GW 513 गेंहू के बाद रोगप्रतिरोधी GW 547 देगी बंपर उत्पादन, चपाती के लिए उपर्युक्त, जानें खासियत

चलिए जानते है गेंहू की नई रोगप्रतिरोधी किस्म जीडबल्यू 547 (GW 547 Wheat Variety) की पैदावार एवं खासियत की जानकारी…

👉व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

GW 547 Wheat Variety | अभी देशभर में सोयाबीन सहित अन्य खरीफ फसलों की कटाई का कार्य चल रहा है। इसके बाद ही किसान रबी फसलों की कटाई में जुट जायेंगे।

इस बार मानसून सीजन में अच्छी बारिश हुई है। जिसके चलते गेंहू की बिजाई भी बढ़ने के आसार है। ऐसे में गेंहू की खेती से अधिक मुनाफे के लिए किसानों को अच्छी किस्म का चयन करना होगा।

कृषि अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा भी गेंहू की खेती करने वाले किसानों के लिए नई नई किस्मों को विकसित करते आ रहे है।

इन्हीं किस्मों में से एक जीडबल्यू 547 गेंहू किस्म GW 547 Wheat Variety भी है। इसको हाल ही में कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने विकसित किया है।

इससे पहले अनुसंधान संस्थान ने जीडबल्यू 513 गेंहू को विकसित किया था। जो एक सफल किस्म उभर कर सामने आई थी। इसके बाद अब जीडबल्यू 547 किस्म से अच्छी पैदावार मिलेगी।

चलिए जानते है जीडबल्यू 547 किस्म / GW 547 Wheat Variety की अवधि, खासियत, पैदावार सहित अन्य सभी जानकारी के बारे में…

IARI ने विकसित की GW 547 गेंहू किस्म (GW 547 Wheat Variety)

GW 547 गेंहू को 2023 में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है।

यह एक उच्च उपज देने वाली और रोग प्रतिरोधी किस्म है, जो विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के जलवायु और मिट्टी की स्थितियों के लिए उपयुक्त है।

GW 547 गेंहू को डॉ. जी. पी. सिंह, डॉ. एस. के. विजय, और डॉ. एस. एस. होसैन जैसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के नेतृत्व में विकसित किया गया है।

यह GW 547 Wheat Variety किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के द्वारा विकसित की गई है, जो कि भारत में कृषि अनुसंधान के लिए एक प्रमुख संस्थान है।

👉व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

पौषक तत्वों से भरपूर है जीडबल्यू 547 गेंहू

गेंहू जीडबल्यू 547 किस्म / GW 547 Wheat Variety को समय पर बोई गई सिंचित स्थिति के लिए उपयुक्त, इसने उच्चतम स्कोर (8.2/10) दर्ज किया जो उत्कृष्ट चपाती गुणवत्ता को दर्शाता है और उच्च हेक्टोलिटर वजन (80.3 kg/hl) दर्ज किया गया।

इसमें आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे आयरन 39.8 पीपीएम और ज़ीन 40.5 पीपीएम की अच्छी मात्रा है जो इसे समृद्ध पोषण गुण बनाती है।

प्रोटीन सामग्री (12.6%)। इसने अच्छे अनाज की उपस्थिति (6.9/10) और अवसादन मूल्य 55.2 मिली जैसे वांछित गुणवत्ता लक्षण भी दिखाए।

गेंहू जीडबल्यू 547 किस्म की पैदावार / उत्पादन क्षमता

GW 547 Wheat Variety / गेंहू की जीडबल्यू 547 किस्म में 4 से 5 सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसकी अवधि 513 गेंहू जितनी ही है।

वही गेंहू GW 547 गेंहू की पैदावार की बात करें तो, इसकी संभावित उपज 74 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक देखी जा सकती है।

हालांकि, इसकी औसत उपज 58.20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। व्यवहारिक स्थितियों में इससे अधिकतम 78 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन लिया जा सकता है।

ये भी पढ़ें 👉 गेंहू की सबसे नवीनतम किस्म जीडब्लयू 513, कम सिंचाई में 85 क्विंटल हेक्टेयर तक बंपर उत्पादन

