होली के बाद गेहूं का सीजन शुरू होगा, आइए जानते हैं सीजन में गेहूं के भाव क्या रहेंगे

गेहूं का सीजन आने के पहले गेहूं के भाव (Wheat price 2023) में चौतरफा गिरावट, सीजन में क्या रहेंगे गेहूं के भाव जानिए

Wheat price 2023 ; आज दिनांक 2 मार्च 2023 के ठीक 1 महीने पहले यानी कि जनवरी फरवरी माह के दौरान गेहूं के भाव 3200 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे थे उस दौरान गजर गेहूं के भाव 2700 से 2800 रुपए प्रति क्विंटल तक मंडियों में थे, किंतु सरकार द्वारा इसी दौरान खुले मार्केट में गेहूं बेचने का निर्णय लिया।

खाद्य निगम अब तक 3 बार खुले बाजार में गेहूं बेचने के टेंडर जारी कर चुका है। इससे मंडियों में गेहूं के भाव लगातार कम होते जा रहे हैं। जबकि दूसरी ओर गेहूं का सीजन अभी शुरू नहीं हुआ है अभी पक कर तैयार हो चुका लगभग 80% गेहूं खेतों में खड़ा है, यह गेहूं होली के बाद मंडियों में पहुंचेगा। ऐसे में गेहूं का सीजन शुरू होने के बाद गेहूं के क्या भाव रहने का अनुमान है आइए जानते हैं।

किसानों की हालत अभी से खराब होने लगी

नई फसल आने के साथ मध्यप्रदेश के किसानों (Wheat price 2023) की हालत अभी से खराब होने लगी है। 3200 से 3250 रुपए क्विंटल गेहूं 1900 से 2100 रुपए में बिकने लगा है। सामान्यतः खाद्य निगम की खरीदी शुरू होने के बाद बिक्री बंद कर देती है। इस बार नीलामी काफी देर से निकाली थी, अतः हाल ही में चौथी नीलामी के लिए मांग पत्र भरा जाएगा।

खाद्य निगम का यह विचार है कि नीलामी भी चालू रखे और खरीदी भी। इससे निगम को आसानी से गेहूं (Wheat price 2023) मिल जाएगा। इसमें किसी प्रकार का संकोच नहीं है, किंतु दूसरी और किसानों ने जिस उत्साह से बोवनी की थी, वह उत्साह देखते ही देखते निराशा में बदल गया। गेहूं की आवक का दबाव तो अभी नाम मात्र का है।

होली के बाद गेहूं के भाव क्या रहेंगे, जानिए

अन्नदाता मौसम से भी परेशान चल रहा है। अल नीनो की तलवार लटकी हुई है। वर्षा कम, सामान्य या अधिक होने का सीधा प्रभाव अन्नदाता पर ही पड़ता है और अच्छा-बुरा असर उसे ही सहना पड़ता है। हाल ही में तापमान ने चिंता बढ़ा रखी है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान में नई फसल (Wheat price 2023) शुरू होने में 25 से 40 दिन का समय शेष हैं।

मध्यप्रदेश में गेहूं की फसल पककर तैयार हो चुकी है। कुछ राज्यों में तो अभी गेहूं की बालियां आना शुरू हुई है। कुछ क्षेत्रों में तापमान बढ़ने से तैयार होने के पहले फसलें मुरझाने भी लगी है। सरकारी अधिकारियों का मत है कि प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। गत वर्ष मौसम ने मार्च में फरवरी ली थी। इस बार फरवरी से तापमान ने जोर पकड़ लिया है।

वर्तमान में गेहूं की स्थिति (Wheat price 2023) देखते हुए एमपी की मंडियों में गेहूं का सीजन शुरू हो जाएगा। व्यापार विशेषज्ञ बताते हैं कि गेहूं का भाव समर्थन मूल्य से इस बार कम रहने के आसार हैं यानी कि किसानों को 2150 रुपए से कम में गेहूं बेचना पड़ सकता है।

नए गेहूं के भाव औंधे मुंह गिरें

एक माह पूर्व खुले बाजार में नया गेहूं 2400 से 2600 रुपए (Wheat price 2023) बिकने के सपने संजोए गए थे। पहले खाद्य निगम ने 30 लाख टन का कोटा जरूरी कर दिया, फिर पूरे देश में समान भाव पर बिक्री करने, 2350 रुपए वाले गेहूं के आरक्षित मूल्य घटाकर 2125 से 2150 रुपए कर दिए। इससे नए गेहूं के भाव औंधे मुंह गिर पड़े।

