सेवा सहकारी संस्थाओं में किसानों के साथ क्यों होती है धोखाधड़ी KCC fraud inside story एवं किसान इससे कैसे बचे जानें..
KCC fraud inside story | मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में एक बार फिर किसानों के साथ बड़ी धोखाधड़ी का सामना मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि करीब 700 किसानों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई। यह धोखाधड़ी सेवा सहकारी संस्थाओं एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से संबंधित होने के कारण अब यह प्रश्न उठने लगा है कि आखिरकार सेवा सहकारी संस्थाओं एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से संबंधित किसानों के साथ ही धोखाधड़ी क्यों होती है।
जबकि प्रदेश के लाखों किसान सेवा सहकारी संस्थाओं एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण KCC fraud inside story लेते हैं एवं खाद बीज लेते हैं। चौपाल समाचार की इस खबर में आईए जानते हैं की सेवा सहकारी संस्थाओं एवं जिला सहकारी बैंकों में किस प्रकार धोखाधड़ी KCC fraud inside story की जाना आसान हो जाती है एवं किसान इसके जाल में आसानी से किस प्रकार फंस जाते हैं।
एक नजर : किसानों के साथ हुई धोखाधड़ी पर
हाल ही में उज्जैन जिले एवं तहसील की लेकोड़ा सेवा सहकारी संस्था के सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत निशिकांत चव्हाण द्वारा किसानों को राशि कम देने और बिना बताए राशि निकालने का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सेक्रेटरी ने किसानों की जानकारी के बिना ही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की भरतपुरी शाखा से किसानों के केसीसी खाता KCC fraud inside story में हेरा फेरी करते हुए करोड़ों रुपए की राशि केसीसी की लिमिट बढ़कर निकाल ली।
किसानों के ऋण से चार गुना अधिक ऋण निकला लिया। मामला तब सामने आया जब किसान बैंक में ऋण लेने पहुंचे तो पता चला की पहले से किसानों का ओवर ड्यू चल रहा है। इसके अलावा कई किसानों द्वारा सीसीसी की रकम सेक्रेटरी को जमा करने के लिए दी गई वह राशि सेक्रेटरी ने किसान के खाते में जमा ही नहीं की।
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ऐसा ही एक प्रकरण पिछले वर्ष जनवरी माह जनवरी 2022 के दौरान जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की घटिया शाखा में भी सामने आ चुका है यहां पर भी किसानों के नाम से फर्जी खाते KCC fraud inside story खोलकर लाखों रुपए का गबन किया गया। इस गबन की जानकारी भी गबन का खुलासा भी एक किसान को अपने खाते में ओवरड्यू होने के बाद पता चला था। उक्त मामले में भी 79 लाख रुपये का गबन किसानों के नाम पर फर्जी खाते खोलकर किया गया था।
इसके अलावा किसान कर्ज माफी योजना के दौरान किसानों के कई फर्जी खाते होने का खुलासा हुआ था यह फर्जी खाते सेवा सहकारी संस्थाओं के प्रबंधक सचिव ने खोल रखे थे इनके माध्यम से लाखों करोड़ों रुपए का गबन किया जा रहा था। अब सवाल यह उठता है कि किसानों के नाम पर यह फर्जीवाड़ा KCC fraud inside story कैसे होता है एवं किसान इससे कैसे बचे।
सेवा सहकारी संस्थाओं में क्यों होता है घोटाला
मध्य प्रदेश में चार हजार 536 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां है। इन समितियों से 58 लाख से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं। खेती की लागत घटाने के लिए ब्याज रहित कृषि ऋण भी समितियों के माध्यम से दिया जाता है।
लगभग 30 लाख किसान प्रतिवर्ष खरीफ और रबी फसलों के लिए खाद-बीज सहित अन्य सामग्री समितियों से लेते हैं। खाद के अग्रिम भंडारण के साथ गेहूं, धान, चना, सरसों, मूंग आदि फसलों का समर्थन मूल्य पर उपार्जन का काम भी समितियां करती हैं। समितियों KCC fraud inside story का काम अधिक होने के कारण इसमें गड़बड़ी होना आम बात हो गई है।
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खास बात यह है की समितियां में अभी संचालक मंडल नहीं है जिसके कारण समितियां का कामकाज प्रशासक संभाल रहे हैं। यही कारण है कि समितियां समितियां प्रशासक/प्रबंधक के भरोसे रह गई है। जबकि नियमानुसार समितियों के चुनाव संचालक मंडल का कार्यकाल समाप्त KCC fraud inside story होने के पहले हो जाना चाहिए। विशेेष परिस्थिति में कार्यकाल छह माह बढ़ाया जा सकता है। इसके बाद चुनाव होनेे चाहिए पर प्रदेश में ऐसा नहीं हो पा रहा है।
शीघ्र चुनाव होने की कोई संभावना भी नजर नहीं आ रही है क्योंकि अभी तक सदस्यता सूची ही तैयार नहीं हुई है। चुनाव न कराने और समितियों का संचालन अधिकारियों से कराने को लेकर कांग्रेस सरकार पर सहकारी व्यवस्था को समाप्त करने का आरोप लगाती रही है। विधानसभा में प्रश्न भी किए जा चुके हैं। बावजूद इसके समितियां के कामकाज में सुधार नहीं हो पा रहा है।
इन समितियां में प्रबंधक स्थानीय स्तर पर नियुक्त रहते हैं जिनका किसानों से सीधा संपर्क रहता है यही कारण है कि किसानों द्वारा जो राशि प्रबंधक को बैंक में जमा करने के लिए दी जाती है वह बैंक में जमा ही नहीं हो पाती। इसके अलावा प्रबंधक KCC fraud inside story एवं जिला सहकारी बैंक किस शाखाओं के अधिकारियों के बीच अच्छी ट्यूनिंग होने के कारण भी धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है। जिला सहकारी बैंक की शाखाओं में सेवा सहकारी संस्थाओं के प्रबंधक ही किसानों के केसीसी खातों का संचालन करते हैं।
धोखाधड़ी से किसान कैसे बचें
KCC fraud inside story : सेवा सहकारी संस्थाओं एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखाओं से जुड़े हुए किसान अपने केसीसी खातों का संचालन स्वयं करें। इसके अलावा समय-समय पर बैंक स्टेटमेंट निकालकर आहरण एवं जमा की जानकारी लेते रहे। भूल कर भी सेवा सहकारी संस्थाओं के प्रबंधकों को कोरे विड्रोल पर हस्ताक्षर करके नहीं दें।
क्योंकि आमतौर पर यह देखने में आता है कि सेवा सहकारी संस्था के प्रबंधक खाता पलटी के नाम पर कोरे विड्रोल पर किसान से हस्ताक्षर करवा लेते हैं एवं अपने अनुसार राशि भरकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखाओं KCC fraud inside story से निकलते हैं। इसके अलावा अपने केसीसी खाता को मोबाइल नंबर से जरूर जोड़ें ताकि खाते में जमा एवं आहरण संबंधी मैसेज प्राप्त होते रहे।
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