अगेती मटर की खेती के लिए इन टॉप किस्मों को बोए, 60 दिनों में हो जाएंगे मालामाल

अगर आप भी सितंबर में मटर की अगेती खेती करने का विचार कर रहे है तो, आइए आपको बताते है मटर की टॉप किस्मों (Top Pea Varieties) के बारे में।

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Top Pea Varieties | मटर देश की शीतकालीन सब्जियों में एक है। दलहनी सब्जियों में मटर का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है।

मटर की खेती से जहां एक ओर कम समय में अधिक पैदावार मिलती है तो वहीं ये खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में भी मददगार होती है।

मटर का उपयोग सब्जी के साथ–साथ दलहन के रूप में भी किया जाता है। अगेती मटर की खेती कम समय में अच्छा मुनाफा देती है जिसके चलते इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। Top Pea Varieties

अगेती मटर की किस्म की बुआई के लिए सितम्बर माह के अंत से अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े तक की जाती है।

अगर आप भी मटर की अगेती किस्मों की खेती करना चाहते हैं तो सितंबर का महीना मटर की खेती करने के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है।

इसके लिए आप सही किस्मों का चयन कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों कमा सकते हैं। जानिए मटर की ऐसी ही पांच किस्मों के बारे में जिसकी खेती से किसानों को अच्छा लाभ मिलेगा। Top Pea Varieties

Top Pea Varieties | सितंबर में बोए मटर की ये किस्में

Top Pea Varieties ; अगर आप किसान हैं और इस सितंबर महीने में किसी फसल की खेती करना चाहते हैं, तो आप मटर की कुछ उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं।

इन उन्नत किस्मों में आर्केल, काशी नंदिनी, पूसा श्री, पंत मटर 155 और अर्ली बैजर किस्में शामिल हैं। इन किस्मों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

1. पंत मटर 155 किस्म

ये किस्म हाइब्रिड मटर Top Pea Varieties की एक अगेती प्रजाति है। इसे पंत मटर 13 और डी डी आर- 27 के संकरण से विकसित किया गया है।

इसकी बुवाई से 30 से 35 दिनों के अंदर ही इसमें फूल आने लगते हैं, जबकि इसकी हरी फलियों के रूप में पहली तुड़ाई 50 से 55 दिनों में कर सकते हैं।

इस किस्म की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है, जिसके कारण इसमें चूर्ण फफूंद और फली छेदक रोग का प्रकोप कम देखने को मिलता है।

ये किस्म प्रति हेक्टेयर 150 क्विंटल तक पैदावार देने में सक्षम है। Top Pea Varieties

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2. मटर की अर्ली बैजर किस्म

मटर की ये एक विदेशी किस्म है, जिसके पौधों की फलियों में बनने वाले बीज झुर्रीदार पाए जाते हैं। इस किस्म का पौधा बौना दिखाई देता है।

जिसके पौधे बीज रोपाई के लगभग 50 से 60 दिन बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है।

इस किस्म Top Pea Varieties के पौधों की प्रत्येक फलियों में औसतन 5 से 6 दाने पाए जाते हैं। इस किस्म पौधों से हरी हेक्टेयर औसतन उत्पादन 10 टन के आसपास पाया जाता है।

किसान भाई सितंबर में इस किस्म को लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते है।

3. मटर की आर्केल किस्म

आर्केल एक मटर Top Pea Varieties की यूरोपियन किस्म है. इसके दाने मीठे होते हैं। यह मटर की जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है।

इसकी फलियों को बुवाई के करीब 60 से 65 दिन बाद तोड़ना शुरू कर सकते हैं। इसकी फलियां आठ से 10 सेमी लंबी तलवार के आकार की होती हैं और इसमें पांच से छह दाने होते हैं।

4. मटर की काशी नंदिनी किस्म

काशी नंदिनी मटर Top Pea Varieties की एक अगेती किस्म है। अगेती किस्मों में इस किस्म का मुख्य स्थान है। बुवाई के लगभग 60-65 दिनों में इसकी फलियां तुड़ाई योग्य हो जाती हैं।

