धान की अच्छी फसल के लिए किसानों को कौन सी खाद (Dhan ki fasal me khad) डालनी चाहिए, जानें पूरी डिटेल..
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Dhan ki fasal me khad | धान खरीफ सीजन की महत्वपूर्ण फसल है। खरीफ सीजन में अधिकांश किसान प्रमुख रूप से धान की खेती करते हैं। ऐसे में किसान धान की खेती के साथ हरी खाद का उत्पादन करके धान की पैदावार को बढ़ा सकते हैं। इस हरी खाद को किसान धान के खेत में ही तैयार कर सकते हैं।
इससे किसानों को दोहरा लाभ होगा। एक तो धान की फसल के लिए यह हरी खाद का काम करेगी और दूसरा पशुओं को भी इसे खिलाया जा सकता है। इससे गाय, भैंस जैसे दुधारू पशुओं के दूध की मात्रा भी बढ़ेगी। इस तरह किसान इस हरी चारा खाद Dhan ki fasal me khad को धान के खेत में उगाकर दोहरा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आइए आपको बताते है धान की फसल में यह खाद कितना एवं कब डालें..
पैदावार बढ़ाने के लिए कौन-सी है खाद डालें
Dhan ki fasal me khad | किसान इस साल धान के साथ अजोला की खेती करके धान के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। किसान धान के खेतों में अजोला का प्रयोग हरी खाद के रूप में कर सकते हैं।
इससे धान की फसल को नाइट्रोजन सहित अन्य पोषक तत्व प्राप्त होंगे और इससे धान की पैदावार और क्वालिटी में बढ़ोतरी होगी। खास बात यह है कि यह खाद बहुत ही कम समय में तैयार हो जाती है। इसका प्रयोग करने धान Dhan ki fasal me khad के पौधों का बेहतर विकास होता है और इसके उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
कैसे तैयार करें अजोला की हरी खाद?
किसान धान के खेतों में अजोला रूपी हरी खाद को बहुत ही आसानी से तैयार कर सकते हैं और इसका धान की फसल में बेहतर उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए किसान को चाहिए कि वह 2 से 4 इंच पानी भरे खेत में 10 टन ताजा अजोला को धान की रोपाई से पहले ही डाल दें।
इसके साथ ही इसके ऊपर 30 से 40 किलोग्राम सुपर फास्फेट का छिड़काव करें। अजोला की बढ़ोतरी के लिए 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान बहुत अनुकूल रहता है। खास बात यह है कि धान के खेत में अजोला छोटे-मोटे खरपतवारों को दवा देता है जिससे फसल को नुकसान नहीं होता। इसके अलावा हरी खाद अजोला Dhan ki fasal me khad का इस्तेमाल धान की फसल में करने से 5 से 15 प्रतिशत तक धान की पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
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अजोला हरी खाद के लाभ क्या है..
Dhan ki fasal me khad | धान की फसल में अजोला हरी खाद का प्रयोग करने से किसानों को पैदावार बढ़ाने में सहायता मिलती है। अजोला हरी खाद के प्रमुख लाभ इस प्रकार से हैं। अजोला वायुमंडलीय कॉर्बनडाईऑक्साइड और नाइट्रोजन को कार्बोहाइड्रेट और अमोनिया में बदल सकता है। जब अजोला का अपघटन होता है तब यह फसल को नाईट्रोजन और मिट्टी को कार्बन उपलब्ध कराता है जो फसल और मिट्टी के लिए बहुत उपयोगी है।
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यह मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीवों और पौधों की जड़ों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में भी सहायता करता है। अजोला का धान की फसल में प्रयोग करने से करीब 20 से 40 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से नाइट्रोजन खाद मिल जाती है जो फसल के विकास के लिए बहुत जरूरी है। यह धान के सिंचित खेत में वाष्पीकरण की दर को कम करता है जिससे पानी की बचत होती है। : Dhan ki fasal me khad
अजोला खाद की प्रमुख विशेषताएं
अजोला खाद बहुत तेजी से तैयार होने वाली खाद है जो धान की फसल व पशुओं के लिए बहुत ही उपयोगी है। इस हरी खाद की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार से हैं :-
अजोला अनुकूल वातावरण में 5 से 6 दिनों में ही दुगुनी रफ्तार से बढ़ता है। यदि इसे पूरे साल तक बढ़ने दिया जाए तो यह 300-350 टन प्रति हैक्टेयर तक की पैदावार दे सकता है।
इससे बनी हरी खाद से 40 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हैक्टेयर की दर से प्राप्त होती है। इसमें 3.3 से 3.5 प्रतिशत नाइट्रोजन और कई प्रकार के कार्बनिक पदार्थ होते हैं जो खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं। : Dhan ki fasal me khad
अजोला से किसान कम कीमत पर बेहतर जैविक खाद प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही अजोला का उपयोग किसान पशु आहार के रूप में भी कर सकते हैं। पशुओं को अजोला खिलाने से उनके दूध की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।
इस तरह अजोला हरी खाद न सिर्फ धान की पैदावार को बढ़ाती है साथ ही पशुओं के दूध की मात्रा को भी बढ़ने में मददगार है। इस तरह किसान इस हरी खाद Dhan ki fasal me khad से दोहरा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
पैदावार बढ़ाने के लिए धान की फसल कब एवं कितनी डालें खाद
धान के खेत में अजोला हरी खाद को धान की रोपाई से पहले पानी भरे खेत में दो से तीन सप्ताह के लिए अकेले उगाया जाता है। इसके बाद खेत में भरा पानी बाहर निकाला जाता है और अजोला फर्न को धान की रोपाई से पहले खेत में मिला दिया जाता है। इस खाद Dhan ki fasal me khad का उपयोग आप धान की रोपाई के बाद भी कर सकते हैं।
इसके लिए आप धान की रोपाई के एक सप्ताह बाद, पानी भरे खेत में 4-5 क्विंटल ताजा अजोला छिड़क सकते हैं। इससे धान में रासायनिक खाद की आवश्यकता कम पड़ेगी और धान की पैदावार भी अधिक मिलेगी। अजोला मिट्टी की सेहत और धान की पैदावार में बढ़ोतरी करता है। ऐसे में किसान इस हरी खाद का उपयोग करके धान की पैदावार के साथ ही मिट्टी की उर्वराशक्ति को भी बढ़ा सकते हैं। : Dhan ki fasal me khad
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