety MACS 1407) की नई वेरायटी मुख्य रूप से असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर पूर्वी राज्यों की माटी के लिए उपयुक्त होगी। वैसे तो सभी राज्यों में इस किस्म की खेती की जा सकती है। लेकिन रिसर्च में यह बात सामने आई है कि इन राज्यों की मिट्टी में इसकी उपज ज्यादा होने की संभावना है।

MACS 1407 की खेती

सोयाबीन की नई ‘MACS 1407’ किस्म  (New Soybean Variety MACS 1407)  की बुवाई के 43 दिन बाद पौधे में फूल आते हैं, जबकि फसल पकने की अवधि कुल 104 दिन है। पौधे में लगने वाले फूल का रंग सफेद होता है, वही बीज पीला तथा बीज की नाभि काले रंग की होती है। इन नए बीज से किसानों को उत्पादन ज्यादा मिलेगा, क्योंकि कीटों का प्रभाव नहीं होने से फसल पुष्ट और सेहतमंद होगी।अगले सीजन से किसानों को इसका बीज मिलना शुरू हो जाएगा।

यहां तैयार हुई ‘MACS 1407 Variety’

New Soybean Variety MACS 1407 |सोयाबीन की यह नई किस्म एमएसीएस (MACS) 1407 को पुणे स्थित अघरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है। यह रिसर्च इंस्टीट्यूट भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्वायत्त संस्था है। यह संस्थान इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) के तहत काम करता है। इस नई वेरायटी के बारे में केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से भी जानकारी दी गई है। नई वेरायटी के बीज अगले खरीफ सीजन में किसानों को उपलब्ध हो सकेंगे।

रोग प्रतिरोधी है नई किस्म

सोयाबीन की नई MACS 1407 वेरायटी क्रॉस ब्रीडिंग टेक्नोलॉजी से तैयार की गई है। इस नई किस्म से 39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक सोयाबीन का उत्पादन मिल सकेगा। MACS 1407 की खासियत की बात करें तो यह किस्म बंपर पैदावार देने के साथ ही खतरनाक कीटों जैसे गर्डल बीटल, लीफ माइनर (leaf minor), लीफ रोलर (leaf roller), स्टेम फ्लाई (stem fly), एफिड्स (aphids) , व्हाइट फ्लाई (white fly) और डिफोलिएटर्स (defoliators) से बेअसर है।

New Soybean Variety MACS 1407 का बीज कहा मिलेगा?

सोयाबीन MACS किस्म का बीज इस खरीफ सीजन 2023 में किसानों को मिलेगा। इस किस्म का बीज लेने के लिए अपने नजदीकी बीज बैंक या सीड्स कंपनी से संपर्क करें। यहां नीचे दिए गए फोन नंबर के माध्यम से एमपी की प्रमुख सीड्स कंपनी से संपर्क कर सकते है. :-     94253 – 32517

सोयाबीन MACS 1407 किस्म की पैदावार/उपज

New Soybean Variety MACS 1407 सोयाबीन की इस नई MACS 1407 किस्म से अभी तक अधिकतम उपज 39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक देखी गई है। अब देखना यह है की आने वाले समय में इस किस्म से कितनी पैदावार ली जाएगी।

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MACS 1407 किस्म खेती की जानकरी

  • बुवाई – MACS 1407 (New Soybean Variety MACS 1407)  की बुवाई 20 जून से 5 जुलाई तक कर देनी होगी और इससे कोई उपज की हानि नहीं होगी। अगर इस अवधि में बुवाई कर दें तो मॉनसून का प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा।
  • फूल आने का समय – नई किस्म‘MACS 1407’बुवाई के बाद फुल आने में 43 दिन का समय लगता है।
  • फसल पकने की अवधि – इस किस्म की फसल पकने में 104 दिन का समय लगता है।
  • 1407 किस्म का पौधा – इस किस्म के पौधे में फूल सफेद होता है, बीज पीला होता है तना काले रंग की होती है। इसका बीज जल्द अंकुरित भी हो जाता है। इसके पौधे की जड़ जमीन से बस 7 सेमी नीचे तक होगी। इससे उपज प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
  • सिंचाई – MACS 1407 किस्म की खेती के लिए अच्छी बारिश की आवश्यकता होती है। देश के उत्तर पूर्वी भागों में अच्छी बारिश होती है और वहां पानी की कमी नहीं होती। ऐसे इलाकों में फसल का अच्छा उत्पादन होगा।
  • उत्पादन – कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, किस्म के लिए मौसम अनुकूल हो तो 17 % तक ज्यादा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। अगर मौसम अनुकूल ना रहा हो, तो उत्पादन घटकर 14 % तक प्राप्त किया जा सकता है।

नीचे दिए गए कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न/उत्तर जानिए-

प्रश्न- सोयाबीन MACS 1407 किस्म क्या है ?

उत्तर- MACS एक प्रकार की सोयाबीन की नई किस्म है। जो हाल ही में पुणे स्थित अघरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किया है। यह रिसर्च इंस्टीट्यूट भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्वायत्त संस्था है। सोयाबीन की यह नई किस्म किसानो की आय को बड़ाएगी।

प्रश्न- सोयाबीन की सबसे ज्यादा उपज देने वाली किस्म कौन सी है ?

उत्तर- सोयाबीन (New Soybean Variety MACS 1407) की ज्यादा उपज देने वाली मुख्य किस्मों की जानकारी दी गई है।

  1. फुले संगम केडीएस 726- इसकी उत्पादन क्षमता 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर ,
  2. एमएसीएस 1407- इसकी उत्पादन क्षमता 39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
  3. प्रताप सोया-45 (आरकेएस-45)- इसकी उत्पादन क्षमता 30 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

प्रश्न- सयाबीन की बंपर आवक के लिए कौन-कौन सी किस्म की खेती कर सकते हैं ?

उत्तर- सोयाबीन (New Soybean Variety MACS 1407) की बंपर आवक के लिए किसान भाई एमएसीएस 1407 किस्म, जेएस 2034 किस्म, फुले संगम/केडीएस 726 किस्म, बीएस 6124 किस्म, सोयाबीन की प्रताप सोया-45 (आरकेएस-45), जेएस 2069 किस्म, जेएस 9560 किस्म, जेएस 2029 किस्म खेत में बच्चों को सकते हैं।

प्रश्न- सोयाबीन की अन्य उन्नतशील किस्में कौन-कौन सी है ?

उत्तर- सोयाबीन के अन्य उन्नत किस्मों में (New Soybean Variety MACS 1407) एमएसीएस (MACS) 1407 किस्म, शिलाजीत, जेएस 2034 किस्म, फुले संगम/केडीएस 726 किस्म, पूसा- 16, बीएस 6124 किस्म, प्रताप सोया-45 (आरकेएस-45 ) किस्म, जेएस 2069 किस्म, जेएस 9560 किस्म, जेएस 2029 किस्म, एमएयूएस 81 (शक्ति) किस्म, प्रताप सोया-1 (आरएयूएस 5), वीएल सोया- 2, वीएल सोया- 47, हरा सोया, पालम सोया, पंजाब- 1, पी एस- 1241, पी एस- 1092, पी एस- 1347, वी एल एस- 59 और वी एल एस जैसी किस्म शामिल है।

प्रश्न- सोयाबीन की नई किस्में कौन-कौन सी है ?

उत्तर- हाल ही में जारी की गई सोयाबीन की नई किस्मों में जेएस 2069, एमएसीएस (New Soybean Variety MACS 1407) (MACS) 1407, जेएस-2034, आरवीएस 2001-4 और एनसीआर 86 है।

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