चने का भाव को लेकर तेजी मंदी की पूरी रिपोर्ट, देखें आगे क्या Chana Rate भाव रहने की संभावना है..
Chana Rate | चने के भाव में लगातार तेजी बनी हुई है। एक अनुमान के तौर पर सीजन की शुरुआत के बाद अब तक 700 से 800 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। चने के वर्तमान भाव समर्थन मूल्य से कहीं अधिक हैं। चने के भाव में तेजी आने का प्रमुख कारण उत्पादन में कमी को बताया जा रहा है। इंदौर के व्यापारियों के मुताबिक चने की कीमतों में एकतरफा तेजी की स्थिति बनी हुई है।
दरअसल, देसी चने का उत्पादन इस बार 67-68 लाख मीट्रिक टन के करीब रह गया है, जबकि हमारे खपत 115-120 लाख टन की है। पिछले 5 वर्षों से देसी चने में किसानों और कारोबारियों को कोई विशेष लाभ नहीं मिला। जिसके चलते उन्होंने इसकी बोवनी में कम दिलचस्पी दिखाई। यहीं वजह है कि उत्पादन में कमी आई है और यही कीमतों में तूफानी तेजी आने का प्रमुख कारण बना। आईए जानते हैं चने के भाव Chana Rate को लेकर पूरी जानकारी..
चने के वर्तमान भाव / Dollar Chana Container Rate
Chana Rate इंदौर में पिछले चार दिनों में चना कांटे में करीब 600 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है और बुधवार को इंदौर में चना कांटा रिकॉर्ड दाम 7200 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। गुरुवार 30 मई को चने के भाव 7100 रुपए प्रति क्विंटल रहे। जबकि इसी महीने की 20 मई को चना कांटा 6600 रुपए बिका था।
इंदौर मंडी में चना कांटा 7050-7100 विशाल 6700-6800 डंकी चना 5900-6200 रुपए प्रति क्विंटल रहे। कंटेनर में डॉलर चना बढ़कर 40/42 12400, 42/44 12100, 44/46 11800, 58/60 10200, 60/62 10100, 62/64 10000 रुपए प्रति क्विंटल बोला गया।
MSP से वर्तमान दामम 35 प्रतिशत तक अधिक
चना का न्यूनतम Chana Rate समर्थन मूल्य इस बार 5440 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो पिछले साल के समर्थन मूल्य 5335 रुपए प्रति क्विंटल से 105 रुपए अधिक है। इसके मुकाबले चना का थोक मंडी भाव 7150 से 7200 रुपए प्रति क्विंटल यानी लगभग 35 प्रतिशत ऊपर चल रहा है।
मंडियों में ना चना की आपूर्ति व उपलब्धता बढ़ रही है।और न ही कीमतों में नरमी का कोई संकेत मिल रहा है। सरकारी अनुमान है कि कीमतों में नरमी नहीं आने की स्थिति में चना पर भंडारण सीमा लागू करने पर विचार किया जा सकता है।
चने के उत्पादन को लेकर यह रिपोर्ट जारी हुई
Chana Rate चने के उत्पादन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्रालय में रिपोर्ट जारी की है। कृषि मंत्रालय ने चना का घरेलू उत्पादन 2022-23 की तुलना में करीब एक लाख टन घटकर 2023-24 के वर्तमान सीजन में 121.60 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है। जानकारों का मानना है कि वास्तविक उत्पादन 100 लाख टन से भी कम हुआ है।
मांग व आपूर्ति के बीच भारी अंतर रहने से चना का खुला बाजार भाव पहली बार बढ़ते हुए 7000 रुपए प्रति क्विंटल की मनोवैज्ञानिक सीमा को पार कर गया है। इस वजह से सरकारी एजेंसियों को बफर स्टॉक के लिए चना खरीदने Chana Rate में परेशानी हो रही है।
वैश्विक स्तर पर चने के उत्पादन की स्थिति
देसी चना Chana Rate की आपूर्ति व उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने अक्टूबर तक इसके आयात को शुल्क मुक्त कर दिया है, लेकिन निर्यातक देशों और खासकर ऑस्ट्रेलिया व तंजानिया में सीमित स्टॉक को देखते हुए सरकार के इस निर्णय का ज्यादा सकारात्मक असर पड़ने की संभावना नहीं है। चना का आयात धीमी गति से और कम मात्रा में हो सकता है। इससे यह अनुमान लगाया जाने लगा है कि सरकार के प्रयासों के बावजूद चने के भाव पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
चने के भाव में आगे क्या स्थिति रहेगी
जानकारों का कहना है कि ऊंचे भाव Chana Rate पर भले ही छोटी अवधि में चने की कीमतों में मंदी आ जाए। लेकिन लंबी अवधि में इसके भाव और बढ़ सकते हैं। इस महीने चना के भाव में तेजी देखने को मिली है।
अप्रैल महीने की शुरुआत के दौरान चना का भाव 5800 से 5850 रुपये था, जो जो अप्रैल माह के अंत तक बढ़कर 6150 से 6200 रुपये क्विंटल हो गया है। नहीं अब इसमें ₹1000 तक की बढ़ोतरी होते हुए भाव 7200 को टच कर गए हैं। इस तरह इस महीने चना के भाव करीब 35 फीसदी चढ़ चुके हैं।
Chana Rate पिछले साल इन दिनों चना करीब 5000 से 5100 रुपये क्विंटल बिक रहा था। जाहिर है कि पिछले साल की तुलना में चना के दाम 40 फीसदी से भी ज्यादा हैं। बाजार जानकारों के अनुसार चना के कमजोर उत्पादन को देखते हुए स्टॉकिस्टों व दाल मिलर्स की मांग मजबूत बनी हुई है, इसलिए चने में तेजी आई है। जानकारों के अनुसार लंबी अवधि में चना के भाव और बढ़ सकते हैं।
मुनाफा मसूरी के कारण भाव में मंदी के भी संकेत
देसी चने Chana Rate की आई हुई फसल अनुकूल नहीं है एवं पाइप लाइन में माल भी नहीं है, जिस कारण दाल मिलों को देसी चना नहीं मिल पा रहा है। दूसरी ओर उत्पादन में कमी को देखते हुए चौतरफा स्टॉकिस्ट लिवाली करने लगे हैं, जिस कारण इसके भाव में लगातार तेजी बनी हुई है। व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक चने में इस वर्ष आवक का प्रेशर कमजोर रहा। चने के भाव में यहीं से तेजी का रुख बना, जिसके निरंतर आगे भी जारी रहने की संभावना है। बताया जा रहा है कि जून महीने में भी चने के यही भाव बने रहेंगे।
चने के भाव बढ़ने से अभी बिक्री में वृद्धि होने की संभावना है, मुनाफा वसूली के कारण भले ही कुछ समय के लिए भाव में उतार-चढ़ाव हो जाए किंतु आखिरकार चने के भाव में फिर तेजी आने की संभावना है। चने के भाव में ज्यादा गिरावट नहीं आएगी। इसकी प्रमुख वजह यह है कि लगभग सभी राज्यों में चने की आवक में गिरावट दर्ज हो रही हुई है। परिणाम स्वरूप चने के भाव Chana Rate में तेजी के चलते अन्य दाल महंगी हो गई है।
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