किसानों के लिए अच्छी खबर, इन 10 योजनाओं का लाभ एक साथ मिलेगा, पढ़िए डिटेल..

सरकार किसानों को एक साथ कई लाभ देने की योजना पर काम कर रही है आईए जानते हैं इस Farmer ID Scheme का लाभ कैसे मिलेगा..

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Farmer ID Scheme | पात्र किसानों को ही योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत हैं।

योजनाओं के अंतर्गत पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने ही केवाईसी एवं अन्य उपाय अपनाए हैं।

इन्हीं उपायों में से एक उपाय यह है कि सरकार अब किसानों को एक ही प्लेटफार्म पर लाकर सभी योजनाओं का लाभ देगी। इससे किसानों का फायदा होगा। : Farmer ID Scheme

किसानों को अलग-अलग योजनाओं के लिए अलग-अलग आवेदन करने की परेशानी से निजात मिलेगी। इसके लिए किसानों को क्या करना होगा एवं क्या है पूरी प्रक्रिया जानिए..

यह है सरकार की योजना

Farmer ID Scheme | आम नागरिक, पेंशनर, छात्रों के बाद अब किसानों का डेटा भी केंद्र सरकार के पास ऑनलाइन मौजूद रहेगा। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने इसके लिए बड़ी योजना बनाई है। 3 भागों वाली इस योजना के पहले चरण में देशभर के किसानों को फार्मर-आईडी दी जाएगी।

किसानों की पहचान बनेगी फार्मर आईडी

आईडी हासिल करने के लिए उन्हें अलग-अलग माध्यमों से पंजीयन कराना होगा। खास यह है कि केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं की लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनके पास फार्मर-आईडी होगा। : Farmer ID Scheme

यह आईडी आधार नंबर से लिंक होगा। इसके साथ ही हर कृषि भूमि का भी पहचान पत्र यानी फार्म लैंड आईडी भी बनाई जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार केंद्र को हर कृषि भूमि की डिटेल भेजेगी। वहां से आईडी राज्यों को दी जाएगी।

इससे पूरे देश के कृषि भूमि की पहचान एक सेकेंड में हो सकेगी। इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ से की जा रही है। छत्तीसगढ़ के 19,170 गांवों का डेटा केंद्र को भेजा गया था। : Farmer ID Scheme

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रजिस्टर्ड किसान केंद्र की 6, राज्य की 4 योजनाओं में पात्र होंगे

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी केंद्र की 6 योजनाओं के लिए अलग-अलग चक्कर नहीं लगाना होगा। कृषि ऋण योजना, मुख्यमंत्री किसान सहायता योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि मशीनीकरण योजना जैसे राज्य सरकार की योजनाओं के लिए अब सिर्फ एक फार्मर आईडी कार्ड ही देना होगा। : Farmer ID Scheme

फार्मर आईडी कैसे बनेगी

किसान आईडी मोबाइल एप से।

पटवारी द्वारा राजस्व की वेबसाइट से।

कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी बन सकेगी।

वेबसाइट mkisan.gov.in से।

ई-केवाईसी के लिए किसानों को 15 रुपए की फीस जमा करनी होगी। फॉर्म सबमिट होने के बाद पटवारी उसका वेरीफिकेशन करेंगे। उनके सत्यापन के बाद 24 घंटे में फार्मर आइडी किसान के मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से आ जाएगी। : Farmer ID Scheme

फार्मर आईडी के लिए आवश्यक दस्तावेज

कृषि भूमि स्वामी का बी-1, खसरा या ऋण पुस्तिका – आधार कार्ड – मोबाइल नंबर।

ये बदलाव – किसान जमीन बेचने के बाद भी पुराने दस्तावेज से किसान क्रेडिट कार्ड बनवा लेते थे। अब यह संभव नहीं होगा। आईडी, से पता चल जाएगा कि वह भूमिस्वामी है या नहीं।

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यह रहेगी फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया

Farmer ID Scheme | फार्मर आईडी को पुराने रिकॉर्ड से क्रॉस चेक करने के बाद ही बनाया जाएगा। आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड, पीएम सम्मान निधि जैसी जगहों पर दिए गए पुराने रिकॉर्ड से सरकार किसानों के आवेदन को पहले मैच करेगी।

अगर वह मैच नहीं होंगे तो उन्हें एक बारे फिर मौका दिया जाएगा। अगर किसी किसान की मौत हो जाती है तो उसके वारिस का नाम इस पर दर्ज करने की सुविधा भी होगी। फार्मर आईडी में व्यक्ति के नाम वही जमीन दर्ज की जाएगी, जो राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में होगी।

पात्र किसानों को ही लाभ मिलेगा

Farmer ID Scheme | राजस्व विभाग टंकराम वर्मा ने कहा की – हर किसान का एक पहचान-पत्र बनाया जाएगा। इस आईडी के जरिए वास्तविक किसानों को शासन की योजनाओं का समुचित लाभ मिल सकेगा।

इस प्रकार होगी मॉनिटरिंग

जिला डिजिटल कृषि सेलः अध्यक्ष कलेक्टर होंगे। तीन सदस्य होंगे। इनका काम डेटा इकट्ठा करना और किसानों को जोड़ना होगा।

ब्लॉक स्तरीय कार्यान्वयन टीमः इसके अध्यक्ष बीडीओ होंगे। कृषि विस्तार अधिकारी व स्थानीय तकनीकी अमला इसके सदस्य होंगे। इनका काम मैदानी स्तर पर योजना का क्रियान्वयन होगा। ; Farmer ID Scheme

सभी किसानों को फार्मर आईडी बनाना अनिवार्य

अभिलेखों की डायनेमिक लिंकिंग के साथ किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री) फार्मर रजिस्ट्री के अंतर्गत प्रदेश के कृषक विवरण को एग्रीस्टैक के अंतर्गत तैयार कर डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा। जो भू-अभिलेख डाटा के आधार पर तैयार किया जाना है।

इस कार्य में ग्राम के कृषकों की जानकारी को एक स्थान पर अंकित किया जाएगा, जिसे बकेट कहा जा रहा है। इस प्रकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं प्रदेश द्वारा प्रदत्त डाटा के आधार पर बकेट ऑनलाईन बनाई जाएगी। इस प्रकार यह कार्य भूधारी स्वयं, डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण कार्य हेतु चिन्हित स्थानीय युवा अथवा पटवारी द्वारा किया जाएगा। : Farmer ID Scheme

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