Soybean variety NRC 197 | मध्य प्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र में सोयाबीन की सबसे अधिक खेती होती है। खरीफ सीजन में प्रमुख नगदी फसल होने के कारण किसानों के बीच सोयाबीन की खेती हो गई है। सोयाबीन की नवीन से नवीन किस में जारी करके कृषि वैज्ञानिक भी किसानों को लाभ कमाने में मदद कर रहे हैं।
भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर ने हाल ही में सोयाबीन की एक नवीनतम किस्म को विकसित किया है। सोयाबीन की इस नवीनतम किस्म Soybean variety NRC 197 की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह वैरायटी केटीआई फ्री व प्रोटीन से भरपूर है। जिसके कारण किसानों को अच्छा लाभ देने वाली साबित होगी। इस वैरायटी के विषय में आइए जानते हैं..
4 किस्मों को चिन्हित किया गया
कृषि वैज्ञानिकों ने एनआरसी 197 Soybean variety NRC 197 सहित तीन अन्य किस्मों की भी चिन्हित किया है। इनमें से दो किस्में मध्य क्षेत्र के लिए अनुसंशित की गई है। इस वर्ष धारवाड़ में आयोजित AICRPS की 54वीं वार्षिक समूह बैठक के दौरान एनआरसी 197, जेएस 23-03, जेएस 23-09 और आरएससी 11-42 नामक चार सोयाबीन किस्मों की अधिसूचना के लिए पहचान की गई। एनआरसी 197 उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र के लिए पहचान की गई शून्य केटीआई किस्म है। आरएससी 11-42 पूर्वी क्षेत्र में पहचान के लिए अनुशंसित है। शेष दो किस्में जेएस 23-03 और जेएस 23-09 मध्य क्षेत्र में पहचान के लिए अनुशंसित हैं।
भरपूर प्रोटीन एवं गंध मुक्त है NRC 197
Soybean variety NRC 197 | इंदौर के भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान Indian Soybean Research Institute के कृषि वैज्ञानिकों ने लम्बे अनुसंधान के बाद ऐसे सोयाबीन की पहली किस्म विकसित करने में कामयाबी हासिल की है, जो केटीआई फ्री अर्थात गंधमुक्त है।
अधिकारियों का कहना है कि प्रोटीन से भरपूर यह किस्म पहाड़ी क्षेत्रों में कुपोषण की समस्या से निपटने में मददगार साबित हो सकती है। सोयाबीन की यह नवीन वैरायटी बिना प्रोसेसिंग के सीधे खाई जा सकती है।
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‘एनआरसी 197’ (NRC 197) नाम की इस किस्म Soybean variety NRC 197 को विकसित करने वाले दो सदस्यीय अनुसंधान दल में शामिल प्रधान वैज्ञानिक डॉ. विनीत कुमार के मुताबिक सीधे खाए जा सकने वाले सोयाबीन की किस्में मध्य भारत और दक्षिण भारत के लिए पहले ही विकसित की जा चुकी हैं।
यह पहली बार है, जब उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों के लिए इस तरह के सोयाबीन की किस्म विकसित की गई है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों की जलवायु के मद्देनजर विकसित ‘NRC 197’ नामक यह किस्म कुनिट्ज ट्रिप्सिन इनहिबिटर (KTI) से मुक्त है।
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KTI फ्री क्या है
Soybean variety NRC 197 | आईआईएसआर में सोयाबीन (Soybean) की इस किस्म के विकास से जुड़े अनुसंधान में प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अनीता रानी भी शामिल थीं। उन्होंने बताया कि आम किस्मों में पाए जाने वाले केटीआई के चलते सोयाबीन को सीधे नहीं खाया जा सकता और उसे खाने से पहले उबालने और ठंडा किए जाने की जरूरत होती है।
अनीता रानी ने कहा कि अगर केटीआई-युक्त सोयाबीन को बिना इस प्रोसेसिंग से पहले सीधे खाया जाता है, तो इसके पाचन में दिक्कत हो सकती है, लेकिन ‘NRC 197’ के साथ यह समस्या नहीं है क्योंकि यह केटीआई से मुक्त है।
‘NRC 197’ के पकने की उम्र अवधी यह है
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सोयाबीन की एनआरसी 197 किस्म Soybean variety NRC 197 में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है।इसकी खेती को बढ़ावा देकर पहाड़ी इलाकों में कुपोषण की समस्या से निपटने में मदद मिल सकती है। अधिकारियों ने बताया कि ‘NRC 197’ की एक खूबी यह भी है कि इसकी फसल पहाड़ी इलाकों में उगाई जाने वाली सोयाबीन (Soybean) की आम किस्मों के मुकाबले जल्दी पक जाती है।
यह किस्म पहाड़ी इलाकों में बुआई के बाद 112 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। उन्होंने बताया कि सोयाबीन की अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के 54वें वार्षिक समूह सम्मेलन में ‘NRC 197’ को उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में उगाए जाने के लिए बाकायदा चिन्हित कर लिया गया है।
सोयाबीन ‘NRC 197’ वैरायटी के बीज कहां मिलेंगे
Soybean variety NRC 197 | गंध मुक्त एनआरसी 197 की नवीनतम किस्म के बीज किसानों को भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर से उपलब्ध हो पाएंगे।
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Soyabeen nrc197 chahiye
Ji ha milega nrc 197
Mujhe soyabeen ke bare me jankari chahiye
Kon si Verity he Jo ki pedawar jyada ho
NRC 150
Iska bij kahan per mile
सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर
Kisan Bhai ise kaise khareed sakte he
सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर से खरीद सकते हैं.
NRC–197 Soyabean Variety चाहिए । संपूर्ण जाणकारी – किंमत – उत्पादन / एकर – कितना
फसल कैसा लगना पूरी जानकारी चाहिए ।
मुझे सोयाबीन बीज चाहिए कैसे मिलेगा
आप अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र या बीज अनुसंधान केंद्र से संपर्क कर लें.