गेहूं की फसल पर संकट, पैदावार 10 लाख टन कम होने का अनुमान, भाव पर पड़ेगा बड़ा असर, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

Wheat Price: गेहूं की फसल को लेकर सरकार की बड़ी रिपोर्ट जारी हुई है। गेहूं की पैदावार एवं भाव पर क्या असर पड़ने वाला है आइए जानते हैं… 

Wheat Price | अमेरिकी कृषि मंत्रालय यूएसडीए एवं अमेरिकी सरकारी मौसम विभाग सहित भारतीय एजेंसियों की रिपोर्ट गेहूं के फसल को लेकर संकट की ओर इशारा कर रहे हैं। अनुमान है कि इस वर्ष गेहूं की पैदावार में बड़ी गिरावट होगी। रिपोर्ट के सही उतरने पर भारत में गेहूं की फसल पर संकट छा सकता है। वैश्विक स्तर पर पहले से ही खाद्यान्न संकट मंडराया हुआ है, ऐसे में यह स्थिति उत्पन्न होती है तो गेहूं के भाव पर बड़ा असर पड़ेगा।

अमेरिकी सरकारी मौसम विभाग ने वर्ष 2023 के लिए चिंता जताई है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2023 में अलनीनो के संभावित प्रभाव के चलते मानसून (Wheat Price) की वर्षा भी कम होगी इसका सीधा प्रभाव आगामी खरीफ फसलों पर भी पड़ेगा पड़ सकता है। Choupalsamachar.in के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि गेहूं की पैदावार पर कितना असर पड़ने वाला है एवं इसका गेहूं के भाव पर क्या असर पड़ेगा? क्या किसानों को गेहूं के भाव अच्छे मिलेंगे या समर्थन मूल्य पर ही आने वाले सीजन में गेहूं बिकेगा सब कुछ जानते हैं।

क्या इस वर्ष गेहूं की पैदावार कम होगी? जानिए

फरवरी माह की शुरुआत होते ही मौसम (Wheat Price) में अचानक परिवर्तन हुआ सर्वप्रथम गर्मी का प्रकोप शुरू हुआ जिसके कारण फसलें जल्दी सूखने लगी वही मार्च की शुरुआत के दौरान देश के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश एवं ओले गिरने से फसलों को खासा नुकसान हुआ। ज्ञात हो कि रबी फसलों में गेहूं की फसल का रकबा गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष ज्यादा है। ऐसे में सबसे ज्यादा गेहूं की फसल ही प्रभावित हुई।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा रबी सीजन में गेहूं की फसल (Wheat Price) का अग्रिम अनुमान उत्पादन अनुमान 1121.8 लाख टन का लगाया जा रहा है। यह अनुमान पिछले वर्ष की तुलना में कम है। मतलब साफ है कि इस वर्ष गेहूं की पैदावार पिछले वर्ष की तुलना में घटने वाली है, निश्चित तौर पर इसका असर गेहूं के भाव पर पड़ेगा। हालांकि सरकार गेहूं के भाव को पूरी तरह नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रही है।

गेहूं की पैदावार में कितनी गिरावट होगी, जानिए

कृषि मंत्रालय ने जनवरी तक मौसम सामान्य रहने से गत वर्ष से 4.12 अधिक उत्पादन (Wheat Price) होने का अनुमान लगाया गया था, किंतु फरवरी से रबी फसलों के लिए लगाए अनुमान डावाडोल हो सकते हैं। अमेरिका की सरकारी मौसम एजेंसी द्वारा लगाया गया अनुमान सही साबित होता है, तब रबी की फसलों विशेषकर गेहूं की फसल पर फिर बड़ा झटका लग सकता है।

यह भी संभव है यह झटका गत वर्ष से बड़ा भी हो सकता है। हालांकि अभी तक आने वाली गेहूं की फसल के बारे में पक्का अनुमान केवल कृषि मंत्रालय लगा रहा है, किंतु कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि गेहूं की फसल 10 लाख टन की कमी आ सकती हैं।

कुछ जानकार इससे सहमत नहीं है। उनका मानना है कि गत वर्ष (Wheat Price) मार्च में तापमान बढ़ने से 50 लाख टन की कमी आ गई थी, इस वर्ष तो फरवरी माह से तापमान में बदलाव आने लगा है। इसके साथ इस वर्ष अल नीनो है।

इसकी वजह से तापमान अधिक प्रभावी हो जाता है। और लू चलने लगती है। फसल अधिक खराब होने का खतरा खड़ा हो जाता है। मध्यप्रदेश में कुछ क्षेत्रों में बेमौसम वर्षा एवं ओलावृष्टि भी हुई है। जहां फसल‌ पकने को तैयार है। इसके कारण भी गेहूं की फसल पर प्रभाव पड़ा है।

गेहूं के भाव पर क्या पड़ेगा असर, जानिए

देश में गेहूं की मात्रा (Wheat Price) में कमी से गेहूं के भावों पर बड़ी मात्रा में नियंत्रण किया है। आगामी महीनों में लू चलने पर गेहूं की फसल पर फिर से संकट छा सकता है और मंडियों में गेहूं आना कम हो सकता है और भावों में एक बार फिर से तेजी की लहर बन सकती है।

हालांकि उपरोक्त विचार लू के आने पर ही सही बैठ सकते हैं। यह विचार भी है कि तापमान बढ़ने से उत्पादन प्रभावित होगा और महंगाई बढ़ना स्वाभाविक है। वैसे भी फरवरी अंत से तापमान बदल गया है।

