गेहूं की फसल में मंडूसी होने पर पड़ता है पैदावार पर बड़ा असर, शुरू से सावधानी जरूरी, रोकथाम के बारे में जानें..

गेहूं की फसल में सिंचाई चल रही है इस समय Wheat Cultivation में अच्छी देखरेख से पैदावार बेहतर होगा, जानें पैदावार बढ़ाने का प्रमुख उपाय..

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

Wheat Cultivation | आमतौर पर गेहूं की बिजाई के 20 से 21 दिनों के बाद गेहूं की फसल में पहली सिंचाई की जाती है। गेहूं में अब पहली सिंचाई की जा रही है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक गेहूं के खेत में शुरू में उगने वाले खरपतवार मंडूसी या गुल्ली डंडा की पहचान कर पाना बेहद मुश्किल है। इस तरह के खरपतवार की वजह से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

गेहूं की फसल भी खराब हो जाती है और उत्पादन पर भी विपरीत असर पड़ता है। इसलिए कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि मंडूसी या गुल्ली डंडा की पहचान करके इसके खात्में के उपाय शुरुआत से ही करना चाहिए, आईए जानते हैं इसकी रोकथाम के उपाय..

बिजाई के 21 दिन बाद करें गेहूं की पहली सिंचाई

कृषि विशेषज्ञों केमुताबिक गेहूं के खेत में मंडूसी के पौधों की पहचान काफी मुश्किल होती है, लेकिन ध्यान से देखने पर पता चलेगा कि मंडूसी के पौधे गेहूं के मुकावले हल्के रंग के होते हैं। मंडूसी में लैग्यूल और गेहूं में आरिकल्ज ज्यादा विकसित होते हैं।

इसके अतिरिक्त मंडूसी का तना जमीन के पास से लाल रंग का होता है। तना तोड़ने या काटने पर इसके पत्तों, तने और जड़ों से भी लाल रंग का रस निकलता है, जबकि गेहूँ के पौधे से निकलने वाला रस रंगविहीन होता है। Wheat Cultivation

खरपतवार नियंत्रण करना जरूरी

गेहूं के खेतों में बहुत से अनावश्यक पौधे उग जाते हैं, जो खरपतवार होते हैं। खरपतवार नियंत्रण समय पर करना अति आवश्यक है। यदि किसान ऐसा नहीं करते तो उनके खेतों में पैदावार कम रह जाती है। खेती पर लागत पूरी होने के बाद उपज कम मिलने पर किसान चिंतित होते हैं। ऐसे में किसानों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। Wheat Cultivation

ऐसे करें खरपतवार नियंत्रण के उपाय

भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अनिल खिप्पल ने कहा कि बुआई के लिए हमेशा खरपतवार रहित गेहूं के बीज का उपयोग करें। खरपतवार नाशक को सही मात्रा, सही समय व उपयुक्त तकनीक से छिड़काव करें। Wheat Cultivation

बुआई के 30 से 35 दिन की अवधि में छिड़काव अवश्य कर दें। खरपतवारनाशी को अदल-बदल कर उपयोग में लाएं।फसल चक्र में चारे वाली फसलें जैसे बरसीम, जई आदि का समायोजन अवश्य करें।

शाकनाशी प्रतरोधकता नियंत्रण के लिए जीरो टिलेज मशीन द्वारा बुआई करने से पहले ग्लाइफोसेट जमा फ्रेंडीमैथालीन का प्रयोग अवश्य करें।अधिक असर के लिए सल्फासल्फ्यूरॉन, सल्फासल्फ्यूरॉन जमा मैटसल्फ्यूरान का पहली सिंचाई से पहले उपयोग करें। Wheat Cultivation

35 दिन बाद डालें खरपतवारनाशक

कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि किसान बिजाई के 21 दिन बाद फसल में पहली सिंचाई करे, जबकि बिजाई के 35 दिन के बाद फसल में खरपतवारनाशक दवा का स्प्रे प्रति एकड़ 200 लीटर पानी का घोल बनाकर साफ मौसम में दोपहर के समय करें। Wheat Cultivation

ऐसे करें पीला रतुआ रोग से बचाव

पीला रतुआ गेहूं की फसल का रोग है, जिसके उत्तर भारत में गेहूं की फसल प्रभावित होती है। फसल सत्र के दौरान उच्च आर्द्रता एंव वर्षा से पीले रतुआ के संक्रमण से लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करती हैं। Wheat Cultivation

इस रोग का संक्रमण पौधों के विकास की प्रारंभिक अवस्थाओं में होने पर अधिक हानि हो सकती है। गेहूं की खेती में पीला, भूरा व काला रतुआ से बचाव के लिए किसान मैन्कोजेब (एम.45) नामक दवाई का 800 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से 200 लीटर पानी मिलाकर स्प्रे करें। आवश्यकता पड़ने पर 10 से 15 दिन के अंतराल पर दूसरा छिड़काव करें।

किसान साथी यह रखें सावधानी

कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि क्लोडिनफॉप/ फिनोक्साप्रॉप / फिनोक्साइडेन को 2.4 -डी के साथ न मिलाएं, 2.4डी का छिड़काव पहले छिड़काव के एक सप्ताह के बाद करें। खरपतवारनाशी की अनुशांसित मात्रा से कम या अधिक मात्रा में छिड़काव न करें और खेत में खरपतवार के बीज न बनने दें। Wheat Cultivation

कृषि योजना खेती किसानी, मंडी, भाव लेटेस्ट बिजनेस एवं टेक की जानकारी के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

यह भी पढ़िए…👉 गेहूं के अधिक उत्पादन के लिए ध्यान देने योग्य बातें, देखें भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की सलाह..

👉 बढ़ेगा गेहूं का उत्पादन, खरपतवार एवं सिंचाई प्रबंधन के लिए यह सावधानी जरूर रखें किसान…

👉जबरदस्त फुटाव और गर्मी को भी सहन करके बम्पर पैदावार देने वाली गेहूं की नई किस्म तैयार, पड़े डिटेल..

👉 उच्च रोग प्रतिरोधी क्षमता के कारण किसानों के बीच लोकप्रिय लहसुन की नई वैरायटी कालीसिंध सुपर के बारे में जानें..

प्रिय किसानों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

Leave a Comment