मानसून में देरी का असर सोयाबीन की खेती पर पड़ेगा, अब अपने क्षेत्र में कौन सी किस्में लगाए, यहां जानें

किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु मिट्टी एवं मानसून के आधार पर कौन कौन सी Soybean Variety का चयन करना चाहिए, देखें सोयाबीन अनुसंधान संस्थान द्वारा खरीफ 2023 के लिए अनुसंशित किस्में..

Soybean Variety | भारतीय कृषि पूरी तरह मानसून पर निर्भर है। खरीफ की फसलें मानसून पर आधारित रहती है। खरीफ फसलों में सबसे ज्यादा सोयाबीन की खेती होती है। किसानों द्वारा मध्य प्रदेश महाराष्ट्र एवं राजस्थान में सोयाबीन की सर्वाधिक खेती की जाती है। इस वर्ष मानसून में देरी के चलते अब ऐसा प्रतीत होता है कि सोयाबीन की खेती पर असर पड़ेगा। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसे में किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु मिट्टी एवं मानसून की निर्भरता के आधार पर ही सोयाबीन की किस्म का चयन करना चाहिए।

Soybean Variety सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान, इंदौर द्वारा सोयाबीन की जारी की गई साप्ताहिक सलाह (19-25) में संस्थान ने सोयाबीन की अनुसंशित किस्मों के नाम इस प्रकार है :-

मध्य क्षेत्र के लिए अनुसंशित सोयाबीन की किस्में

Soybean Variety मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश का बुन्देलखण्ड भाग, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र विदर्भ एवं मराठवाडा क्षेत्र के लिए एन.आर.सी. 142, एन.आर.सी. 138, एन.आर.सी. 130, एन.आर.सी. -150, एन.आर.सी.-152, एन.आर.सी. 127,जे.एस. 21-72, जे.एस 20-94, जे.एस. 20-98, जे.एस. 20.116 आर.वी.एस.एम. 2011-35, आर.वी.एस. 76, आर.वी.एस. 24, आर.वी.एस. 18, ए.एम.एस. 100-39, ए.एम.एस. 1001, ए.एम.एस.एम.बी. 5-18 इत्यादि है।

  • मध्य प्रदेश राज्य के लिए अनुशंसित किस्में : एन.आर.सी. 157, एन.आर.सी. 131, जे.एस. 20-69
  • महाराष्ट्र राज्य के लिए अनुशंसित किस्में Soybean Variety  : एम.ए.यु.एस. 725, के.डी.एस. 992, के.डी.एस. 726

पूर्वी क्षेत्र एवं उत्तर पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र के अनुसंशित किस्में

Soybean Variety छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार, उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल एवं असम, मेघालय, मणीपुर, नागालैण्ड व सिक्किम के लिए एम.ए.सी.एस. 1407, एम.ए.सी.एस. 1460, एन.आर.सी. 132, एन.आर.सी. 147, एन.आर.सी. 128, एन.आर.सी. 136, एन.आर.सी.एस.एल.-1, आर.एस.सी. 11-07, आर.एस.सी. 10-46, ए.एम्.एस. 2014-1 ( पूर्वा ), शालीमार सोयाबीन-1 (जम्मू एवं कश्मीर); उमियाम सोयाबीन (मेघालय), बिरसा सोयाबीन-3, आर.एस.सी. 11- 15 (छत्तीसगढ़)।

उत्तरी मैदानी क्षेत्र के लिए अनुसंशित किस्में

Soybean Variety पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के पूर्वी मैदान, मैदानी-उत्तराखण्ड व पूर्वी बिहार के लिए एस.एल. 1074, एस.एल. 1028, एन.आर.सी. 128, एस.एल. 979, पन्त सोयाबीन-26, पी.एस 1572 ।

उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र के लिए अनुसंशित किस्में

Soybean Variety हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र के लिए वी.एल. सोया 99, पन्त सोयाबीन 25 (पी.एस. 15 56) वी. एल. सोया 89,उत्तराखंड राज्य द्वारा विमोचित: वी.एल.भट्ट 201, वी.एल.सोया. 77 ,हिमाचल प्रदेश राज्य द्वारा विमोचित: हिम पालम सोया-1

दक्षिणी क्षेत्र के लिए अनुसंशित किस्में

Soybean Variety कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र का दक्षिणी भाग एम.ए.सी.एस. एन.आर.सी. 1667, करुणे, एन.आर.सी. 142, एम्.ए.सी.एस. 1460, एन.आर.सी. 132, एन.आर.सी. 147, के.डी.एस. 753 (फुले किमया), के.डी.एस. 726 (फुले संगम)।

महाराष्ट्र राज्य द्वारा अनुशंसित किस्में Soybean Variety : ए.एम्.एस. 1001 (पी.के.वी. येलो गोल्ड), के.डी.एस. 992 (दूर्वा) तेलंगाना राज्य द्वारा विमोचित किस्में: ए.एल.एस.बी. 50।

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