ज्यादा सिंचाई में भरपूर पैदावार देने वाली टॉप 2 नवीन किस्में, जानिए इनकी अवधि, पैदावार एवं अन्य खासियत

कौन सी है गेंहू की वह 2 नवीन किस्म (New Wheat Variety) एवं इनकी खासियत और पैदावार क्या है। आइए जानते है…

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New Wheat Variety | खरीफ की फसल कटाई के बाद किसान रबी फसलों की बुवाई करने में जुट जाएंगे। रबी फसलों में गेहूं की खेती प्रमुख रूप से की जाती है।

देश के लाखों किसान गेहूं की खेती करते हैं। ऐसे में गेहूं की उन्नत किस्म की बुवाई की जाए तो किसान गेहूं की खेती से काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

इस वर्ष गेंहू एवं जौ अनुसंधान संस्थान द्वारा गेंहू की कई किस्मों को विकसित किया गया है। जो कम पानी से लेकर अधिक पानी में बंपर उत्पादन देने की क्षमता रखती है।

आज हम यहां चौपाल समाचार के इस आर्टिकल में बात करने वाले गेंहू की 2 नवीन किस्मों New Wheat Variety के बारे में, जो ज्यादा सिंचाई पर भरपूर पैदावार देकर किसानों की अच्छी कमाई करवाएगी…

1. गेंहू की एचआई 8713 किस्म

New Wheat Variety | पूसा के सहयोगी संस्थान गेहूँ अनुसंधान केन्द्र इंदौर से जारी कठिया (ड्यूरम) गेहूँ की यह नवीनतम किस्म म.प्र., गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ वाले मध्य क्षेत्र हेतु अनुशंसित पूर्व में जारी कठिया किस्म मालव शक्ति से लगभग 5-10 प्रतिशत अधिक उत्पादन देने वाली तथा सर्वाधिक प्रोटीन, विटामिन ए, जिंक तथा अन्य पोषक तत्व देने वाली यह किस्म मानवीय स्वास्थ्य एवं देश में कुपोषण की समस्या को दूर करने हेतु तथा गेहूँ के राष्टीय उत्पादन को बढ़ाने की दृष्टि से एक क्रांतिकारी किस्म सिद्ध होगी।

हमारे यहाँ प्रकृति ने कठिया (ड्यूरम) गेहूँ के लिये एक आदर्श वातावरण एवं परिस्थितियाँ प्रदान की है तथा गेहूँ की पूसा मंगल किस्म के आदर्श गुणों एवं कम पानी में अधिक उत्पादन देने की विशिष्ट क्षमता के कारण यह एक चमत्कारी किस्म सिद्ध होगी। : New Wheat Variety

इस गेहूँ की किस्म का दाना अत्यंत आकर्षक, बड़ा, सुनहरा चमकदार रंग गेहूँआ (अंबर) तथा खाने में अत्यंत स्वादिष्ट प्रोटीन, विटामिन व पोषक तत्वों की प्रचूर मात्रा होने से सुपर न्यूटीशनल वेल्यू के कारण बाफले, लड्डू, हलवा,

पराठा, थुली, रवा, बेकरी पदार्थ, इटालियन व चायनीज खाद्य पदार्थ, पास्ता, नूडल्स, सिवैय्या आदि बनाने के लिये गेहूँ की सर्वश्रेष्ठ / सर्वोत्तम किस्म तथा अर्राष्टीय स्तर की गुणवत्ता होने के कारण स्थानीय मंडियों में उच्चतम भाव तथा निर्यात की असीम संभावनायें हैं। : New Wheat Variety

गेहूँ की इस किस्म में पत्तियों की चौड़ाई मध्यम, सीधी पत्तियाँ, मोमयुक्त, जो इसे सूखा सहन करने की क्षमता देता है। बाली का रंग सफेद, रोंएदार नहीं। गेहूँ की यह किस्म कम ऊँचाई वाली लगभग 83-88 से.मी. काफी कुचे (टिलरिंग) छोड़ने वाली तथा इसकी काड़ी मोटी कड़क होने से आँधी / वर्षा की स्थिति में सामान्यत: आड़ी (लॉजिंग) नहीं पड़ती हैं। जिससे अधिकतम उत्पादन प्राप्त होता है। : New Wheat Variety

