22 साल बाद राजस्थान को मिला जीरे की पहली किस्म (New Cumin variety) का तोहफा।
New Cumin variety | जिस जीरे को जीव रौ बैरी बताया जाता था, अब वो ‘जीरौ जीव री जड़ी’ बन चुका है। ये कर दिखाया है मारवाड़ के किसानों और जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के किसानों की 7 साल की मेहनत ने। इनके प्रयासों से प्रदेश को पहली बार अपनी स्वदेशी जीरे की किस्म ‘जोधपुर जीरा -1′ मिली है। को भारत सरकार ने आधिकारिक मंजूरी देकर गजट अधिसूचना जारी कर दी है।
राजस्थान के किसानों का 22 साल पुराना सपना पूरा हुआ। अब इसका बीज उत्पादन और व्यवसायिक New Cumin variety बोवाई शुरू हो सकेगी। यह उपलब्धि जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सात साल की मेहनत का नतीजा है। खासियत यह है कि यह किस्म 22.7% ज्यादा उपज देती है और जीरे की दो बड़ी बीमारियों-उकठा और कालिया से लड़ने में सक्षम है।
इससे किसानों की आय बढ़ेगी और भारत का निर्यात भी मजबूत होगा। केंद्रीय किस्म विमोचन समिति (CSC) ने 4 अप्रैल 2025 को नई वैरायटी को रिलीज करने की मंजूरी दी थी। इसके बाद 1 सितम्बर को भारत सरकार ने गजट अधिसूचना जारी कर जोधपुर जीरा- 1’ (New Cumin variety) को पंजीकृत कर दिया। अब कृषि विभाग बीज उत्पादन और वितरण की अधिसूचना जारी करेगा।
जोधपुर जीरा – 1 की खासियतें | New Cumin variety
• 22.7% अधिक उत्पादन : मौजूदा किस्म जीसी-4 की तुलना में।
• रोग प्रतिरोधक : उकठा (Fusarium wilt ) और कालिया (Blight) से सुरक्षा।
• तेल की बेहतर गुणवत्ता : अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात के लिए उपयुक्त।
• देशभर में सफल परीक्षण : राजस्थान व गुजरात के 5 कृषि केंद्रों में साबित हुई श्रेष्ठ।
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