बड़ी खबर.. गेहूं के भाव Gehun bhav में आई तेजी ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगी। क्या रहेगी बाजार की स्थिति एवं सरकार की पूरी प्लानिंग जानिए…
Gehun bhav : गेहूं के भाव को नियंत्रित करने के लिए सरकार खुले बाजार में गेहूं विक्रय कर रही है। इसके बावजूद गेहूं के भाव बाजार में लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन अब गेहूं के भाव पर लगाम लगने वाली है। आने वाले दिनों में जो हूं के भाव कम होने वाले हैं रिपोर्ट की माने तो गेहूं के भाव में 200 से 300 रुपए तक की गिरावट हो सकती है। केंद्र सरकार ने इसके लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। आइए जानते हैं सरकार की प्लानिंग…
गेहूं के भाव 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचे
मंडियों में गेहूं Gehun bhav की आवक सीमित बनी हुई है इसके बावजूद भाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बुधवार को मध्य प्रदेश की मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच कृषि उपज मंडियों में गेहूं के भाव 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। नीमच एवं मंदसौर मंडी में गेहूं के भाव 3000 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक हो गए।
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लगातार दूसरे वर्ष गेहूं की किल्लत
फरवरी 2022 में रूस यूक्रेन के मध्य जंग की शुरुआत हुई थी। जिसके कारण वैश्विक स्तर पर Gehun bhav खाद्यान्न की किल्लत पैदा हुई। उसी दौरान भारत से विश्व के कई देशों में गेहूं का निर्यात किया गया। निर्यात के कारण स्थानीय स्तर पर गेहूं के भाव समर्थन मूल्य से अधिक रहे। जिससे समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रभावित हुई एवं सरकारी पुल में पर्याप्त मात्रा में गेहूं का भंडारण नहीं हो पाया। यही कारण रहा कि केंद्र सरकार ने मई 2022 में गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा भले ही याहू के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया किंतु खाद्य भंडार में जोकर कटोती आई, उसकी भरपाई इस वर्ष तक नहीं हो पाई।
15 साल बाद गेहूं पर स्टॉक सीमा लगानी पड़ी
भारत गेहूं Gehun bhav का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और खाद्यान्न के मामले में ज्यादा आत्मनिर्भर है। लेकिन लगातार दो वर्ष से गेहूं के भंडारण की स्थिति नहीं सुधरने पर इस वर्ष गेहूं का सीजन समाप्त होने के बाद केंद्रीय खाद्य मंत्रालय को जून महीने में 15 साल बाद अनाज गेहूं के स्टॉक पर स्टॉक सीमा लगानी पड़ी। ज्ञात हो कि इसके पहले सरकार ने वर्ष 2008 में स्टॉक सीमा लगाई थी।
गेहूं का थोक औसत भाव बढ़ा
मंडियों में गेहूं के भाव Gehun bhav बढ़ने के साथ-साथ गेहूं के औसत थोक भाव में भी इजाफा हुआ। पिछले 1 महीने के दौरान गेहूं के भाव थोक बाजार भाव में 6.2 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। गेहूं के थोक भाव पढ़ने से आटा एवं रवा के दाम में भी उछाल आया। बाजार में पिछले महीने गेहूं का थोक भाव जहां 2480 रुपए प्रति क्विंटल था वह अब 2633 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।
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इंदौर मंडी गेहूं भाव
इंदौर मंडी में गुरुवार को गेहूं के दाम Gehun bhav में मजबूती बनी हुई है। मिल क्वालिटी गेहूं की मांग अच्छी बनी हुई है। मिल क्वालिटी 2425 से 2450 रुपये बिका। समर्थन में आटा-रवा और मैदा भी ऊंचे दामों पर बिक रहा है। आटा 1400 से 1420 रुपये बिक रहा है।
- गेहूं मंडी भाव :– मिल क्वालिटी 2425-2450, पूर्णा 2650-2700, लोकवन 2850-2900, मालवराज 2450-2500 और मक्का 2150-2200 रुपये क्विंटल, आटा- 1400 से 1420, मैदा 1420 से 1440, रवा 1500-1520 और बेसन 3200-3250 रुपये प्रति 50 किलो।
- उज्जैन मंडी गेहूं भाव :– गेहूं पोषक न्यूनतम भाव 2303 एवं अधिकतम भाव 2552 रुपए गेहूं लोकवन न्यूनतम भाव 2040 एवं अधिकतम भाव 3052 रुपए गेहूं पूर्णा न्यूनतम भाव 2451 एवं अधिकतम भाव 2903 रुपए प्रति क्विंटल रहा।
- नीमच मंडी गेंहॅू भाव :– 2395 से 3131 रुपए प्रति क्विंटल रहा।
- मंदसौर मंडी में गेहूं Gehun bhav न्यूनतम भाव 2440 एवं अधिकतम भाव 3001 रुपए प्रति क्विंटल रहा।
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सरकार गेहूं आयात करेगी
गेहूं के भाव Gehun bhav में लगातार हो रही बढ़ोतरी एवं खाद्य भंडार में आई कटौती के चलते सरकार अब गेहूं का आयात करने पर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घरेलू स्टॉक में गेहूं की आपूर्ति को पूरा करने के लिए भारत रूस से गेहूं खरीदने की योजना बना रहा है। इसके लिए उच्च स्तर पर बातचीत की जा रही है।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार सरकारी सौदे के माध्यम से रूस से 9 मिलियन टन गेहूं के आयात पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार ने इसके पहले वर्ष 2016-17 में गेहूं का आयात किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उच्च स्तर पर गेहूं के आयात Gehun bhav की प्लानिंग इसलिए भी की जा रही है, क्योंकि घरेलू उत्पादन में कमी की चिंता बरकरार है, जिसे लेकर खुले बाजार में व्यापारियों को अनाज बेचने से कीमतें बढ़ रही हैं।
गेहूं के भंडार में कमी आई
गौरतलब है कि इस वर्ष फरवरी मार्च माह के दौरान गर्मी की शुरुआत होने के कारण गेहूं का उत्पादन Gehun bhav घटा। मार्च में गर्मी की लहर के कारण 2023 में गेहूं का उत्पादन गिरकर 107.7 मिलियन टन हो गया, जो एक साल पहले 2022 को 109.6 मिलियन टन था। वहीं 1 जुलाई तक केंद्रीय पूल में 30.1 मिलियन टन गेहूं था, जो 27.6 मिलियन टन के बफर मानक से अधिक है, लेकिन जुलाई 2021 में 60.3 मिलियन टन के आधे से भी कम है। वहीं एमएसपी के तहत गेहूं की खरीद 26.14 मिलियन टन थी, जो 34 मिलियन टन के लक्ष्य से कम थी।
सरकार ने 2023 में भारत का गेहूं Gehun bhav उत्पादन रिकॉर्ड 112.7 मिलियन टन (एमटी) होने का अनुमान लगाया है, लेकिन व्यापारियों और मिल मालिकों का अनुमान है कि उत्तरी, मध्य और पश्चिमी मैदानी इलाकों में फरवरी-मार्च में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल 101-103 मिलियन टन होगी, जिससे नुकसान हुआ है। अमेरिकी एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की विदेशी एग्रीकल्चर सर्विस USDA ने अनुमान लगाया है कि भारत का गेहूं उत्पादन करीब 108 मिलियन टन होगा।
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