इस जाति के गेहूँ की अंकुरण क्षमता 90 प्रतिशत से अधिक होने के कारण तथा कुचे अधिक छोड़ने की क्षमता तथा दाने का आकार मध्यम बोल्ड होने से इसकी बीज दर, मौसम एवं स्थानीय स्थितियों को ध्यान में रखते हुए लगभग 50 से 55 किलो प्रति एकड़ या 125-130 किलो हेक्टेयर बीज दर की आवश्यकता होगी।

लाईन से लाईन की दूरी 9″ से 10″ इंच पर रखने तथा 10 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक बोनी करने पर तथा अधिकतम तीन से चार सिंचाई देने पर लगभग 85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक उत्पादन देने की क्षमता, रोग प्रतिरोधकता, खिरने की समस्या (शेटरिंग) नहीं,

गेरूआँ, कर्नाल बंट, लूज स्मट आदि रोगों के लिए प्रतिरोधक किस्म होने से तथा अधिकतम उत्पादन देने के कारण गेहूँ की यह एक आदर्श कठिया किस्म भविष्य में किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगी। इस किस्म की अवधि लगभग 125 दिवस। : New Wheat Variety

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2. गेंहू की एचआई 8830 – पूसा कीर्ति किस्म

New Wheat Variety | पूसा के सहयोगी संस्थान, गेहूँ अनुसंधान केन्द्र, इंदौर द्वारा देश के मध्यक्षेत्र म.प्र. दक्षिण राजस्थान, बुंदेलखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़ के लिये समय पर बोनी हेतु थुली, रवा, पास्ता हेतु अनुशंसित गेहूँ की यह नवीनतम् बॉयो फोर्टिफाईड किस्म हाल ही में जारी की है, इसका गजट नोटिफिकेशन क्रमांक एस. ओ. 1056 (E) 6.3.2023 है।

पूसा तेजस, पोषण व पूसा मंगल आदि कढ़िया किस्मों के बाद किसान इनसे भी उन्नत एक ऐसी ड्यूरम किस्म का इंतजार कर रहे थे, जिसमें कम अवधि में कम सिंचाई व कम बीज दर पर अधिकतम उत्पादन प्राप्त हो सके किसानों की इसी अपेक्षा को पूर्ण करने हेतु, पूसा नई दिल्ली के संस्थान व इंदौर क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र (IARI) द्वारा वर्षों के गहन रिसर्च के पश्चात् यह नई कठिया किस्म एच.आई. 8830 (पूसा कीर्ति) जारी की है। : New Wheat Variety

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अति विशिष्ट श्रेणी की यह ड्यूरम किस्म का प्रजनक बीज एच. आई. 1650 की तरह ही एक विशेष अनुबंध (MOU) के तहत बहुत ही सीमित बीज होने से कुछ चुनी हुई बीज उत्पादक कम्पनियों को ही बीज प्रगुणन / उत्पादन व विक्रय के लिये दिया गया है जिसकी वास्तविक लागत प्रथम क्विंटल पर 1, 25,000 / – ली गई है अत: किसान अधिकृत लायसेंस प्राप्त कम्पनियों से ही बीज लेवें ताकि उनके साथ किसी प्रकार का धोका न हो।

इस किस्म का दाना आकर्षक, चमकदार, बोल्ड, रंग अम्बर (सुनहरा ), थोड़ा कड़क, आकार दीर्घ वृत्ताकार (इलेप्टीकल), 1000 दानों का वजन लगभग 50 ग्राम बालियों में आरेकल ठोस (काम्पेक्ट) होने से खिरने की समस्या नहीं व परिपक्वता अवधि में थोड़ी वर्षा होने पर भी दाने का रंग खराब नहीं होता जिससे बाजार भाव अच्छे मिलते है। : New Wheat Variety

बॉयो फोर्टिफाईड किस्म होने से इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में जैसे जिंक ( 37. लोह तत्व ( 37.6) पी. पी. एम. तथा इसकी सेडीमेटेशन वेल्यू (33.8 ML) होने से यह इसकी उच्चतम गुणवत्ता एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की क्वालिटी होने का एक तकनीकी प्रमाण है।

