Soybean Advisory : तेज बारिश से सोयाबीन में वाहवीय झुलसा रोग, तना मक्खी के अटैक से पत्ते सूखकर लाल हो रहे।
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Soybean Advisory | मानसून की दस्तक के बाद जुलाई अंत तक लगातार बारिश, फिर अगस्त में कम बारिश के कारण बार-बार मौसम में बदलाव देखने को मिला, वहीं पिछले सप्ताह तेज बारिश के बाद तीन दिन से तेज गर्मी व उमस का असर है। इससे इंडिया, सिराली, पीपल्या, टिमरनी क्षेत्र में सोयाबीन की फसल में वाहवीय झुलसा रोग और तना मक्खी रोग का असर दिख रहा है। इससे फसल के पत्ते सूखकर लाल हो रहे हैं।
तना मक्की के कारण पौधे खोखले होने से कमजोर हो रहे हैं। पौधों को पोषण नहीं मिल रहा है। इससे सोयाबीन का उत्पादन कम होना तय है। इंडिया के किसान अजय धनगर, राजेश धनगर के खेत में सोयाबीन की फसल पीली पड़ रही है, पत्ते सूख रहे हैं। उनका कहना है लगातार बारिश व मौसम में बदलाव से असर दिखा है। : Soybean Advisory
वहीं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी नीरज खोदरे ने मंगलवार को पीपल्या, खुदिया में खेतों का निरीक्षण भी किया। इसमें सोयाबीन की फसल में रोग के लक्षण नजर आए हैं। खुदिया में धर्मेंद्र चौहान, नरेंद्र चौहान और पीपल्या के बंशीलाल गौर, सावित्री बाई के खेत में सोयाबीन फसल में जल जमाव से जड़ गलन की समस्या सामने आई है। पौधों में लगी फलियां भी गिर रही हैं। सोयाबीन की फसल खराब होने से किसान चिंतित हैं।
वैज्ञानिक सलाह पर तुरंत करें कीटनाशकों का उपयोग
Soybean Advisory | डॉ. ओपी भारती ने बताया कि वाहवीय झुलसा के लिए पलूवसापयोक्साड व पायरोक्लोत्रोबीन (300 ग्रा/हे) या पायरोक्लोस्रोबीन व इपोक्कोसीकोनाजोल (750 एमएल/हे) या पायरोक्लोस्रोबीन 20 प्रतिशत डब्ल्यूजी (375-500 ग्रा/हे) का छिड़काव करें। वहीं तना मक्खी के नियंत्रण के लिए थियामेथोक्सम व लैब्डा सायहेलोथ्रिन, बीटासायफ्लुथ्रिन व इमिडाक्लोप्रिड या इंडोक्साकार्बथायोलमथोक्समका छिड़काव करें।
वहीं तंबाकू इल्ली के लिए क्लोरएंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी, (150 मिली/हे) या स्पायनेटोरम 11.7 एससी (450 मिली/हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मिली/हे), या पलूबेडियामाइड 20 डब्ल्यूजी (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूबेडियामाइड 39.35एससी (150 मिली/हे) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एससी (333 मिली/हे) या क्लोरफ्लूआजुरोन 05.40 ईसी (500 मिली/हे) या नोवाल्युरोन इंडोक्साकार्ब 04.50 एससी (825-875 मिली/हे) या बोपलानिलाइड 300 ग्राम / हे. एससी (42-62 ग्राम/हे.) का छिड़काव करें। : Soybean Advisory
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सोयाबीन की पत्तियां झुलसकर मुरझा रहीं
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. ओपी भारती ने बताया कि जिले में सोयाबीन में वाहवीय झुलसा रोग फफूंद अल्टनेरिया या फायटोफथोरा या बैक्टेरिया के अटैक से होता है। यह बार-बार मौसम बदलने पर तेजी से फैलता है। इसमें पत्तियां काली- भूरी होकर सूख जाती हैं। पौधे मुरझाने से नष्ट हो जाते हैं। : Soybean Advisory
वहीं सोयाबीन में इल्ली तने में सुरंग बनाती हैं। इससे लाल रंग की सुरंग बन जाती है। फसल में फली कम या फली में दाने नहीं बैठते हैं। इससे दानों में वजन कम रहता है। वहीं कहीं-कहीं तंबाकू इल्ली के कारण सोयाबीन की पत्तियां, फल, फूल झड़ रहे हैं। पौधे कमजोर हो रहे हैं। इससे उत्पादन पर असर होगा।
जुलाई में बारिश, आधा अगस्त सूखा गुजरा
Soybean Advisory | बता दें की, हरदा जिले में मानसून ने 17 जून को दस्तक दी थी। इसके बाद से जुलाई माह तक लगातार तेज बारिश हुई। वहीं आधा अगस्त सूखा बीता। इससे सिराली क्षेत्र के किसान रामकृष्ण गुर्जर की 12 एकड़ की सोयाबीन की फसल उगने के बाद खराब हुई। वहीं पीपल्या के नीतेंद्र राजपूत की 20 एकड़ की सोयाबीन तेज बारिश से गल गई और खराब हो गई।
वहीं बची 5 एकड़ की सोयाबीन की ग्रोथ रुकी थी। इसके बाद किसानों ने उड़द की बोवनी की, लेकिन वह भी खराब हो गई। किसान आक्रोश मोर्चा के पवन विश्नोई ने खराब फसलों का जल्द से जल्द सर्वे कराने की मांग की है, ताकि किसानों की नुकसानी की भरपाई हो सके। : Soybean Advisory
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