इन दिनों प्याज की फसल में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारो (Weed control in onion) का लगना मामूली है। ऐसे में इसके नियंत्रण के उपाय नहीं किए जाए तो, उपज पर असर देखने को मिल सकता है। इसके प्रबंधन एवं सावधानी क्या है, जाने लेख में…
Weed control in onion | इन दिनों देश के अधिकतर हिस्सों में रबी प्याज की फसल अपनी वानस्पतिक अवस्था पर पहुँच चुकी है। इस समय फसल पर खरपतवार होने पर उपज में भारी कमी तो देखने को मिलती ही है साथ ही साथ रोग व कीटों के बीजाणु भी यहाँ शरण आते हैं। इसलिए फसल को खरपतवारमुक्त करना जरूरी है।
ये खरपतवार फसल को दिये गए पोषक तत्व या खाद को खुद ले लेते हैं और फसल को पूरा उर्वरक नहीं मिल पाता। प्याज की फसल में अलग- अलग अवस्थों पर कई बार निराई-गुड़ाई (Weed control in onion) करके या रसायनिक तरीकों से खरपतवार से बचना पड़ता है। इसलिए अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए समय-समय पर खरपतवार प्रबंधन करना बहुत जरूरी हो जाता है।
चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार की आशंका ज्यादा
प्याज की खेती विभिन्न प्रकार की मृदाओं में की जा सकती है, इसमें खरपतवार (Weed control in onion) लगने की भी आशंका बहुत रहती है। प्याज की फसल में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लगने की समस्या रहती है, जिस कारण इसकी पैदावार में भारी कमी आ जाती है।
खरपतवारों की अधिकता से प्याज की फसल (Weed control in onion) में कई तरह के रोग एवं कीटों के प्रकोप की संभावना भी बढ़ने लगती है। अगर आप प्याज की खेती करते हैं और खरपतवारों की अधिकता से परेशान हैं तो हम इससे बचाव के उपाय आपको choupalsamachar.in के माध्यम से बताएंगे…
प्याज में खरपतवार नियंत्रण के उपाय (Weed control in onion)
- प्याज की बुवाई के 25 से 30 दिनों बाद फसल की पहली निराई गुड़ाई करें और इसके 60 से 65 दिनों बाद फसल में दूसरी निराई गुड़ाई कर दें।
- प्रोपेक़्युज़ाफॉप 5% + ऑक्सीफ़्लोर्फिन 12% EC खरपतवारनाशी का प्याज लगाने के 25-30 दिनों के बाद और 40-45 दिन बाद उपयोग कर सकते है। इसके लिए इस खरपतवारनाशी (Weed control in onion) की 250-350 मिली मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रयोग करें, ताकि फसल में लगने वाले खरपतवार को नष्ट कर फसल की उत्पादकता बढ़ सके।
- बुवाई के 3 दिनों के अंदर प्रति एकड़ खेत में 200 लीटर पानी में 700 मिलीलीटर पेंडिमेथालीन मिलाकर छिड़काव करें। इसके उपयोग से चौड़ी पत्ती एवं सकरी पत्ती के खरपतवार खेतों में निकलने से पहले ही नष्ट हो जाते हैं।
- बुवाई के 10 से 15 दिनों के बाद यदि खरपतवारों (Weed control in onion) की समस्या हो रही है, तो प्रति एकड़ खेत में 200 लीटर पानी में 50 ग्राम ऑक्साडायर्जिल 80 प्रतिशत डब्ल्यूपी नामक खरपतवार नाशक मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है।
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खरपतवारनाशी के इस्तेमाल में यह ध्यान रखे
- खरपतवारनाशी (Herbicide) का घोल तैयार करने के लिए खरपतवारनाशी (Weed control in onion) व पानी की उचित मात्रा का ही उपयोग करना चाहिए। एक एकड़ क्षेत्र में 200 लीटर पानी स्प्रे करने में उचित रहता है।
- जहां तक हो सके हानिकारक रसायन युक्त खरपतवारों का प्रयोग करने से बचें। इसके लिए हाथों से या खुरपी, कुदाल, आदि कृषि यंत्रों की सहायता से खरपतवार पर नियंत्रण किया जा सकता है। हाथों से निराई गुड़ाई ही इसलिए करें क्योंकि इससे मिट्टी में वायु संचार भी बढ़ता है और उपज भी बढ़ती है।
- प्याज फसल में छिड़काव (Weed control in onion) करते समय उचित नोजल फ्लड जेट या फ्लेट फेन का ही उपयोग करना चाहिए और फसल को बचाते हुए छिड़काव करें।
- शाकनाशी रसायनों की उचित मात्रा का ही प्रयोग करें। अगर सिफारिश की गई दर से अधिक शाकनाशी का प्रयोग किया जाता है तो खरपतवारों के अलावा फसल को भी नुकसान होता है।
- शाकनाशी रसायनों को उचित समय पर छिड़कना चाहिए। अगर छिड़काव (Weed control in onion) समय से पहले या बाद में किया जाता है तो लाभ के बजाय हानि की संभावना बढ़ जाती है।
- एक ही दवा (रसायनों) का बार-बार फसलों पर छिड़काव न करें बल्कि बदल-बदल कर करें। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो खरपतवारों में शाकनाशी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो सकती है और दवा का असर नहीं हो पता।
- छिड़काव (Weed control in onion) के समय मृदा में सही नमी होना चाहिए या सिंचाई के बाद खरपतार नाशी का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही पूरे खेत में छिड़काव एक समान होना चाहिए।
- यदि दवा इस्तेमाल से ज्यादा खरीद ली गई है तो उसे ठंडे, शुष्क एवं अंधेरे स्थान पर रखें तथा ध्यान रखें कि बच्चे एवं पशु इसके सम्पर्क में न आएं।
- खरपतवार नाशक का प्रयोग करते समय खेत में पर्याप्त मात्रा में नमी होनी चाहिए, मौसम साफ होना चाहिए। छिड़काव के समय मौसम का विशेष ध्यान रखना जरुरी होता है। तेज धूप एवं बादल छाए रहने पर खरपतवार नाशक (Weed control in onion) के उपयोग से बचें।
- खरपतवार नाशक दवाओं को बच्चों एवं पशुओं से दूर किसी ठंडे एवं सूखे स्थान पर रखें। इन दवाओं का प्रयोग करते समय अपनी सुरक्षा के लिए दस्ताने, चश्मा आदि का प्रयोग करें।
- इसके छिड़काव के दौरान चेहरे को कपड़े से अच्छी तरह ढक लें और हानिकारक दवाओं के प्रयोग के बाद हाथ को अच्छी तरह साबुन से साफ जरुर करें।
- छिड़काव समाप्त होने के बाद दवा छिड़कने वाले व्यक्ति साबुन से अच्छी तरह हाथ व मुँह अवश्य धो लें।
- फसल में उपयोग (Weed control in onion) करते समय ध्यान रखे कि रसायन शरीर पर न पड़े। इसके लिए विशेष ड्रेस, दस्ताने, चश्में का प्रयोग करें अथवा उपलब्ध न होने पर हाथ में पॉलीथीन लपेट लें तथा चेहरे पर गमछा या सूती कपड़े से बांध लें।
- प्रयोग के पश्चात खाली डिब्बों को नष्ट कर मिट्टी में दबा दें। इसे साफ़ कर इसका प्रयोग खाद्य पदार्थो को रखने के लिए कतई न करें।
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