मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सोयाबीन का भाव बढ़ाए जाने संबंधी एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है क्या है Soybean Price Viral Letter की हकीकत जानिए..
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Soybean Price Viral Letter | मध्य प्रदेश में सोयाबीन का भाव ₹6000 प्रति क्विंटल किए जाने को लेकर किसान अड़े हुए हैं, जबकि दूसरी ओर राज्य सरकार ने सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का निर्णय ले लिया है।
खरीदी की प्रक्रिया संबंधी दिनांक भी घोषित हो चुकी है, इसके बावजूद किसान संगठनों के नेतृत्व में किसान आगामी 16 सितंबर से प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं।
इसी बीच सोयाबीन का भाव बढ़ाए जाने को लेकर एक पत्र आज 13 सितंबर 2024 को सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। Soybean Price Viral Letter
इस पत्र में कैबिनेट की बैठक का हवाला देकर बताया जा रहा है कि सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया गया है। इस पत्र की सच्चाई क्या है एवं क्या पत्र में किया गया दावा सही है आईए जानते हैं..
यह पत्र हुआ सोशल मीडिया पर वायरल
दिनांक 13 सितंबर 2024 को जारी होने वाले इस पत्र क्रमांक / बी-11 / बी-2024 / 15746 / 2024 / 14-2 में राज्य सरकार क्या हवाले से बताया गया है कि मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 13.09.2024 निर्णय अनुसार
2024-25 विपणन खरीफ फसल सोयाबीन Soybean Price Viral Letter के न्यूनतम समर्थन मूल्य हेतु (एमएसपी) सरकार ने 2024-25 विपणन मौसम की उचित औसत गुणवत्ता की अधिदेशित खरीफ फसल सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। Soybean Price Viral Letter
पत्र में आगे कहा गया है कि सरकार का खरीफ फसलों की एमएसपी मे वृद्धी का निर्णय किसानों को उत्पादन लागत के ऊपर कम से कम 50 प्रतिशत मुनाफा देने की प्रतिबद्धता को पूरा करता है।
सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाने का दावा किया
राज्य सरकार द्वारा आदेशित पत्र में हवाला दिया गया है कि 2024-25 विपणन खरीफ मौसम की सोयाबीन फसल एमएसपी का मूल्य 2023-24 मे 4600 /- रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2024-25 मे 5789 /- रुपये प्रति क्विंटल की जाती है। Soybean Price Viral Letter
क्या है इस पत्र की सच्चाई
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पत्र वायरल हो रहा यह पत्र फर्जी है। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि किसानों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए इस तरह की फर्जी न्यूज़ एवं पत्र को वायरल किया जा रहा है। Soybean Price Viral Letter
पत्र की वास्तविकता को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 13 अक्टूबर 2024 को राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक हुई ही नहीं जबकि इसमें कैबिनेट की बैठक होने एवं कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय का हवाला देकर समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने का दावा किया जा रहा है।
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राज्य सरकार ने सिर्फ खरीदी प्रक्रिया निर्धारित की
सोयाबीन का बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने के कारण प्रदेश सरकार ने भारत सरकार को उपार्जन की अनुमति का प्रस्ताव भेजा था, जिसे कृषि मंत्रालय ने तत्काल स्वीकार कर लिया। साथ ही यह भी निर्धारित कर दिया कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ खरीदी करेंगी। Soybean Price Viral Letter
प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक की जाएगी। इसके लिए पंजीयन 25 सितंबर से 15 अक्टूबर तक होगा। मुख्य सचिव वीरा राणा ने उपार्जन की व्यवस्थाओं को लेकर समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि उपार्जन की बेहतर व्यवस्था के लिए राजस्व विभाग को गिरदावरी कराए।
केंद्रीय एजेंसियां करेंगी सोयाबीन की खरीदी
प्रदेश में पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदा जाएगा। भारत सरकार की एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नाफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ के लिए राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) द्वारा उपार्जन किया जाएगा। Soybean Price Viral Letter
इसके लिए सभी जिलों में उपार्जन केंद्र बनाए जाएंगे। ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों का पंजीयन होगा। खरीदी 90 दिन की जाएगी। प्रदेश में इस वर्ष लगभग 58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बोवनी की गई है। सर्वाधिक क्षेत्र मालवांचल में है।
भंडारण राज्य भंडार गृह निगम करेगा और बारदाना की व्यवस्था खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम करेगा। मुख्य सचिव ने कहा कि गुणवत्तायुक्त सोयाबीन खरीदी में किसानों को उर्पाजन केंद्रों पर परेशानी न आए,यह सुनिश्चित किया जाए। Soybean Price Viral Letter
उपार्जन केंद्र एवं लक्ष्य निर्धारित होना बाकी
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित होना बाकी है। कुछ स्थानों पर नाफेड उपार्जन करेगा और बाकी स्थानों पर मार्कफेड द्वारा विकेंद्रीकृत प्रणाली के अंतर्गत खरीदी की जाएगी। सहकारी समितियों को उपार्जन केंद्र बनाया जाएगा और भंडारण की व्यवस्था भी बनाई जाएगी। Soybean Price Viral Letter
भारत सरकार सोयाबीन को सेंट्रल पूल में लेकर बाहर नहीं भेजती है, तब तक भंडारण में होने वाली प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी। खरीदी केवल पंजीकृत किसानों से ही की जाएगी और भुगतान तीन दिन के भीतर सीधे खाते में होगा।
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