गेंहू सहित अन्य रबी फसलों के किए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली के कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की एडवाइजरी (Wheat Crop Advisory)।
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Wheat Crop Advisory | भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (भा.कृ.अ.प.), नई दिल्ली के कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों ने इस सप्ताह के लिए साप्ताहिक कृषि सलाह जारी की है।
इस समय शीतकालीन फसलों और सब्जियों की बुआई, सिंचाई, और रोग प्रबंधन के लिए सही दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।
यह सलाह मौसम पूर्वानुमान और कृषि विज्ञान के आधार पर तैयार की गई है, जिससे किसानों को खेती के विभिन्न कार्यों में मदद मिल सके।
आइए, जानते हैं आईएआरआई द्वारा जारी इस सप्ताह (Wheat Crop Advisory) की महत्वपूर्ण कृषि परामर्श सेवाएं…
Wheat Crop Advisory | गेंहू की खेती को लेकर IARI की साप्ताहिक सलाह
जिन किसानों की गेहूं की फसल 21-25 दिन की हो चुकी है, वे अगले पांच दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना को ध्यान में रखते हुए पहली सिंचाई करें। सिंचाई के 3-4 दिन बाद उर्वरक की दूसरी मात्रा डालना सुनिश्चित करें।
तापमान को देखते हुए पछेती गेहूं की बुवाई जल्द से जल्द पूरी कर लें। बीज दर 125 किलो प्रति हेक्टेयर रखें और उन्नत प्रजातियों जैसे एच.डी. 3059, एच.डी. 3237, एच.डी. 3271, एच. डी. 3369, एच. डी. 3117, डब्ल्यू. आर. 544, पी.बी.डब्ल्यू. 373 आदि का उपयोग करें। : Wheat Crop Advisory
बुवाई से पहले बीजों को बाविस्टिन @ 1.0 ग्राम या थायरम @ 2.0 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करें। दीमक प्रभावित खेतों में क्लोरपाईरिफास (20 ईसी) @ 5.0 लीटर/हैक्टर की दर से पलेवा के साथ या सूखे खेत में छिड़क दे और नत्रजन, फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों की मात्रा 150, 60 व 40 कि.ग्रा./ हैक्टर होनी चाहिये।
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सरसों सहित अन्य रबी फसलों को लेकर सलाह
• सरसों की फसल : देर से बोई गई सरसों की फसल में विरलीकरण और खरपतवार नियंत्रण का काम करें। औसत तापमान में कमी के चलते सरसों की फसल में सफेद रतुआ रोग की नियमित निगरानी आवश्यक है। : Wheat Crop Advisory
• गेंदे की फसल : गेंदे की फसल में पुष्प सड़न रोग की निगरानी करें और सापेक्षिक आर्द्रता के अधिक रहने की संभावना को ध्यान में रखते हुए फसल का उचित प्रबंधन करें।
• प्याज की रोपाई : तैयार खेतों में प्याज की रोपाई से पहले सड़ी हुई गोबर की खाद और पोटाश उर्वरक का प्रयोग करें। इससे फसल को पर्याप्त पोषण मिलेगा और उपज अच्छी होगी।
• आलू और टमाटर में झूलसा रोग का प्रबंधन : हवा में नमी बढ़ने के कारण आलू और टमाटर की फसलों में झूलसा रोग होने की संभावना है। ऐसे में नियमित निगरानी करें और लक्षण दिखने पर डाईथेन-एम-45 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर का छिड़काव करें। : Wheat Crop Advisory
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• गोभी वर्गीय सब्जियां : जिन किसानों ने टमाटर, फूलगोभी, बंदगोभी और ब्रोकली की पौधशाला तैयार कर ली है, वे मौसम को ध्यान में रखते हुए पौधों की रोपाई कर सकते हैं। पत्ती खाने वाले कीटों की निगरानी करें और आवश्यकता होने पर बी.टी. @ 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या स्पेनोसेड दवा @ 1.0 एम.एल./3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
• सब्जियों की निराई-गुड़ाई : इस मौसम में सब्जियों की निराई-गुड़ाई करके खरपतवार नष्ट करें और सिंचाई के बाद उर्वरकों का बुरकाव करें। इससे फसलों को पर्याप्त पोषण मिलेगा और उत्पादकता बढ़ेगी। : Wheat Crop Advisory
• आम की फसल में मिलीबग का प्रबंधन : मिलीबग के शिशु जमीन से निकलकर आम के तनों पर चढ़ सकते हैं। किसानों को सलाह है कि वे जमीन से 0.5 मीटर की ऊंचाई आम के तनों के चारों ओर 25 से 30 से.मी. अल्काथीन की पट्टी लगाएं और तनों के पास की मिट्टी की खुदाई करें ताकि उनके अंडे नष्ट हो सकें।
धान की पराली को ना जलाए : आईएआरआई
किसानों को सलाह है कि खरीफ फ़सलों (धान) के बचे हुए अवशेषों (पराली) को ना जलाऐ। क्योकि इससे वातावरण में प्रदूषण ज़्यादा होता है, जिससे स्वास्थय सम्बन्धी बीमारियों की संभावना बढ जाती है। : Wheat Crop Advisory
इससे उत्पन्न धुंध के कारण सूर्य की किरणे फसलों तक कम पहुचती है, जिससे फसलों में प्रकाश संश्लेषण और वाष्पोत्सर्जन की प्रकिया प्रभावित होती है जिससे भोजन बनाने में कमी आती है इस कारण फसलों की उत्पादकता व गुणवत्ता प्रभावित होती है।
किसानों को सलाह है कि धान के बचे हुए अवशेषों (पराली) को जमीन में मिला दें इससे मृदा की उर्वकता बढ़ती है, साथ ही यह पलवार का भी काम करती है। जिससे मृदा से नमी का वाष्पोत्सर्जन कम होता है। नमी मृदा में संरक्षित रहती है। धान के अवशेषों को सड़ाने के लिए पूसा डीकंपोजर कैप्सूल का उपयोग @ 4 कैप्सूल प्रति हेक्टेयर किया जा सकता है। : Wheat Crop Advisory
मौसम पूर्वानुमान और पिछला रुझान
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, आगामी दिनों में बारिश की संभावना नहीं है। अधिकतम तापमान 22-23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 7-9 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
सापेक्षिक आर्द्रता अधिकतम 90-100 प्रतिशत और न्यूनतम 35-45 प्रतिशत रहेगी। हवा की दिशा उत्तर-उत्तर-पश्चिम और गति 8-14 किमी/घंटा रहने का अनुमान है। : Wheat Crop Advisory
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों से अपील की है कि वे इन साप्ताहिक सलाहों का पालन करें और अपनी फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार करें। कृषि में बेहतर प्रबंधन से ही हम बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।
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