सोयाबीन की बंपर पैदावार के लिए अभी से शुरू कर दे यह तैयारियां

Field preparation for bumper soybean yield: रबी सीजन के बाद किसान साथी खरीफ फसल में सोयाबीन की बंपर पैदावार के लिए यह तैयारी करें..

Field preparation for bumper soybean yield | हमारे देश गेंहू के बाद सबसे अधिक बोई जानें फसल में सबसे पहले सोयाबीन का नाम आता है। देश का आधा सोयाबीन उत्पादन अकेला मध्यप्रदेश करता है। मध्य प्रदेश में सोयाबीन को पीला सोना कहा जाता है। आंकड़ों के मुताबिक, मध्यप्रदेश में 58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की खेती की जाती है। वही सोयाबीन की खेती मालवा में अधिक सफल है।

सोयाबीन की बंपर पैदावार Field preparation for bumper soybean yield के लिए रबी फसलों की कटाई के बाद से ही खेत की तैयारियां शुरू कर देना चाहिए। सोयाबीन की खेती (soybean farming) से पहले खेत तैयार करने के लिए कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है। सोयाबीन की बंपर पैदावार के लिए खेत तैयार कैसे करें, जानें चौपाल समाचार के इस लेख में…

सोयाबीन की बंपर उपज के लिए गर्मी में करें गहरी जुताई / खेत तैयारी

Field preparation for bumper soybean yield
Image credit Google

रबी फसल की कटाई के बाद खेत खाली होने पर गर्मी के समय गहरी जुताई करें। इससे फायदा यह होगा की बहुत सारे कीट एवं बीमारी मिट्टी में दबे रहते है। जुताई से मिट्‌टी उलटेगी, तो कीट व बीमारियों Field preparation for bumper soybean yield की तीव्रता कम हो जाएगी। आमतौर पर खरीफ की फसल होने के चलते सोयाबीन में सबसे अधिक कीट व बीमारी लगती है। किसान यदि समय पर प्रबंधन कर ले, तो अधिकतर कीट एवं बीमारियों से फसल को बचा लेंगे।

सोयाबीन का बीज प्रबंधन अच्छा हो

सोयाबीन की खेती के दौरान अक्सर यह देखने में आता है कि बीज सही नहीं होने के कारण पैदावार अच्छी नहीं हो पाती है इसलिए किसान साथी बीज की व्यवस्था अभी से सुनिश्चित कर लें, क्योंकि एन मौके पर अच्छा उत्तम क्वालिटी का बीज Field preparation for bumper soybean yield नहीं मिल पाता है। जिससे किसानों को बाद में किसानों के पास चयन करने का मौका नहीं रहता है।

सोयाबीन की अच्छी पैदावार देने वाले 18 किस्मों का विकास जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ने अब तक किया है। 10 किस्में देश के 74 प्रतिशत क्षेत्रों में बोई जा रही हैं। ब्रीडर बीज के तौर पर देशभर में 14 हजार क्विंटल बीज की मांग है। इसमें 9 हजार क्विंटल बीज की मांग सिर्फ जवाहर सोयाबीन की है।

👉 गेहूं की यह 5 किस्में 3000 रुपए प्रति क्विंटल से कम नहीं बिकती, जानिए इनकी खासियतें...

खाद एवं बीज की मात्रा यह लगेगी – Field preparation for bumper soybean yield

बुआई के समय 20 से 25 किलो नाइट्रोजन, 60 से 80 किलो फाॅस्फोरस, 20 से 25 किलो पोटाश एक ही बार में बेसल डोज के तौर पर खेत में मिला दें। 20 जून से पांच जुलाई तक बुआई कर दें। प्रति हेक्टेयर 80 किलो बीज लगता है। उत्पादन 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है।

जवाहर किस्मों का करें प्रयोग

सोयाबीन किस्मों Field preparation for bumper soybean yield का चयन क्षेत्रीय अनुकूलता के आधार पर करनी चाहिए। हल्की जमीन है, तो वहां शीघ्र पकने वाली किस्मों का चुनाव करें। किसान भाई 9560 के अलावा जेएनकेवी द्वारा विकसित 2069, 2034, 2098 और वर्तमान में विकसित की गई जवाहर 20-116 का प्रयोग करें। इससे अधिक उपज मिलेगी। इसमें बीमारी भी नहीं लगती है।

सोयाबीन में मृदा एवं विषाणु जनित रोग प्रबंधन 

सोयाबीन में मृदा जनित और विषाणु जनित बीमारी अधिक लगती है। सोयाबीन में पीला विषाणु रोग लगता है। यह सफेद मक्खी से फैलता है और पूरे खेत की फसल पीली होकर सूख Field preparation for bumper soybean yield जाती है। जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। पुरानी किस्मों में इसका प्रकोप अधिक देखा जा रहा है। नई चारों जातियों में इसकी तीव्रता कम देखने को मिली है। एक-दो पौधे दिखें, तो नष्ट कर दें। सफेद मक्खियों को कंट्रोल करने के लिए समय पर दवाओं का छिड़काव करें।

👉 वर्षा-ओलावृष्टि के बावजूद गेहूं की इन तीन किस्मों ने दी बंपर पैदावार, जानें खासियत

जड़ सड़न शुरू हुआ तो फसल बचानी मुश्किल

सोयाबीन में चारकोल जड़ सड़न रोग भी लगता है। ये पौधों को सुखा देता है। एक बार खेत में रोग फैला तो बचाव मुश्किल है। ऐसे में खेत Field preparation for bumper soybean yield में फफूद नाशक दवाओं का पहले ही छिड़काव कर दें। सोयाबीन पर अलग-अलग चरण में हरा सेमालूपर, कंबल कीट, चक्रभंग, तम्बाकू इल्ली, अलसी इल्ली हमला करते हैं। किसान अनुशंसित दवाओं का उपयोग करें।

नई किस्म विकसित करने में जुटा है कृषि विवि

सोयाबीन की बंपर पैदावार Field preparation for bumper soybean yield के लिए जेएनकेवी के कृषि साइंटिस्ट सोयाबीन की नई किस्में विकसित करने में जुटे हैं। अभी एक किस्म पर प्रयोग चल रहा है यह 85 दिन में पक जाएगी। इसका उत्पादन 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगा।

यह बहुरोग रोधी होगा। देश के नौ राज्यों एमपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, तेलंगाना, नार्थ ईस्ट के राज्यों में इसका परीक्षण चल रहा है। अभी तक के परिणाम बेहतर हैं। यह बीज अभी प्रयोग में है किसानों के लिए अभी उपलब्ध नहीं हो पाएगा।

यह भी देखें…👉 देश के किसानों को बढ़ेगी आय, गेहूं की 22 नई किस्में जारी, देखें इनकी जानकारी

👉 जानिए गेंहू की उन किस्मों के बारे में जिन्होंने वर्ष 2022-23 में सर्वाधिक पैदावार दी

👉 गेंहू की किसान 888, 444 वैरायटी तोड़ देगी कमाई के सारे रिकॉर्ड, ज्यादा गर्मी में भी बंपर उत्पादन, जानें डिटेल

👉 फसल अवशेष (खांपा) ना जलाकर इस प्रकार आसानी से तैयार करें खाद, अगली फसल होगी दमदार

Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

👉 WhatsApp से जुड़े।

Leave a Comment