देश के कई राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होने लगी जिसके चलते तेज गर्मी से तो राहत मिली, किंतु फसलों (Wheat Price) को खासा नुकसान हो रहा है। क्योंकि कुछ राज्यों में गेहूं की बालियां आना शुरू हो गई है और सूखी हवाओं के साथ-साथ बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि फसलों के लिए भारी नुकसानदेह है। अब ऐसा माना जा रहा है कि मार्च में लू चलने के आसार कम है।

ऐसी आशंका है कि अगले तीन माह तक वर्षा नहीं के बराबर होगी। उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के कुछ क्षेत्रों में फसल (Wheat Price) परेशानी में पड़ सकती है। वल्ड मेट्रो आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएमओ) के अनुसार अल नीनो का प्रभाव भारत में कुछ कम हो सकता है।

मौसम पर पड़ेगा अलनीनो का प्रभाव

भारतीय मौसम विभाग (Wheat Price) ने कहा है कि उत्तर-पश्चिम और मध्यपूर्वी भारत में पारा अधिक रह सकता है। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2018 में अल नीनो का प्रभाव देखा गया था। जानकारों के अनुसार पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तरप्रदेश में अल नीनो का प्रभाव देखा जा सकता है, क्योंकि इन क्षेत्रों में गेहूं की बोवनी देर से होती है।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इन्हीं राज्यों में गेहूं का उत्पादन सर्वाधिक मात्रा में होता है। अतिरिक्त सिंचाई के लिए मार्च माह में बिजली की मांग बढ़ सकती है।

अमेरिका की इस घोषणा के बाद वित्त मंत्रालय सकते में आ गया है और चिंता जताई है। अल नीनो से रबी फसल (Wheat Price) तो प्रभावित होने वाली है। आगामी खरीफ पर भी असर पड़ सकता है। आगामी मानसून सीजन में वर्षा की कमी रह सकती है। इससे महंगाई बढ़ सकती है। ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों पर इसका अधिक असर देखा जा सकता है। वर्षा कम या नहीं के समान होने पर कृषि आय में कमी आएगी। 

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महंगाई बढ़ने के आसार

गौरतलब है कि इस वित्त वर्ष 2023 की अक्टूबर- दिसंबर तिमाही के दौरान कृषि (Wheat Price) एवं संबंधित गतिविधियों का स्थिर मूल्य पर सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो कि अभी तक का सर्वाधिक है।

इसके अलावा राष्ट्रीय आय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार खरीफ फसल (Wheat Price) बेहतर रहने की वजह से जीवीए बढ़ने का अनुमान है। इसके अलावा वर्तमान भाव वृद्धि 8.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह पिछले वर्ष के समान ही है। चालू वर्ष में महंगाई का प्रभाव कुछ मात्रा में कम पड़ा है। लेकिन एक रिपोर्ट यह है कि 2023 में महंगाई बढ़ सकती है।

MP की विभिन्न मंडियो में गेंहू के भाव यह चल रहे 

  • उज्जैन मंडी – (Wheat Price)
    • गेहूं लोकवन 14917 बोरी आवक, न्यूनतम भाव 1500 एवं अधिकतम भाव 2565 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
    • गेहूं पूर्णा 2565 बोरी आवक, न्यूनतम भाव 1620 एवं अधिकतम भाव 2651 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
    • गेहूं पोषक 2397 बोरी आवक, न्यूनतम भाव 1500 एवं अधिकतम भाव 2070 रूपए प्रति क्विंटल रहा।
  • इंदौर मंडी – गेहु 1700 से 2677 रू प्रति क्विंटल।
  • नीमच – गेंहॅू 1940 से 2501 रू प्रति क्विंटल।
  • मंदसौर – गैहु 1860 से 2420 रू प्रति क्विंटल।
  • बैतूल – गेहू 1700 से 2161 रू प्रति क्विंटल।
  • देवास – गेंहू 1750 से 2518 रू प्रति क्विंटल।
  • धामनोद – गेहू 1891 से 2221 रू प्रति क्विंटल।
  • खरगोन – गेहू 2000 से 2286 रू प्रति क्विंटल।
  • टिमरनी – गेहू मिल 1900 से 2111 रू प्रति क्विंटल।
  • खातेगांव – गेहू 1560 से 2340 रूपए प्रति क्विंटल।
  • बदनावर – गेहू 1800 से 2580 रू प्रति क्विंटल।
  • छिंदवाड़ा – गेहू 2000 से 2411 रू प्रति क्विंटल।
  • आष्टा मंडी – गेहू सुजाता 2553 से 3370 , गेहू लोकवन 2086 से 2890 , गेहू पूर्णा 1805 से 2786 , गेहू मालवराज 1645 से 2020 , गेहू मिल 1900 से 2120 रू प्रति क्विंटल।
  • शाजापुर – गेहू 1912 से 2392 रू प्रति क्विंटल।
  • करही – गेहू 1950 से 2215 रू प्रति क्विंटल।
  • भीकनगांव – गेहू 1900 से 2250 रू प्रति क्विंटल।
  • कालापीपल मंडी – गेहू लोकवन 1950 से 2340 , गेहू मिल क्वालिटी 1840 से 2130 , गेहू सरबती 2515 से 3020 रूपए प्रति क्विंटल तक बिका।
  • खुजनेर – गेहू 2000 से 2125 रूपए (Wheat Price) प्रति क्विंटल तक बिका।
  • पन्ना – गेहू 2000 से 2150 रूपए प्रति क्विंटल तक बिका।
  • बारां – गेंहू भाव 2154 से 2457 रू प्रति क्विंटल।
  • कोटा – गेहूं मिल दड़ा भाव 2050 से 2150 , गेहूं एवरेज भाव 2150 से 2300 रूपए प्रति क्विंटल रहा।

NOTE – यह सभी मंडियो के भाव 6 मार्च के दिए गए है।

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