हमारे यहाँ प्रकृति ने कठिया (ड्यूरम) गेहूँ के उत्पादन हेतु अत्यंत आदर्श वातावरण एवं पस्थितियाँ प्राकृतिक रूप से प्रदान की है जिसके कारण कठिया गेहूँ की इस किस्म की क्वालिटी अंतर्राष्टीय स्तर की व उत्पादन अधिकतम प्राप्त होता है जिससे इस किस्म की बड़ी स्थानीय माँग एवं निर्यात की असीम संभावनाएँ बनी हुई है। : New Wheat Variety

इस किस्म का पौधा मध्यम ऊँचाई का ऊँचाई लगभग 90 से.मी. पत्तियाँ चौड़ी, पर्ण कोण, सीधी सतह मोमी, मजबूत बालियाँ सफेद, बालियों पर रूए नहीं, काड़ी कड़क, ऊँचाई अधिक नहीं व जबरदस्त टिलरिंग होने के कारण इसके आड़ा पड़ने (लाजिंग) की समस्या नहीं।

पौधा घना, फैलावदार व अधिक कुचे वाले होने के कारण किसानों को भूसा भी अधिक प्राप्त होता है, भूसे के भाव भी बहुत अच्छे मिलने के कारण किसान को लगने वाली गेहूँ की लागत का अधिकतम हिस्सा भूसे की आय में निकल जाता है।

इस किस्म का अंकुरण बहुत अच्छा होने से व टिलरिंग (कल्ले) अधिक होने से बीज दर भी कम लगती है तथा फसल की अवधि लगभग 120 दिन होने से कम सिंचाई में भी अधिकतम उत्पादन देने में यह किस्म सक्षम है। बिमारियों के प्रति प्रतिरोधकता व पाले / ठंड के प्रति सहनशीलता के सभी गुण इस किस्म में अन्य उन्नत ड्यूरम किस्मों की तरह स्वाभाविक रूप से देखे गए है। : New Wheat Variety

इस किस्म की बीज दर 113 किलो हेक्टेयर या लगभग 45 किलो एकड़ तथा लाईन से लाईन की दूरी 20 से.मी. रखने व 20 अक्टूबर से 25 नवंबर से पूर्व समय पर बोनी करने व अनुशंसित संतुलित उवर्रक एन. पी. के. व जिंक की मात्रा समय पर 100:50:25 उपयोग करने पर आदर्श परिणाम।

इस किस्म में एक यह अच्छी बात है कि सीमित सिंचाई 1 से 2 देने पर भी यह किस्म अच्छा उत्पादन देने की क्षमता रखती है। इस किस्म में किसानों द्वारा 3 से 4 सिंचाई में भी व्यवाहरिक रूप गतवर्ष कि विपरित मौसम एवं अधिक तापमान की परिस्थिति में भी लगभग 17 क्विंटल बीघा का उत्पादन लिया गया है जो कि आश्चर्यजनक किंतु सत्य है।

इस किस्म में किसान भाई दाने में दूध भरने (जीव पड़ने) की अवस्था लगभग 85 से 90 दिन के बाद सिंचाई रोक देगें तो फसल के आड़ा पड़ने व दाने के पोट्या (धान्या) होने की संभावना नहीं के बराबर रहेगी जिससे किसानों को अधिकतम उत्पादन के साथ अच्छे बाजार भाव दोनों का लाभ मिलेगा। : New Wheat Variety

गेहूँ की यह अत्यंत उन्नत एडवांस जनरेशन की यह ड्यूरम किस्म एच. आई. 8830 (पूसा कीर्ति) अपने बहु आयामी गुणों के कारण अतिशीघ्र अपना एक विशिष्ट उच्च स्थान अतिशीघ्र बना लेगी तथा किसानों के लिये कठिया गेहूँ की खेती की एक नई परम्परा बनाते हुए उनके लिये वरदान सिद्ध होगी। : New Wheat Variety

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ऑफिस : 51, राजस्व कॉलोनी, टंकी पथ, उज्जैन – 456010 (म. प्र. )

फोन : 2530547 फेक्स: 0734-2530547 मो. : 9301606161, 94253-32517

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