सरसों के भाव (Sarson Mandi Bhav) में गिरावट का दौर जारी है। क्या चल रहा है देशभर की मंडियों में सरसों का ताजा भाव, जानें..
Sarson Mandi Bhav | सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बुरी खबर है। सरसों की कीमत में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। आलम यह है की सरसों के भाव गिरकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे आ गए हैं। मौजूदा रेट एमएसपी से नीचे चल रहा है। जानकारों की मानें तो अभी इसकी कीमतों में और गिरावट आने के आसार हैं।
सरसों की कमजोर मांग भी इसकी कीमतों में गिरावट की बड़ी वजह बताई जा रही है। कीमतों Sarson Mandi Bhav में गिरावट से किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं। क्योंकि, बाजारों में अब नई फसल के आने का समय हो चुका है। ऐसे में अगर कीमतें नहीं बढ़ती हैं, तो इससे किसानों को घाटा उठाना पड़ सकता है।
एमएसपी के नीचे पहुंचा सरसों का भाव Sarson Mandi Bhav
केंद्र सरकार ने सरसों पर 5650 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया हुआ है। लेकिन, देश की ज्यादातर मंडियों में किसानों को एमएसपी तक का भाव नहीं मिल रहा है। सरसों की फसल को औसतन 5500 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है। केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, देश की कुछ मंडी को छोड़ दें तो लगभग सभी मंडियों में दाम एमएसपी से नीचे ही रहा।
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सरसों के सबसे अच्छा भाव Sarson Mandi Bhav कर्नाटक की बेंगलुरु मंडी में मिला। जहां, सरसों 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल के भाव में बिकी। जबकि, कर्नाटक की ही शिमोगा मंडी में दाम 9 हजार रुपये प्रति क्विंटल रहा। इसी तरह, महाराष्ट्र की मुंबई मंडी में सरसों 8000 रुपये प्रति क्विंटल और पश्चिम बंगाल की आसनसोल मंडी में 6400 से 6350 रुपये प्रति क्विंटल के भाव में बिकी।
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इसलिए देखी जा रही सरसों के भाव में गिरावट
Sarson Mandi Bhav | आई-ग्रेन इंडिया में कमोडिटी विश्लेषक राहुल चौहान ने कहा कि इस साल सरसों की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। जिससे सरसों की कीमतों में नरमी देखी जा रही है। कमोडिटी विशेषज्ञ इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि तेल मिलों की ओर से सरसों की मांग भी फिलहाल कमजोर है। इससे भी कीमतों में गिरावट को बल मिला है।
सरसों के भाव में गिरावट कब तक थमने के आसार
आगे नई सरसों की आवक Sarson Mandi Bhav का दबाव बढ़ने लगेगा। ऐसे में सरसों की कीमतों में और गिरावट आ सकती है। पॉल ने बताया कि नई सरसों के दबाव में इसके भाव लुढ़ककर 5,000 रुपये से नीचे जा सकते हैं। चौहान भी मानते हैं कि सरसों की कीमतों में अभी और गिरावट आ सकती है। सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने पर ही कीमतों में सुधार की संभावना है। हालांकि यह सुधार भी बहुत ज्यादा नहीं होने वाला है क्योंकि देश में खाद्य तेलों की उपलब्धता भरपूर है। इससे आगे भी सरसों के भाव एमएसपी से नीचे ही बने रहने के आसार हैं।
सरसों की बोआई का रकबा बड़ा
Sarson Mandi Bhav | इस साल सरसों की बोआई खूब हुई है। रबी फसलों की बोआई के अंतिम सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 100.43 लाख हेक्टेयर में सरसों की बोआई हो चुकी है. पिछले साल की समान अवधि में यह आंकडा 97.96 लाख हेक्टेयर था। इस तरह इस साल सरसों के रकबा में 2.5 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ है।
सरसों के सबसे बड़े उत्पादक राज्य राजस्थान में इसकी बोआई पिछले साल से कम हुई है। लेकिन सरसों के तीन अन्य अहम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में बोआई बढ़ने से सरसों का कुल रकबा ज्यादा है। कुल बोआई बढ़ने के साथ ही मौसम भी इस फसल के अनुकूल है। ऐसे में सरसों का उत्पादन Sarson Mandi Bhav अधिक हो सकता है।
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भाव दिए जाने के दौरान पूरी सावधानी रखी जाती है, फिर भी किसी भी प्रकार की त्रुटि होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए किसान साथी जो भी व्यापार करें, वह स्वयं के विवेक से करें। किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति के लिए चौपाल समाचार कि कोई भी जिम्मेदारी नहीं रहेगी।
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