सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर की सोयाबीन कृषकों को विशेष सलाह, इस तरह बढ़ाए अपनी उपज

राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर ने 21 से 27 जुलाई के लिए सोयाबीन कृषकों के लिए साप्ताहिक सलाह (Soybean Advisory) जारी की। देखें डिटेल…

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Soybean Advisory | सोयाबीन की खेती किये जाने वाले क्षेत्रों में बोवनी की तिथियों में भिन्नता होने से इस समय सोयाबीन 35-40 दिन की हैं। कुछ क्षेत्रों में वर्षा हो रही हैं जबकि कुछ क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा नहीं होने से फसल की बढ़वार अपेक्षाकृत नहीं हैं। जहा सबसे पहले बोवनी हुयी, इस सप्ताह फूल आने की अवस्था में होगी।

ऐसी स्थिति में कीट/रोग/खरपतवार नियंत्रण के उपायों के साथ साथ अन्य सुरक्षात्मक उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही हैं। आइए जानते है सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर द्वारा दी गई सोयाबीन कृषकों को साप्ताहिक सलाह…

कीट नियंत्रण हेतु सलाह

1. चक्र भृंग के लक्षण दिखाई देने पर प्रारंभिक अवस्था में ही इसके नियंत्रण हेतु थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी .( 750 मिली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी 18.50% SC (150 मिली/हे) Soybean Advisory

या इमामेक्टीन बेन्जोएट (425मिली /है ) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी (1 ली/ है) या का छिड़काव करें। यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट कर दें।

2. तना मक्खी के नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि लक्षण दिखाई देने पर पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) या आइसोसायक्लोसरम 9.2 WW.DC (10% W/V) DC (600 मिली/हे.) का छिड़काव करें। Soybean Advisory

3. बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप होने पर झुण्ड में रहने वाली इन इल्लियो को प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे सहित खेत से निष्कासित करें एवं फसल पर फ्लूबेंडियामाइड 20WG (250-300 ग्रा/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 SC (150 मिली/हे) लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 04.90% CS (300 मिली/हे.) या इंडोक्साकार्ब 15.80 % EC (333 मिली/हे.) छिडकाव करें।

4. अलसी की इल्ली के नियंत्रण हेतु फसल पर क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी ( 150 मिली/हे) या स्पायनेटोरम 11.7एस.सी (450 मिली/हे) या या फ्लूबेंडियामाइड 20डब्ल्यू. जी (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे)। Soybean Advisory

5. सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी, ( 150मि.ली./हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), या फ्लूबेंडियामाइड 20डब्ल्यू.जी (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस .सी (333 मि.ली/हे),

या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी. एस. (300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50ई.सी.(1 ली/हे) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50 % एस. सी. (825-875 मिली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30% + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.60% ZC, (200 मिली/हे) या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/1 एस.सी. (42-62 ग्राम/हे), का छिडकाव करें। Soybean Advisory

6. तम्बाकू की इल्ली में के नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : स्पायनेटोरम 11.7एस.सी (450 मिली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी, (150मि.ली./हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), या फ्लूबेंडियामाइड 20डब्ल्यू. जी (250-300 ग्राम/हे)

या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस.सी (333 मि.ली/हे ), या या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50 % एस. सी. (825-875 मिली/हे या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/1 एस.सी. (42-62 ग्राम/हे),) का छिडकाव करें।

7. पत्ती खाने वाली तीनों इल्लियों (सेमीलूपर/तम्बाकू/चने की इल्ली) के एक साथ नियंत्रण हेतु स्पायनेटोरम 7.11 एस.सी (450 मिली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5एस.सी ( 150 मिली/हे) या पूर्व मिश्रित कीटनाशक जैसे क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (200 मिली/हे) का छिडकाव करें। Soybean Advisory

8. पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर/तम्बाकू/चने की इल्ली) तथा रस चूसने वाले कीट जैसे सफ़ेद मक्खी/जसीड एवं तना छेदक कीट (तना मक्खी/चक्र भृंग) के एक साथ नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाशक जैसे थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. या इंडोक्साकार्ब 15.8 एस.सी (333 मि.ली/हे), का छिडकाव करें।

