गेंहू की फसल में गुलाबी तना छेदक कीट का प्रकोप, किसानों के लिए कृषि विशेषज्ञों ने जारी की एडवाइजरी

जानें, गेंहू की फसल में तना छेदक कीट नियंत्रण (Wheat Crop insect advisory) के लिए किसानों को क्या करना होगा..

Wheat Crop insect advisory | इस समय राजस्थान के श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में गेंहू की खड़ी फसल में गुलाबी तना छेदक कीट का प्रकोप देखा जा रहा है। दरअसल, भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह के नेतृत्व में कृषि वैज्ञानिकों व दुर्गापुरा जयपुर के कृषि वैज्ञानिकों का दल बुधवार को श्रीगंगानगर पहुंचा तथा तथा गुलाबी तना छेदक के प्रकोप का जायजा लिया।

इसके साथ ही इसे विभागीय सिफारिश के अनुसार कीट नाशकों का भी छिड़काव कर नियंत्रित किया जा सकता है। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सावधान करते हुए बताया की, यह किट गेंहू की पैदावार Wheat Crop insect advisory पर किस तरह असर डाल सकता है। इस किट के लक्षण एवं बचाव के लिए किसानों को क्या करना होगा, जानें चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में पूरी जानकारी..

गेंहू की फसल में गुलाबी छेदक किट के लक्षण एवं नुकसान

Wheat Crop insect advisory | भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक ने बताया कि तापमान में गिरावट से गुलाबी तना छेदक की समस्या कम करने और समाप्त करने में मदद मिली है। उन्होंने बताया कि खेतों में खड़ी गेहूं की फसल अच्छी स्थिति में है तथा मौसम भी अनुकूल है। इससे उत्पादन भी अच्छा होने की संभावना है। इस कीट को गुलाबी भेदक कीट के नाम से भी जाना जाता है। इस कीट का प्रकोप विशेष रूप से उन क्षेत्रों में देखा गया जहां धान, मक्का, कपास और गन्ने की खेती गत सीजन में की गई थी।

यह कीट फसल की फुटान शुरू होते ही नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। यह कीट Wheat Crop insect advisory नए पौधे की अवस्था में फसल पर हमला करती है और लार्वा पौधे के तने में प्रवेश करके टिशू को खाता है। परिणाम स्वरूप फसल की प्रारंभिक अवस्था में तने में डेट हार्ट बन जाता है। शुरुआत में ही प्रभावित पौधे पीले पड़ जाते हैं। इस कीट से प्रभावित पौधों को जब उखाड़ा जाता है तो निचली शिराओं पर गुलाबी रंग की इल्लियां देखी जा सकती है।

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गेंहू में गुलाबी बेधक किट नियंत्रण के लिए यह दवाई डालें

Wheat Crop insect advisory | भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक ने बताया की, गुलाबी भेदक/छेदक किट का प्रकोप दिखने पर किसान सतर्क रहें। इस किट के नियंत्रण के लिए किसान अपने खेत में फिप्रोनिल 0.3 प्रतिशत 15 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या केलोरेट्रानिलिप्रो 18.5 प्रतिशत एससी 60 से 80 मिलीलीटर के हिसाब से छिड़काव करें।

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उन्होंने बताया कि यह गंभीर समस्या नहीं है। इसे आसानी से नियंत्रित ही नहीं समाप्त किया जा सकता है। तापमान में गिरावट से भी इसका संक्रमण स्वतः ही समाप्त हो रहा है। हालांकि, गुलाबी बेधक/छेदक कीट Wheat Crop insect advisory से प्रभावित कल्लों को हाथ से चुनकर नष्ट कर कर सकते है, जिससे की कीट का हमला कम हो जाता है। 

फसल उगाने तक ही सीमित नहीं रहे किसान: कृषि वैज्ञानिक

भारतीय गेहूं व जौ अनुसंधान संस्थान करनाल निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि किसान फसल की बुवाई तक ही सीमित नहीं रहे। बीज क्रय करते समय बीज की प्रामाणिकता, बीज की प्रजाति की जानकारी लें। बीज खरीद का बिल भी आवश्यक रूप से लें।

इसके अलावा किसान फसल Wheat Crop insect advisory उगाने के साथ ही फसल की प्रोसेसिंग व प्रोडेक्ट तैयार करने का काम भी करें ताकि किसानों को पूरे भाव मिल सके तथा आमजन को सही दामों पर उत्पाद। गेहूं व जौ का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी अनुसंधान संस्थानों की ओर से नई किस्में इजाद की जा रही हैं।

(नोट :- किसानों को सलाह दी जाती है कि गेहूं की फसल में किसी भी प्रकार का रोग Wheat Crop insect advisory लगने पर उसे कृषि वैज्ञानिकों को अवश्य दिखाएं और उनके अनुसार ही उपचार करें।)

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