कपास के बीज खरीदने एवं बुवाई के संबंध में कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी, पढ़ें Cotton farming advise डिटेल..
Cotton farming advise | कपास एक कमर्शियल फसल है। इसकी अच्छी खेती हो तो किसानों को बंपर मुनाफा हो सकता है। कपास की खेती करने के दौरान बहुत सी बातों का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। कपास के बीज चयन से लेकर बुवाई एवं रखरखाव का ध्यान बहुत बारीकी से रखना पड़ता है। कपास की फसल में कीट काफी लगते हैं, इसलिए कीटनाशकों का स्प्रे करना पड़ता है और उससे लागत बढ़ जाती है।
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे बचने के लिए किसान बुवाई के समय ही कुछ बातों का ध्यान दें तो स्थिति में सुधार हो सकता है। इसके लिए बीज उपचार जरूर करें। फफूंदनाशक द्वारा 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से बीजशोधन करना चाहिए।
फफूंदनाशक दवाई के उपचार से राइजोक्टोनिया जड़गलन, फ्यूजेरियम उकठा और अन्य मृदाजनित फफूंद से होने वाली व्याधियों से फसल को बचाया जा सकता है। किसानों को बीज उपचार के अलावा बीज चयन से लेकर बुवाई के दौरान किन बातों का ध्यान रखना होगा, इसके लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है, आईए पढ़ते हैं पूरी जानकारी..Cotton farming advise
कपास के बीज खरीद समय यह ध्यान रखें
Cotton farming advise कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कपास बीज विभिन्न कंपनियों के निजी विक्रेताओं के पास उपलब्ध है। साथ ही बीज की आपूर्ति भी विभिन्न बीज निर्माता कंपनी के माध्यम से निरंतर जारी है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को बीज सरलता से उपलब्ध करवाने हेतु निजी बीज विक्रेता की दुकान पर संबंधित क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी की ड्यूटी लगाई है। जिसकी निगरानी में कपास बीज विक्रय किया जायेगा।
साथ ही किसानों को उच्च गुणवत्ता युक्त एवं निर्धारित कीमत पर ही पंजीकृत निजी विक्रेताओं से पक्के बिल पर, जिसमें बीज की किस्म, कंपनी का नाम, बैच नंबर, लॉट नम्बर, बीज उत्पादन तिथि, अंतिम तिथि, दर, मात्रा, इत्यादि अंकित हो इस प्रक्रिया के तहत बीज खरीदने की अपील की जा रही है।
Cotton farming advise शासन द्वारा बीज-1 कपास बीज 635 रूपए प्रति पैकेट (475 ग्राम) एवं बीजी-2 कपास बीज 864 रूपए प्रति पैकेट (475 ग्राम) कीमत निर्धारित की गई हैं।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोई भी बीज विक्रेता निर्धारित कीमत से अधिक कीमत पर कपास बीज Cotton farming advise विक्रय या नकली बीज विक्रय करता पाया जाता है, तो बीज नियंत्रण आदेश एवं बीज अधिनियम के तहत कार्यवाही की जावेगी। इसके लिए विकासखंड स्तर पर विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं जिला स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा भी कपास बीज विक्रय की सतत निगरानी रखी जा रही है।
कपास की बुवाई के समय इन बातों का ध्यान रखें
Cotton farming advise उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास, धार ने बताया कि जिले में अधिकांश किसान 15 मई से कपास फसल की बुआई प्रारंभ कर देते हैं। वर्तमान में जिले के निमाड़ क्षेत्र में तापमान 35-40 डिग्री है एवं गर्म हवाएं चल रही है। ऐसी स्थिति में कपास बीज का अंकुरण एवं पौधों की बढ़वार पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि किसान भाई कपास की बुआई 25 से 30 मई या तापमान कम होने पर ही बुआई करें।
कपास की बुआई जल्दी करने पर पिंक बॉलवर्म के प्रकोप होने की संभावना अधिक रहती हैं। Cotton farming advise कपास की बुवाई 15-25 मई के बीच कर दें। इससे सही समय पर फसल तैयार हो जाएगी। बारानी क्षेत्र में मॉनसून के साथ ही बुवाई करना उचित होगा। कपास में 3-4 सिंचाइयों की आवश्यकता होती है। मिट्टी की नमी के अनुसार सिंचाई करें एवं अंतिम सिंचाई एक-तिहाई टिंडे खुलने पर करें।
कृषि विभाग में यह की अपील
कृषि विभाग द्वारा किसानों Cotton farming advise को उच्च गुणवत्ता युक्त एवं निर्धारित कीमत पर ही पंजीकृत निजी विक्रेताओं से पक्के बिल पर बीज खरीदने की अपील की जा रही है। शासन द्वारा बीजी-1 कपास बीज 635 रूपए प्रति पैकेट (475 ग्राम) एवं बीजी-2 कपास बीज 864 रूपए प्रति पैकेट (475 ग्राम) कीमत निर्धारित की गई है।
Cotton farming advise कीमत से अधिक दर पर कोई निजी बीज विक्रेता विक्रय करता है, तो किसान विभाग के संबधित विकासखण्ड कृषि अधिकारी या जिला कार्यालय के नोडल अधिकारी को शिकायत कर सकता है। कोई भी बीज विक्रेता निर्धारित कीमत से अधिक कीमत पर कपास बीज विक्रय करता पाया जाता है, तो बीज अधिनियम के तहत कार्यवाही की जावेगी। जिले में जिला स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा सतत भ्रमण कर निगरानी रखी जा रही है।
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