राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान की ओर से सोयाबीन कृषकों को 11 से 17 अगस्त के लिए साप्ताहिक एडवाइजरी (Soybean Weekly Advisory) जारी की।
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Soybean Weekly Advisory | राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान की ओर से सोयाबीन कृषकों को 11 से 17 अगस्त के लिए साप्ताहिक सलाह जारी की गई है। एडवाइजरी में किसानों को रोग कीट एवं अन्य महत्वपूर्ण सलाह दी गई है। जिससे किसान साथी अपनी फसल की पैदावार बढ़ा सकते है।
सोयाबीन की खेती किये जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों में वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखकर निम्न उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही हैं। विभिन्न कीटों के नियंत्रण हेतु केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा हाल ही में अनुशंसित कीटनाशक/रसायनों छिडकाव किया जा सकता हैं। : Soybean Weekly Advisory
वर्तमान मौसम में महत्वपूर्ण समसामयिक सलाह | Soybean Weekly Advisory
1. सूखे की स्थिति में भूमि में दरारे पड़ने से पूर्व ही फसल की सिंचाई करें। इसके लिए स्प्रिंकलर/ड्रिप/BBF/रिज फरो से बनी नालियों का उपयोग किया जा सकता हैं। कृषकगण अन्य उपाय जैसे भूसे/खरपतवारों की पलवार लगा कर नमी संरक्षण का काम कर सकते हैं।
2. जून माह के दुसरे/तीसरे सप्ताह में बोई गयी कम समयावधि की सोयाबीन फसल में कृषकों को सलाह है कि चूहें द्वारा फलियों के अन्दर दाने खाने से होने वाले नुकसान से बचाने हेतु प्रबंधन के उपाय अपनाये। इसके लिए फ्लोकोउमाफेन 0.005% रसायन से बने प्रति हेक्टेयर 15-20 बेट/हे. बनाकर चूहों के छेदों के पास रखे। : Soybean Weekly Advisory
3. वर्तमान में देखे जा रही सूखे की स्थिति में माइट्स mite आने की संभावना है इसलिए इसके प्रबंधन के लिए इथिओन Ethion 50 EC (phosmite) का @ 1500 मिली/हैक्टेयर के हिसाब से छिडकाव करने की अनुशंसा है।
4. बीजोत्पादन वाले खेत में शुद्धता बनाये रखने के लिए फूलों के रंग एवं पौधों/पत्तियों/तने पर पाए जाने वाले रोये के अधर पर भिन्न किस्मों के पौधों को अपने खेत से निष्कासित करें।
5. जलभराव से होने वाले नुकसान से सोयाबीन फसल को बचाने हेतु अतिरिक्त जल-निकासी सुनिश्चित करें। : Soybean Weekly Advisory
6. कई दिनों से बारिश नहीं होने से सुखी भूमि में सफ़ेद सुंडी का प्रकोप हो सकता हैं. अतः सलाह है की इसके नियंत्रण हेतु खेत मे प्रकाश प्रपंच लगाए एवं व्हाइट ग्रब के वयस्कों को एकत्र होने पर नष्ट करें। साथ ही फसल पर बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) का सोयाबीन की फसल में पौधों में बीच छिडकाव करें। : Soybean Weekly Advisory
7. वर्तमान में देखि जा रही सूखे/अतिवर्षा की स्थिति को ध्यान में रखकर 50-60 दिन की फसल में सलाह हैं की फसल पर देखे जा रहे/आने वाले समय में फफूंदजनित रोगों के नियंत्रण हेतु सुरक्षात्मक रूप से अनुशंसित फफूंदनाशक फ्लुक्सापग्रोक्साड + पायरोक्लोस्ट्रोबीन (300 ग्रा/हे) का छिडकाव करें. यह भी विशेष सलाह हैं कि छिडकाव के लिए क्रेप्लैक स्प्रयेर से प्रति हेक्टेयर 500लीटर पानी तथा ट्रेक्टर चालित पॉवर स्प्रयेर से न्यूनतम 200 ली. पानी का उपयोग करें।
रोगों का प्रकोप एवं नियंत्रण के उपाय | Soybean Weekly Advisory
1. एन्थ्राक्नोज रोग : इसके प्रारंभिक लक्षण देखे जाने पर ही नियंत्रण हेतु टेबूकोनाजोल 25.9 ई.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाजोल 38.39 एस.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाझोल 10%+सल्फर 65%WG (1.25 किग्रा./हे) या कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 63% डब्ल्यू.पी. (1.25 किग्रा/हे) से फसल पर छिडकाव करें।
2. रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट : इस रोग के लक्षण दिखाई देने पर सलाह हैं कि नियंत्रण हेतु अनुशंसित फफूंदनाशक फ्लुक्सापय्रोक्साड + पायरोक्लोस्ट्रोबीन (300 ग्रा/हे) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन + इपोक्कोसीकोनाजोल (750 मिली/हे) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20% WG (375-500 ग्रा/हे) का अपने फसल पर छिडकाव करें। : Soybean Weekly Advisory
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3. पीला मोज़ेक रोग : प्रारंभिक अवस्था में ही इसके लक्षण दिखने पर रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फ़ैलाने वाले वाहक सफ़ेद मक्खी की रोकथाम हेतु फ्लोनीकेमिड 50% WG (200 ग्रा/हे) या थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125मिली/हे)
या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हे) या एसिटेमीप्रीड 25%+बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) का छिडकाव करें. इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। यह भी सलाह है कि सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण हेतु कृषकगण अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं। : Soybean Weekly Advisory
कीटों का प्रकोप एवं नियंत्रण के उपाय | Soybean Weekly Advisory
1. तम्बाकू की इल्ली : इसके नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी, ( 150 मि.ली./हे) या स्पायनेटोरम 11.7एस.सी (450 मिली/हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), या फ्लूबेंडियामाइड 20डब्ल्यू. जी (250-300 ग्राम/हे.)
