प्याज व लहसुन भाव : पढ़िए प्याज एवं लहसुन के भाव बढ़ेंगे या नहीं, पूरी रिपोर्ट

Pyaj Lahsun Bhav today: प्याज एवं लहसुन के भाव मंडियों में क्या चल रहे हैं। आने वाले समय में क्या इनके भाव बढ़ेंगे। आइए जानते हैं।

Pyaj Lahsun Bhav today | प्याज एवं लहसुन की खेती (Cultivation of Onion and Garlic) एमपी राजस्थान महाराष्ट्र में अधिक होती है। पिछले वर्ष प्याज एवं लहसुन की खेती से किसानों को भारी हानी उठाना पड़ी थी। यही कारण है कि इस वर्ष प्याज एवं लहसुन की खेती का रकबा कम हो गया। प्याज एवं लहसुन की नई फसल मंडियों में कई दिनों पहले से ही आने लगी है।

प्याज की पैदावार महाराष्ट्र में ज्यादा होती है इसके बाद मध्यपदेश का नंबर आता है। महाराष्ट्र में प्याज की खेती करने वाले किसान प्याज के दाम को लेकर परेशान हो रहे हैं। इन दोनों किस्मों के भाव (Pyaj Lahsun Bhav today) हल्के उतार-चढ़ाव के साथ स्थिरता लिए हुए हैं। इस खबर के माध्यम से हम यह जानते हैं कि प्याज व लहसुन (onion and garlic) के भाव निकट समय में बढ़ेंगे या नहीं …

रबी सीजन की आवक बढ़ते ही प्याज में मंदी छाई

रबी सीजन की शुरुआत होते ही प्याज की आवक धीरे-धीरे बढ़ने लगी मंडियों में प्याज की आवक (Pyaj Lahsun Bhav today) बढ़ने के साथ-साथ भाव में मंदी आ गई। रबी सीजन में कुल प्याज का उत्पादन 60 से 65 प्रतिशत होता है। कुछ राज्यों में खरीफ सीजन का प्याज भी आ रहा है।

रबी सीजन की आवक बढ़ने पर भावों में और गिरावट आ सकती है। क्योंकि इस वर्ष भी प्याज का बंपर उत्पादन होने जा रहा है। बीते सालों का ट्रेंड रहा है कि मार्च अंत तक रबी की मुख्य प्याज आने से पहले जनवरी-फरवरी में किसानों को अर्ली सीजन प्याज (Pyaj Lahsun Bhav today) के अच्छे दाम मिलते रहे हैं। इस बार प्रमुख मंडियों में आवक बीते साल की इसी अवधि के मुकाबले 40% तक बढ़ गई।

गत वर्ष एवं इस वर्ष प्याज के भाव में यह अंतर है

इस बार अच्छी बारिश से पानी की उपलब्धता में सुधार के कारण मप्र, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात में किसानों ने बड़े क्षेत्र में प्याज लगाए थे। इन सभी राज्यों से प्याज की आमद के साथ ही लेट खरीफ की फसल को बाजार में उतारने से कीमतों में गिरावट आई।

उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार दिल्ली एवं अन्य मंडियों में प्याज (Pyaj Lahsun Bhav today) के खेरची भाव 22 रुपए किलो हैं, जबकि गत वर्ष 35 रुपए के करीब थे। प्याज के भावों में आ रही गिरावट ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यही स्थिति लहसुन के भाव में भी देखने को मिल रही है शुरुआत में लहसुन के भाव तेजी लिए हुए थे, लेकिन अब लहसुन में फिर से मंदी आ गई।

किस कारण प्याज के भाव में मंदी आई जानिए

खरीफ प्याज फरवरी तक और लेट खरीफ को मई-जून तक बेचा जाता है। खरीफ और लेट खरीफ दोनों प्याज में हाई मॉइस्चर होता है। इस कारण उन्हें ज्यादा से ज्यादा चार महीने (Pyaj Lahsun Bhav today) तक स्टोर किया जा सकता है। इसके विपरीत रबी की प्याज को सर्दी-वसंत के महीनों के दौरान उगाया जाता है, और इसमें नमी की मात्रा कम होती है। इसे कम से कम छह महीने तक स्टोर किया जा सकता है। रबी की फसल अक्टूबर तक बाजार में रहती है।

महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश के कई किसान (Pyaj Lahsun Bhav today) बल्क में तीन फसलें उगाते हैं। सर्वप्रथम खरीफ (जून-जुलाई में बोई जाती है और सितंबर-अक्टूबर में काटी जाती है), लेट-खरीफ (सितंबर-अक्टूबर में लगाई जाती है और जनवरी-फरवरी में काटी जाती है) और रबी (दिसंबर-जनवरी में रोपी जाती है और मार्च-अप्रैल में काटी जाती है)। कटी हुई फसल को किसान एक बार में नहीं बेचते। आम तौर पर इसे किश्तों में बेचते हैं ताकि प्याज का भाव एक दम से कम न हो।

प्याज को ज्यादा दिन तक स्टाक नहीं रखा जा सकता

प्याज की मौजूदा कीमत में गिरावट का मुख्य कारण फरवरी के दूसरे हफ्ते से तापमान में अचानक बढ़ोतरी है। हाई मॉइस्चर वाले प्याज में हीट शॉक से क्वालिटी खराब होने का खतरा होता है। अचानक सूखने के कारण बल्ब सिकुड़ जाते हैं। आम तौर पर, किसान (Pyaj Lahsun Bhav today) इस समय केवल खरीफ की फसल ही बेचते है। लेकिन इस बार भीषण गर्मी ने उन्हें लेट खरीफ प्याज भी उतारने पर मजबूर कर दिया है, जिसे अब स्टोर नहीं किया जा सकता है। चूंकि खरीफ और लेट-खरीफ दोनों प्याज एक ही समय पर आ रहे हैं, इसलिए कीमतों में गिरावट आई है।

तापमान में बढ़ोतरी से प्याज खराब होने का खतरा – इस बार भीषण गर्मी ने किसानों को लेट खरीफ प्याज भी बाजार में उतारने पर मजबूर कर दिया है।

इस बार प्याज की बंपर पैदावार (Pyaj Lahsun Bhav today) 

देश के 25-26 मिलियन टन (MT) के वार्षिक प्याज उत्पादन का लगभग 40% हिस्सा महाराष्ट्र का है। इसमें से 1.5-1.6 MT एक्सपोर्ट किया जाता है। महाराष्ट्र के अलावा, मप्र (16-17%) कर्नाटक (9-10%), गुजरात (6-7%), राजस्थान और बिहार (5-6% प्रत्येक) प्रमुख उत्पादक हैं।

प्याज का निर्यात हो तो भाव में तेजी आएगी

ऑल इंडिया वेजिटेबल ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीराम गाडवे कहते हैं कि 12 से अधिक देशों में प्याज संकट है। मनीला में 900 से 1200 रुपए किलो भाव (Pyaj Lahsun Bhav today) है। लंदन में 115 रुपए है। केंद्र सरकार इन देशों में निर्यात के लिए जरूरी कदम उठाए। अभी किसान तीन से चार देशों में प्याज भेज पाते हैं। ऐसे में यहां हम प्याज के दामों में आई गिरावट के कारणों के बारे में बता रहे हैं।

लहसुन- प्याज के भाव वर्तमान में यह है

मध्य प्रदेश की मंडियों में इस समय लहसुन की आवक सामान्य बनी हुई है, दिसावरों में मांग कमजोर रहने से भरावा होता जा रहा है, जिससे भावों में 500 रुपए क्विंटल की गिरावट रही। प्याज में मांग कम है। बांग्लादेश के लिए नई एलसी नहीं खुलने से गोल्टा- गोल्टी में ग्राहकी कमजोर पड़ गई। आलू (Pyaj Lahsun Bhav today) की आवक कम एवं मांग रहने से 100 रुपए क्विंटल की तेजी रही।

ज्योति का एकाध लॉट 1300 रुपए तक बिक गया। प्याज बेस्ट क्वालिटी 900 से 1000 एवरेज 700 से 800 गोल्टा 400 से 500 गोल्टी 200 से 300 रुपए। लहसुन ऊंटी 6000 से 6500 सुपर बोल्ड 4500 से 5000 बोल्ड 3500 से 4000 एवरेज 2500 से 3000 बारीक 1000 से 1500 रुपए। आलू ज्योति 1100 से 1200 चिप्स 800 से 1000 एवरेज क्वालिटी 600 से 700 रुपए (क्विंटल) ।

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3 thoughts on “प्याज व लहसुन भाव : पढ़िए प्याज एवं लहसुन के भाव बढ़ेंगे या नहीं, पूरी रिपोर्ट”

    • मई-जून में लहसुन के शव को लेकर जानकारों का मानना है कि ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होगा।

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