सोयाबीन की खेती अब लाभदायक नहीं रही, इसकी जगह अन्य फसलें Cultivation of Mung Bean अच्छा फायदा दे रही है..
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Cultivation of Mung Bean | पिछले दो-तीन वर्षों से सोयाबीन के भाव लगातार कम बने हुए हैं। सोयाबीन के भाव कम होने एवं सोयाबीन की खेती में लागत बढ़ने से अब इसकी खेती किसानों के लिए फायदेमंद नहीं रही है। यही कारण है कि किसान अब सोयाबीन के स्थान पर खरीफ सीजन में मूंग एवं उड़द, मक्का की खेती करना पसंद कर रहे हैं।
वहीं मूंग की खेती Cultivation of Mung Bean किसानों को गर्मी के सीजन में भी अच्छा फायदा दे रही है। एमपी कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष प्रदेश में सोयाबीन का रकबा कम रहने की संभावना है।
सोयाबीन का रकबा कम हो रहा
मध्य प्रदेश में लगातार सोयाबीन का रकबा कम हो रहा है। इसके पीछे कारण बाजार में भाव गिरना है। ऐसे में कृषि विशेषज्ञ किसानों को सोयाबीन उत्पादन के प्रेरित करने को नए किस्म एनआरसी-142, आरवीएस 1135, जेएस 2172, जेएस 9305, एनआरसी 150 जैसी रोग प्रतिरोधक एवं अधिक उत्पादन देने वाली वैरियटयों को बोने की सलाह दे रहे हैं, ताकि भाव कम होने की दशा में भरपाई हो सके। इसके अलावा कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि किसान सोयाबीन की बुवाई रेज्ड बेड पद्धति से करें। इस तरह सोयाबीन उगाकर कम लागत में अधिक उत्पादन लिया जा सकता है।
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गर्मी में मूंग की खेती में किसानों को किया मालामाल
गेहूं कटाई के पश्चात चार माह तक खेत बिल्कुल खाली हो जाते हैं ऐसी स्थिति में मात्र 2 महीने की मूंग की फसल में किसानों को अच्छी कमाई करवा रही है। प्रदेश में गर्मी के दौरान मूंग की खेती का रकबा प्रति वर्ष बढ़ रहा है। मूंग की खेती Cultivation of Mung Bean में लागत कम होने दम अच्छा मिलने एवं उत्पादन भी अच्छा रहने से किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है।
गर्मी में मूंग की फसल Cultivation of Mung Bean 60 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। प्रदेश के हरदा, खरगोन, धार, खंडवा, बड़वानी सहित कुछ अन्य जिलों में भी गर्मी के दौरान तीसरी फसल के रूप में सबसे अधिक मूंग की खेती होने लगी है।
निमाड़ के खंडवा, खरगोन व बड़वानी के किसान रबी व खरीफ की मुख्य दो फसलों के अलावा अब तीसरी फसल मूंग की खेती भी करने लगे हैं। किसानों का कहना है कि वे रबी व खरीफ के सीजन में गेहूं, कपास, मक्का, सोयाबीन की ही फसल ले पाते थे, गर्मी के दो महीनों में उनके खेत खाली पड़े रहते थे। अब खेतों में नहर व अन्य जलस्त्रोतों से पानी मिलने से वे मूंग की खेती Cultivation of Mung Bean भी कर रहे हैं। जिससे उनके पास बारिश की फसल पैदा करने के लिए पैसा आ जाता है।
किसानों के लिए मूंग की खेती क्यों है फायदेमंद
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार मूंग, पोषक तत्व भी पैदा करती है। रबी व खरीफ की गेहूं, सोयाबीन, मक्का, कपास जैसी मुख्य फसलें कीट, बीमारी आदि से प्रभावित होती है लेकिन यह फसल ऐसी है जो जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ पोषक तत्व भी पैदा करती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि उपज स्वयं खाद बनाती है, ऐसे में इसमें ना तो कीड़े लगते हैं ना कोई बीमारी लगती है। यह फसल जमीन को सुधारने वाली फसल भी है। इसलिए किसानों के लिए मूंग की खेती Cultivation of Mung Bean सबसे अधिक फायदेमंद साबित हो रही है।
सोयाबीन की जगह किसान बो रहे अन्य फसलें
खरीफ सीजन में अब सोयाबीन के स्थान पर किसान अरहर, मुंग, उड़द, मक्का एवं खरीफ की अन्य फसलों को अधिक बो रहे हैं। इन फसलों को बोने की एक ओर वजह इनके समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी होने को भी बताया जा रहा है। Cultivation of Mung Bean
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