इसकी एक फली में 7-9 दाने बनते हैं। इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि पौधे में लगे सभी फलियां एक साथ तैयार हो जाती हैं।

जिससे बार-बार तुड़ाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इससे प्रति हेक्टेयर 110-120 क्विंटल मटर का उत्पादन किया जा सकता है। Top Pea Varieties

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5. मटर की पूसा श्री किस्म

पूसा श्री किस्म वर्ष 2013 में विकसित की गई एक अगेती किस्म है। यह किस्म Top Pea Varieties उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में बुवाई के लिए उपयुक्त है।

ये किस्म बुवाई के 50 से 55 दिनों बाद फसल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी प्रत्येक फली से 6 से 7 दाने निकलते हैं। वहीं इससे प्रति एकड़ 20 से 21 क्विंटल हरी फलियां प्राप्त होती है

अगेती मटर के लिए सितंबर में खेत को ऐसे करें तैयार

अगेती मटर Top Pea Varieties की खेती सितम्बर माह के अंत से अक्टूबर के शुरुआत तक की जाती है। मटर की इन किस्मों की सबसे खास बात यह है कि ये 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे खेत जल्दी खाली हो जाता है। लेकिन यह किस्म और मौसम पर भी निर्भर करता है। कुछ किस्में थोड़ी जल्दी या थोड़ी देर से तैयार हो सकती हैं।

1. अगेती मटर की की खेती सितम्बर माह के अंत से अक्टूबर के शुरुआत तक की जाती है। मटर की इन किस्मों की सबसे खास बात यह है कि ये 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे खेत जल्दी खाली हो जाता है।

Top Pea Varieties किसान दूसरी फसलों की बुआई इसके बाद कर सकते हैं। अगेती मटर जल्दी तैयार होने से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है. क्योंकि शुरुआत में बाजार में हरी मटर की आवक कम होती है।

2. अगेती मटर की की खेती के लिए खेत की 2 से 3 बार जुताई करें। मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करने के बाद हैरो चलाकर मिट्टी को भुरभुरा बना लें।

जुताई के बाद पाटा लगाकर खेत की मिट्टी को समतल करें। बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह सिंचाई करें ताकि बीजों को अंकुरण के लिए पर्याप्त नमी मिले।

3. खेत में गोबर की खाद या कंपोस्ट खाद मिलाएं। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाएगी और फसल को पोषण देगी। बुवाई से पहले बीज उपचार भी बेहद जरूरी है। Top Pea Varieties

बीजों को फफूंद नाशक दवा से उपचारित करें ताकि बीज जनित रोगों से बचा जा सके। बुवाई के लिए देसी हल या सीड ड्रिल का उपयोग करें। बीजों को 5 से 7 सेंटीमीटर की गहराई पर बोएं।

4. अगेती मटर की की खेती के लिए निराई-गुड़ाई भी बेहद जरूरी है। ताकि खेत में खरपतवार न हो पाएं।

समय समय पर खरपतवारों को हटाते रहें। कीटों से बचाव के लिए कीटनाशक का छिड़काव करें। खेत में जलभराव न होने दें।

5. हरी मटर की फलियों को बुवाई के लगभग 60 से 65 दिन बाद तोड़ा जा सकता है। अगली तुड़ाई के 10 से 15 दिन बाद की जा सकती है। Top Pea Varieties

तुड़ाई तभी करें जब फलियां चमकदार हरी और मुलायम हों। फलियां मोटी और भरी हुई हों। फलियों को दबाने पर थोड़ा सा दबाव लगे। हरी फलियों को सुबह के समय तोड़ना चाहिए जब तापमान ठंडा होता है।

फलियों को तोड़ते समय ध्यान रखें कि पौधे को नुकसान न पहुंचे। तोड़ी हुई फलियों को तुरंत ठंडे पानी में डाल दें ताकि वे ताजा रहें। जिससे किसानों को बाजार में अच्छा भाव मिले। Top Pea Varieties

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