रोग नियंत्रण हेतु सलाह

1. लगातार बारिश होने वाले क्षेत्रों में एन्थ्राक्नोज रोग की सम्भावना अधिक होती हैं। अतः इसके प्रारंभिक लक्षण देखे जाने पर कृषकों को सलाह हैं कि इसके नियंत्रण हेतु शीघ्रातिशीघ्र टेबूकोनाजोल 25.9 ई.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाजोल 38.39 एस.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाझोल 10%+सल्फर 65%WG (1.25 किग्रा./हे) या कार्बेन्डाजिम 12%+मेन्कोजेब 63% डब्ल्यू.पी. (1.25 किग्रा/हे) से फसल पर छिडकाव करें। Soybean Advisory

2. पीला मोज़ेक/सोयाबीन मोज़ेक रोग के लक्षण दिखने पर प्रारंभिक अवस्था में ही रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फ़ैलाने वाले वाहक सफ़ेद मक्ख/एफिड की रोकथाम हेतु थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125 मिली/हे)

बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हे) या एसिटेमीप्रीड 25%+बायफेंथ्रिन 25% WG (250ग्रा./हे) का छिडकाव करें। इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। यह भी सलाह है कि सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण हेतु कृषकगणअपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं। Soybean Advisory

खरपतवार नियंत्रण हेतु सलाह

1. सोयाबीन फसल को 50-60 दिन तक खरपतवार मुक्त रखना आवश्यक होता हैं. इसके लिए सुविधानुसार विभिन्न पद्धतियों (हाथ से निंदाई, डोरा/कुल्पा का प्रयोग/खड़ी फसल में उपयोगी खरपतवारनाशकों का प्रयोग किया जा सकता हैं। इसके लिए दो बार हाथ से निंदाई (20 एवं 40 दिन की फसल में) Soybean Advisory

या सुविधानुसार 25 दिन तक डोरा/कुलपा या अनुशंसित खरपतवारनाशकों का छिडकाव करें। लगातार बारिश होने की स्थिति में अगर खेत में डोरा/कुलपा/ट्रेक्टर चालित डोरा या बूम स्प्रे का प्रयोग संभव नहीं हो, जेट ट्रेक्टर को मेड/सड़क पर खड़ा कर इससे जुड़े लम्बे पाइप वाले जे छिडकाव किया जा सकता हैं।

2. ऐसे कृषक जिन्होंने अपनी फसल में बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों का प्रयोग किया हैं। सलाह हैं कि खरपतवारों के नियंत्रण हेतु सुविधाजनक मौसम होने पर डोरा/कुलपा चलायें। Soybean Advisory

3. जहां फसल 15-20 दिन की हो गई है, और अभी तक किसी भी प्रकार के खरपतवारनाशक का प्रयोग नहीं किया हैं, सलाह हैं कि सोयाबीन फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए अनुशंसित खड़ी फसल में उपयोगी किसी एक रासायनिक खरपतवारनाशक का छिडकाव करें।

4. राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान द्वारा खरपतवारनाशकों एवं कीटनाशकों की सांगतता बाबत अभी तक किये गए अनुसन्धान परीक्षणों के अनुसार निम्न खरपतवारनाशक एवं कीटनाशकों की संगतता पाई गई हैं.

अतः सलाह हैं कि जिन्होंने बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों का अभी तक प्रयोग नहीं किया हैं, निम्न सूचि में से कोई एक कीटनाशक एवं खरपतवार नाशक का मिलाकर छिडकाव किया जा सकता हैं। Soybean Advisory

(1)कीटनाशक : क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली/हे) या क्विनाल्फोस 25 ई.सी (1 ली/हे) या इन्डोक्साकर्ब 15.8 एस.सी (333 मि.ली./हे)।

(2) खरपतवारनाशक : इमाज़ेथापायर 10 एस.एल (1 ली/हे) या क्विजालोफोप इथाइल 5 ई.सी (1 ली/हे)।

अन्य सस्य क्रियाओं का अनुपालन

1. सोयाबीन फसल में 3 दिन से अधिक समय का जलजमाव नुकसानदायक होता है, अतः अतिरिक्त जल-निकासी सुनिश्चित करें। Soybean Advisory

2. अधिक अंतराल का सुखा होने पर दरारे पड़ने से पूर्व ही फसल की सिंचाई करें। इसके लिए स्प्रिंकलर/ड्रिप/BBF/रिज फरो से बनी नालियों का उपयोग किया जा सकता हैं। कृषकगण अन्य उपाय जैसे भूसे/खरपतवारों की पलवार लगा कर नमी संरक्षण का काम कर सकते हैं।

