रबी फसल के बेहतर उत्पादन के लिए पूसा संस्थान (Rabi Crop Advisory) ने किसानों के जारी की एडवाइजरी, जानें पूरी खबर।
Rabi Crop Advisory | देश में गेंहू, चना सहित अन्य रबी फसल 30 से 60 दिन की हो गई है। इस समय फसल से बेहतर उत्पादन लेने के लिए किसानों को पौध संरक्षण का ध्यान देना जरूरी हो जाता है। यदि समय रहते फसल का ध्यान नहीं दिया जाए तो उसमें रोग एवं किट Rabi Crop Advisory पनप सकते है और भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में पूसा संस्थान (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान संस्थान) ने किसानों के लिए रबी फसलों को लेकर जरूरी सलाह/एडवाइजरी जारी की है। जो की इस प्रकार से है :-
गेंहू में आ रही जड़गलन समस्या, ऐसे करें रोकथाम
मध्यप्रदेश के कई स्थानों पर गेंहू की फसल Rabi Crop Advisory में जड़ों के गलने की समस्या देखी जा रही है। इस समस्या के समाधान के लिए पूसा संस्थान (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) ने एडवाइजरी जारी की है की, फसल में दीमक लगने से जड़ गलन की समस्या देखी जा रही है। इसके समाधान हेतु किसान साथी क्लोरोपाइरीफॉस की 3 लीटर मात्रा को 50 किलोग्राम मिट्टी में मिलाकर 1 हेक्टेयर में छिड़काव करें। इसके बाद खेत में हल्की सिंचाई करें।
पुरानी किस्म में यह 2 रोग लगने की संभावना अधिक..
Rabi Crop Advisory | यदि पुरानी प्रजाति की बुवाई की गई है तो फसल में कुछ बीमारियों के आने की संभावना रहती है। इनके इस क्षेत्र में बीमारियों की फसल में आनी हैं, भूरा (पत्ती) तथा काला (तना) रोली जिसे रस्ट के नाम से जानते हैं, अनावृत कंड्वा जिसमें बाली में दाने की जगह काला चूर्ण भरा होता है तथा करनाल बंट जिसमें दाने का कुछ हिस्सा या पूरा दाना काला पड़ जाता है।
इन बीमारियों के नियंन्त्रण हेतु अवरोधी किस्में तथा बीजोपचार ही प्रमुख रहता है। फिर भी बुवाई के उपरान्त ये बीमारियाँ फसल में दिखती हैं तो भूरा या काला रोली का प्रकोप होने पर फसल में 2-3 छिड़काव 0.1 प्रतिशत प्रोपिकोनेजोल (टिल्ट) 25 ईसी या टेबुकोनेजोल 250 ईसी का करने से लाभ होता है। अनावृत कंड्वा ग्रसित बाली Rabi Crop Advisory दिखते ही उन्हें तुरन्त पौलीथीन से ढककर सावधनी से खेत के बाहर ले जाकर जला दें अथवा गहरे गढढे में गाढ दें तथा उपरोक्त कवकनाशियों का इस्तेमाल करें।
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सब्जियों एवं फल के लिए जारी एडवाइजरी..
पपीते की खेती को लेकर सलाह :- इस समय पपीते के पत्तों Rabi Crop Advisory के किनारे भूरे होंने की समस्या देखी जा रही हैं। इस समस्या के समाधान के लिए पूसा संस्थान (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) ने किसानों को बताया की, उनकी फसल में फफूंद जनित बीमारियों का प्रकोप हुआ हैं। इसके समाधान हेतु कारबेंडाजिम एंव मेंकाजेब की 300 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर 1 एकड़ में छिड़काव करें।
टमाटर फसल में देखा गया लीफ कर्ल वायरस :- मध्यप्रदेश के कई किसानों के टमाटर के पौधे सूखने लगे है। इस समस्या के समाधान के लिए पूसा संस्थान (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) Rabi Crop Advisory ने मध्यप्रदेश के किसानों को बताया कि उनकी फसल में टमाटर की पत्तियों का मुड़ना (लीफ कर्ल) रोग का प्रकोप हुआ हैं। किसान इसके लिए सर्व प्रथम रोग ग्रसित पौधों को खेत से हटा दें। इसके समाधान हेतु इमिडाक्लोप्रिड की 80 मिली. मात्रा को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर 1 एकड़ में तुरंत छिड़काव करें।
गोभी की फसल में देखा गया डायमंड बैक मॉथ कीट :- उत्तरप्रदेश के कई किसानों की गोभी के पत्तों में छेद होने की समस्या देखी गई है। ऐसे में पूसा संस्थान (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) ने किसानों के लिए एडवाइजरी Rabi Crop Advisory जारी की है की, गोभी की फसल में हीरक पृष्ठ पतंगे (डायमंडबैक मॉथ) का प्रकोप हुआ हैं। किसान इसके लिए सर्व प्रथम कीड़े से प्रभावित पत्तों को तोड़कर गड्डे में दबा दें या फिर रासायनिक नियंत्रण हेतु क्लोरनट्रानीलीप्रोल क 20 मिली. मात्रा 200 लीटर पानी मे घोल बनाकर 1 एकड़ में छिड़काव करें।
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