गेंहू GW 547 किस्म की खासियत एवं विशेषता

गेंहू जीडबल्यू 547 गेंहू की खासियत :- गेंहू जीडबल्यू 547 ने एक से कम HSI (0.88) और DSI (0.90) दर्ज किया जो गर्मी और सूखे की स्थिति के प्रति सहनशीलता दर्शाता है। स्टेम रस्ट और लीफ रस्ट के प्रति उच्च स्तर की रोगप्रतिरोधकता पाई गई है। ; GW 547 Wheat Variety

खाने के लिए उपर्युक्त :- गेंहू की जीडबल्यू 547 किस्म चपाती एवं ब्रेड के लिए उपर्युक्त पाई गई है। इसमें कई प्रकार के पौषक तत्व पाए जाते है। इसे बाजार में भाव भी अच्छा मिलता है।

मध्य क्षेत्र के लिए गेंहू की कई किस्मों को पहचाना गया

भारतीय गेंहू एवं जौ अनुसंधान केंद्र इंदौर द्वारा कुल 5 किस्मों को मध्य भारत के लिए अनुशंसित किया है। जिनमें गेंहू की एनडब्लूएस 2194 (NWS-2194),

जीडब्ल्यू 547 (GW-547), डीबीडब्लयू 359 (DBW-359), सीजी 1040 (CG-1040), डीबीडब्ल्यू 377 (DBW-377) इत्यादि किस्म शामिल है। : GW 547 Wheat Variety

वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गई यह किस्में देश में खाद्यान्न के उत्पादन में तो वृद्धि करेंगी ही साथ ही किसानों के लिए गेहूं और जौ के लिए नई वैरायटी भी उपलब्ध होंगी।

गेहूं की GW 547 समय पर बोई गई सिंचित भूमि के लिए और CG 1040 और DBW359 को असिंचित भूमि के लिए पहचाना गया है।

इसके साथ ही प्रायद्वीप के प्रतिबंधित सिंचाई क्षेत्रों के लिए DBW359 के अलावा NW4028, UAS478, HI8840 और HI1665 गेहूं की किस्मों को पहचाना गया है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि माल्ट जौ किस्म DWRB219 की पहचान भी उत्तर-पश्चिम के सिंचित क्षेत्रों के लिए पहचानी गई है।

गेंहू की अच्छी पैदावार के लिए यह करें

GW 547 Wheat Variety | गेंहू की बुवाई के एक माह पहले कम से कम हर तीन साल में एक बार अच्छी सड़ी हुई 8-10 टन प्रति हैक्टेयर गोबर की खाद अवश्य दें।

जहां खरीफ फसल में इतनी मात्रा में यह खाद दिया जा चुका है वहां रबी में यह खाद देना आवश्यक नहीं है।

गेंहू की बुवाई की सामान्य स्थिति में 60 किलो प्रति हेक्टेयर तक नत्रजन, 30 किलो प्रति हेक्टेयर फॉस्फोरस अवश्य दें। ध्यान रहें की, बिना जानकारी के ज्यादा उर्वरक का इस्तेमाल ना करें।

खेती किसानी की नई नई जानकारी से अपडेट रहने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो कर सकते है।

👉व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

यह भी पढ़िए….👉 गाजर की खेती के लिए अपनाए यह विधि, 1 हेक्टेयर से कम समय व कम लागत में होगी लाखों की कमाई

👉 सितम्बर के बदलते मौसम में एमपी के किसान क्या करें? जानें कृषि विज्ञान केंद्र की विशेष सलाह

👉सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को मिलेगी नई तकनीक, इस तरह 50% अधिक उत्पादन से कमा सकेंगे मोटा मुनाफा

👉अनुसंधान केंद्र ने मैदानी क्षेत्रों के लिए बंपर उत्पादन देने वाली GW547 सहित 5 किस्मों को चिन्हित किया

प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

3 thoughts on “GW 513 गेंहू के बाद रोगप्रतिरोधी GW 547 देगी बंपर उत्पादन, चपाती के लिए उपर्युक्त, जानें खासियत”

  1. GW 513 गेहूं की बुवाई किस दिनांक से करना चाहिए

    Reply
      • में पहली बार बो रहा हु बोने से पहले कौन कौन सी खाद का या बोने के समय कौन कौन सी खाद का इस्तेमाल करे जिससे उत्पादन बेहतर मिले

        Reply

Leave a Comment