3. सूखे की स्थिति के दौरान लोह तत्व की अनुपलब्धता से सोयाबीन की उपरी पत्तियाँ पर पीलापन देखा जा रहा हैं, जो वर्षा आने पर पूर्ववत हो सकेगा। अधिक तीव्रता होने पर 1% फेरस सल्फेट+0.2% चुना (प्रति लीटर पानी में 10 ग्राम फेरस सल्फेट + 2 ग्रा. चुना) मिलाकर फसल पर छिडकाव करें।

4. घनी फसल होने पर सोयाबीन में चक्र भृंग कीट का प्रकोप अधिक होने की सम्भावना होती हैं। अतः दो रिंग दिखाई देने वाली ऐसी मुरझाई/लटकी हुई ग्रसित पत्तियों को प्रारंभिक अवस्था में ही (एक सप्ताह के अन्दर) तने से तोड़कर जला दे या खेत से बाहर करें। Soybean Advisory

5. अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं खेत में जाकर कई स्थानों के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करें कि क्या आपके खेत में किसी इल्ली/कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि हैं, तो कीड़ों की अवस्था क्या हैं? तदनुसार उनके नियंत्रण के उपाय अपनाये।

6. भले ही फुल आने की अवस्था हो, कीट एवं रोगों से सुरक्षा हेतु उपयुक्त रसायनों का छिडकाव करें।

फसल संरक्षण के अन्य उपाय

1. कृषकों को सलाह हैं कि जलभराव से होने वाले नुकसान से सोयाबीन फसल को बचाने हेतु अतिरिक्त जल-निकासी सुनिश्चित करें।

2. कीटनाशक एवं फफूंदनाशक के छिडकाव हेतु होलो कोन नोजल जबकि खरपतवारनाशक के छिडकाव हेतु फ्लड जेट/फ्लैट फेन नोजल का उपयोग करें। Soybean Advisory

3. पीला मोज़ेक रोग से सुरक्षा हेतु रोगवाहक कीट सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण के लिए अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।

4. सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठने हेतु “T” आकार के बर्ड-पर्चेस लगाये। इससे कीट-भक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है।

5. सोयाबीन फसल में तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्लियों के प्रबंधन हेतु बाजार में उपलब्ध कीट विशेष फेरोमोन ट्रैप या प्रकाश प्रपंच लगाये।

6. अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं खेत में जाकर 3-4 स्थानों के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करें कि क्या आपके खेत में किसी इल्ली/कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि हैं, तो कीड़ों की अवस्था क्या हैं? तदनुसार उनके नियंत्रण के उपाय अपनाये। Soybean Advisory

7. सोयाबीन फसल पर पौध संरक्षण के लिए अनुशंसित रसायनों (कीटनाशक/फफूंद नाशक) के छिड़काव में पर्याप्त पानी की मात्रा (नेप्सेक स्प्रयेर से 450 लीटर/हे या ट्रेक्टर चालित पॉवर स्प्रेयर से 125-150 लीटर/हे न्यूनतम) का उपयोग करें।

8. कीट एवं रोगों से फसल सुरक्षा हेतु उपयुक्त रसायनों का छिडकाव किया जाना चाहिए, भले ही सोयाबीन फसल फुल आने की अवस्था में हो।

9. ऐसे रसायन (कीटनाशक/खरपतवारनाशक फफूंदनाशक) जो सोयाबीन फसल में उपयोग हेतु भारत सरकार के केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा जारी सूचि में शामिल नहीं, उपयोग नहीं करें। Soybean Advisory

10. किसी भी प्रकार का कृषि-आदान क्रय करते समय दुकानदार से हमेशा पक्का बिल लें जिस पर बैच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखा हो।

11. जिन रसायनों (कीटनाशक/खरपतवारनाशक/फफूंदनाशक) के मिश्रित उपयोग की वैज्ञानिक अनुशंसा या पूर्व अनुभव नहीं है, ऐसे मिश्रण का उपयोग कदापि नहीं करें। इससे फ़सल को नुकसान हो सकता है।

12. सोयाबीन का जैविक उत्पादन लेने वाले किसान कृपया पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली ) से फसल की सुरक्षा एवं प्रारंभिक अवस्था में रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस अथवा ब्युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (0.1 ली/ हेक्टे) का प्रयोग करें। Soybean Advisory

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