या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली/हे .) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस .सी (333 मि.ली/हे), या क्लोरफ्लूआजुरोन % 05.40EC (500 मिली./हे) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50 % एस. सी. (825-875 मिली/हे) या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/1 एस.सी. (42-62 ग्राम/हे),) का छिडकाव करें। : Soybean Weekly Advisory
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2. सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण हेतु क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी ( 150 मि.ली./हे), या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), या ब्रोफ्लानिलाइड 300एस.सी 300 g/l एस.सी. (42-62 ग्रा/हे.) या फ्लूबेंडियामाइड 20डब्ल्यू. जी (250-300 ग्राम/हे)
या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी. एस. (300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50ई.सी. (1 ली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 % + लैम्बडा मायहेलोथ्रिन 04.60%ZC (200 मिली/हेक्ट.) का छिड़काव करें। : Soybean Weekly Advisory
3. बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप होने पर झुण्ड में रहने वाली इन इल्लियो को प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे सहित खेत से निष्कासित करें एवं फसल पर फ्लूबेंडियामाइड 20WG (250-300 ग्रा/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 SC (150 मिली/हे) या लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 04.90% CS (300 मिली/हे.) या इंडोक्साकार्ब 15.80 % EC (333 मिली/हे.) छिडकाव करें।
4. तना मक्खी के नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि लक्षण दिखाई देने पर पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) या आइसोसायक्लोसरम 9.2 WW.DC (10% W/V) DC (600 मिली/हे.) या बायफेंथ्रिन 32% + क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 12% WG (250g/ha) का छिड़काव करें। : Soybean Weekly Advisory
5. पत्ती खाने वाली तीनों इल्लियों (सेमीलूपर/तम्बाकू/चने की इल्ली) के एक साथ नियंत्रण हेतु स्पायनेटोरम 11.7एस.सी (450 मिली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5एस.सी ( 150 मिली/हे) या पूर्व मिश्रित कीटनाशक जैसे क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (200 मिली/हे) का छिडकाव करें।
6. पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर/तम्बाकू / चने की इल्ली) तथा रस चूसने वाले कीट जैसे सफ़ेद मक्खी/जसीड एवं तना छेदक कीट (तना मक्खी चक्र भृंग) के एक साथ नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाशक जैसे थायोमिथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 % + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.60 % ZC, (200 मिली/हे) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस.सी (333 मि.ली/हे ), का छिडकाव करें। : Soybean Weekly Advisory
7. चक्र भृंग के लक्षण दिखाई देने पर प्रारंभिक अवस्था में ही इसके नियंत्रण हेतु थायक्लोप्रिड 21.7 एस. सी. (750मिली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी 18.50 % SC (150 मिली/हे) या इमामेक्टीन बेन्जोएट ( 425मिली /है) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी (1 ली/.है) या का छिड़काव करें। यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट कर दें। : Soybean Weekly Advisory
कृषकों के लिए सामान्य सलाह
1. फुल आने की अवस्था में पत्ती खाने वाली इल्लियों को फूलों को भी खाते हुए देखा गया हैं, अतः फसल की सुरक्षा हेतु उपयुक्त अनुशंसित कीटनाशक का छिडकाव करें।
2. सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठने हेतु “T” आकार के बर्ड-पर्चेस लगाये। इससे कीट-भक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है।
3. सोयाबीन फसल में तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्लियों के प्रबंधन हेतु बाजार में उपलब्ध कीट विशेष फेरोमोन ट्रैप या प्रकाश प्रपंच लगाये। : Soybean Weekly Advisory
4. अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं खेत में जाकर 3-4 स्थानों के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करें कि क्या आपके खेत में किसी इल्ली/कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि हैं, तो कीड़ों की अवस्था क्या हैं? तदनुसार उनके नियंत्रण के उपाय अपनाये।
5. सोयाबीन फसल पर पौध संरक्षण के लिए अनुशंसित रसायनों (कीटनाशक/फफूंद नाशक) के छिडकाव में पर्याप्त पानी की मात्रा (नेप्सेक स्प्रयेर या ट्रेक्टर चालित स्प्रयेर से 450 लीटर/हे पॉवर स्प्रेयर से 125 लीटर/हे न्यूनतम) का उपयोग करें। : Soybean Weekly Advisory
6. ऐसे रसायन (कीटनाशक/खरपतवारनाशक फफूंदनाशक) जो सोयाबीन फसल में उपयोग हेतु भारत सरकार के केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा जारी सूचि में शामिल नहीं, उपयोग नहीं करें।
7. किसी भी प्रकार का कृषि आदान क्रय करते समय दूकानदार से हमेशा पक्का बिल लें जिस पर बैच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखा हो।8. जिन रसायनों (कीटनाशक/खरपतवारनाशक फफूंदनाशक) के मिश्रित उपयोग की वैज्ञानिक अनुशंसा या पूर्व अनुभव नहीं है, ऐसे मिश्रण का उपयोग कदापि नहीं करें। इससे फ़सल को नुकसान हो सकता है। : Soybean Weekly Advisory
9. सोयाबीन का जैविक उत्पादन लेने वाले किसान कृपया पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली) से फसल की सुरक्षा एवं प्रारंभिक अवस्था में रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस अथवा ब्युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (1.0ली/हेक्टे) का प्रयोग करें।
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