आने वाले एक माह में क्या स्थिति बनेगी, यह कल्पना करना भी आसान नहीं है। खाद्य निगम की वर्तमान गतिविधियां किसानों के रत्तीभर पक्ष में नहीं है। यह मानकर में चलना चाहिए कि निगम अपने गोदाम भरने के लिए चाहे जो कदम उठा सकता है। चाहे किसान व्यापारियों को कितना भी नुकसान क्यों न हो। इसे किसी भी स्थिति में ठीक नहीं कहा जा सकता है।

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होली के बाद गेहूं के भाव क्या रहेंगे, जानिए

गेहूं के भाव (Wheat price 2023) में आगे भी कम भाव रहने की आशा की जा रही है। 50 से 100 रुपए की मंदी होली के बाद आने की संभावना अभी से जताई जाने लगी है। इधर ग्लोबल वार्मिंग के दौर में गेहूं की पैदावार कम होने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बार फरवरी में गर्मी आने से गेहूं उपज जल्दी सूख गई है।

व्यापार विशेषज्ञ बताते हैं कि होली के बाद देशभर की लाइनें शुरू होने पर गेहूं के व्यापार में स्थायित्व आ जाएगा। मंडी नीलाम (Wheat price 2023) में लोकवन 1890 से 2634, मालवराज पोषक 1835 से 2115, पूर्णा 1950 से 2686 रुपए बिका।रंगपंचमी शीतला सप्तमी के बाद आवक का दबाव बढ़ेगा, उस समय यही स्थिति बनी रही तब गेहूं पानी के भाव बिक जाए तब भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि होली के बाद गेहूं के भाव 1800 रुपए से 2100 रुपए प्रति क्विंटल तक रह सकते हैं।

पैदावार कम – भाव कम, किसानों को दोहरा नुकसान

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष गेहूं का उत्पादन 4.1 प्रतिशत बढ़कर 112.2 करोड़ टन होने का अंदाज (Wheat price 2023) लगाया गया है। सामान्यतः रबी सीजन में 2-3 शीतकालीन वर्षा हो जाया करती है। मौसम विशेषज्ञों का मत है कि शीतकालीन वर्षा की कमी से देश के कुछ भागों में तापमान में वृद्धि हुई है। इस और गेहूं की फसल पर आगे-पीछे देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों का मत है कि कुछ राज्यों में सेल्सियस 39 डिग्री तक पहुंच गया था। यह सामान्य से 9 डिग्री अधिक था।

आगामी दिनों में तापमान 4-5 डिग्री अधिक रहने की संभावना है। उच्च तापमान से गेहूं की उत्पादकता में गिरावट आ सकती है। दूसरी और जिन किसानों ने घरों में गेहूं पैदा हो गया है, उसकी कद्र नहीं की जा रही है अर्थात तैयार फसल कम भाव बिक रही है और आगे भी फसल पर तापमान का संकट गहराता नजर आ रहा है। अन्नदाता का दोनों तरफ से मरण ही मरण होना समझ में आ रहा है।

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गेहूं के भाव में एकदम गिरावट किस कारण आई, जानिए

तापमान में वृद्धि से गेहूं की फसल जूझ ही रही है। दूसरी और गेहूं (Wheat price 2023) एवं इसके उत्पादकों के भाव घटाने के लिए केंद्रीय मंत्रालय अनेक हथियारों का एक साथ उपयोग कर गेहूं के भाव ढेर कर दिए हैं। गौरतलब है कि गेहूं की बढ़ती कीमतों को काबू में लाने के लिए सरकार ने 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में छोड़ा।

इसके बाद आटा निर्माण के लिए 2150 रु. में गेहूं (Wheat price 2023) देने के फैसले से बाजार में एकतरफा मंदी का माहौल बन गया। इधर, सीजन का नया गेहूं आने लगा है। ऐसे में भाव में गिरावट लंबे समय तक जारी रह सकती है। अगर गेहूं को निर्यात नहीं किया तो चुनावी साल में गेहूं, आटा, तेल, दाल, बेसन सस्ता होने की संभावना है।

नया गेहूं 400 रुपए सस्ता हुआ

चमकदार बड़ा मोटा दाना नया गेहूं 400 रुपए क्विंटल (Wheat price 2023) सीजन शुरू होते ही मंडियों में सस्ता बिकने लगा है। सरकार का खरीदी समर्थन मूल्य इस साल 2125 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है। अब खेतों में 80 फीसदी गेहूं पकने की कगार पर है।

इस समय मंडियों में नया गेहूं (Wheat price 2023) (जल्दी बोया गया या फिर ऊंचाई वाले इलाकों का) आ रहा है। निचले खेतों का रसभरा गेहूं होली के बाद बड़ी तादाद में आने लगेगा। खूब महंगा आटा खरीदने वालों के लिए यह खुशखबरी है कि सस्ते से सस्ता गेहूं आटा इस साल हर वर्ग को आसानी से मिलेगा। गत वर्ष गेहूं निर्यात होने से भाव में बड़ा उछाल आया था।

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