बदलते मौसम के कारण गेंहू की फसल में चेपा (अल) किट (Chepa Kit in Wheat Crop) से परेशान हुए किसान, बढ़वार रुकेगी, कीट नियंत्रण के समाधान जानें..
Chepa Kit in Wheat Crop | बदलते मौसम के चलते रबी फसलों में अब कीटों का प्रकोप शुरू हो गया है। स्थिति यह है कि इस बार देशभर में रबी सीजन में सर्वाधिक रकबे वाली फसल गेहूं में चेपा एवं माहू किट का सबसे अधिक प्रकोप होने लगा है। बढ़वार व उत्पादन को लेकर किसान चिंतित हैं। उनका कहना हैं कि उत्पादन प्रभावित होने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। तो इस चेपा (अल) कीट को कैसे रोका जा सकता है, इसके Chepa Kit in Wheat Crop नियंत्रण के उपाय यहां चौपाल समाचार के इस लेख में दिए गए है, जानें…
गेंहू एवं जौ के लिए बेहद खतरनाक है चेपा किट
Chepa Kit in Wheat Crop | कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, चेपा किट रबी फसलों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। गेहूं व जौ में चेपा का आक्रमण अधिक देखा गया है। चेपा फसल को पूरी तरह से नष्ट कर सकता है। ऐसे में इसके बचाव के लिए हरियाणा कृषि विभाग के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर जरूरी सलाह जारी की गई है। हरियाणा कृषि विभाग के द्वारा जारी की गई सूचना के मुताबिक, चेपा गेहूं व जौ की फसलों में कीट के बच्चे व प्रौढ़ पत्तों से रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देते हैं।
👉व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
क्या है चेपा (अल) किट
चेपा एक तरह का कीट Chepa Kit in Wheat Crop होता है, जो गेहूं व जौ की फसल पर सीधे तौर पर आक्रमण करता है। अगर यह कीट एक बार पौधे में लग जाता है, तो यह पौधे के रस को धीरे-धीरे चूसकर उसे बहुत ही कमजोर कर देता है, जिसके चलते पौधा का सही से विकास नहीं हो पाता है।
देखा जाए तो चेपा कीट फसल में नवंबर से फरवरी महीने के बीच में अधिकतर देखने को मिलता है। यह कीट सबसे पहले फसल के सबसे कोमल व कमजोर हिस्सों को अपनी चपेट में लेता है और फिर धीरे-धीरे पूरी फसल में फैल जाता है। चेपा कीट मच्छर Chepa Kit in Wheat Crop की तरह दिखाई देता है, यह दिखने में पीले, भीरे या फिर काले रंग के कीड़े की तरह होत है।
ये भी पढ़ें 👉 प्याज – लहसुन की पत्तियां पीली पड़ रही है! प्याज एवं लहसुन की बंपर पैदावार के लिए यह उपाय करें किसान साथी
गेहूं व जौ में चेपा (अल) से बचाव विधि
*गेहूं व जौ में चेपा (अल) से बचाव*
• गेहूं व जौ की फसलों में चेपा (अल) का आक्रमण होने पर इस कीट के बच्चे व प्रौढ़ पत्तों से रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देते हैं।
• इसके नियन्त्रण के लिए 500 मि.ली. मैलाथियान 50ई. सी. को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ फसल पर छिड़काव करें। pic.twitter.com/E1HyJW79EA
— Dept. of Agriculture & Farmers Welfare, Haryana (@Agriculturehry) January 15, 2024
गेहूं व जौ की फसलों में चेपा (अल) का आक्रमण होने पर इस कीट Chepa Kit in Wheat Crop के बच्चे व प्रौढ़ पत्तों से रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देते हैं। इसके नियंत्रण के लिए 500 मि.ली. मैलाथियान 50 ई. सी. को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ फसल पर छिड़काव करें। किसान चाहे तो इस कीट से अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग के अधिकारियों से भी संपर्क कर सकते हैं।
संतरे में काली मस्सी की मार
Chepa Kit in Wheat Crop | इस समय कई किसानों के संतरे में भी काली मस्सी का प्रकोप देखा जा रहा है। फलों की आवक समय के साथ कीट का प्रकोप भी होने से किसानों में चिंता है। उन्हें डर है कि कहीं उत्पादन के साथ- साथ इसके दामों पर भी बुरा असर ना पड़ जाए। किसानों का कहना हैं कि इस रोग के चलते संतरे के पौधे कमजोर हो गए हैं। धीरे- धीरे यह रोग पूरे पौधे में फैल जाता है। इसके चलते पूरा पौधा काला पड़ जाता हैं।
👉ऐसी खबरों के लिए व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।
यह भी पढ़िए…👉 जिन किसानों में अब तक सोयाबीन नहीं बेची उनके लिए भाव को लेकर बड़ी अच्छी खबर, अब क्या भाव रहेंगे जानें..
👉 बाजार में महिंद्रा के इन टॉप 5 ट्रैक्टरों की भारी डिमांड, जानें टॉप 5 मॉडल की कीमत एवं खासियत
👉 300 से 500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने वाली प्याज की सबसे अच्छी टॉप 8 किस्में
प्रिय पाठकों..! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.