मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए बनाई नई योजना, 2025 तक 50 करोड़ का प्रावधान किया

Good news for farmers ; योजना बनाने पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों की तरफ से मुख्यमंत्री का आभार माना। जानिए पूरी योजना …

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1 Good news for farmers ; योजना बनाने पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों की तरफ से मुख्यमंत्री का आभार माना। जानिए पूरी योजना …

Good news for farmers ; मध्य प्रदेश सरकार किसानों के लिए अलग-अलग योजनाएं चलाकर खेती को लाभकारी बनाने में जुटी हुई है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में फसल नुकसान होने पर मुआवजा बढ़ाए जाने बढ़ाया वहीं सेवा सहकारी संस्थाओं के डिफाल्टर किसानों का कर्ज माफ किया वही अब सरकार ने नई योजना शुरू कर रही है यह योजना 2025 तक चलेगी। प्रदेश सरकार ने 2025 तक इस योजना के अंतर्गत 50 करोड़ का प्रावधान किया है। योजना की शुरुआत करने पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों की तरफ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है, आइए जानते हैं पूरी योजना के बारे में …

यह है पूरी योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की आय में वृद्धि Good news for farmers करने के लिए “कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन एवं संवर्धन योजना” की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में न्यूनतम 2 कृषक उत्पादक संगठन के गठन को प्रोत्साहित करने के लिये नवीन योजना बनाई गई है। योजना का संचालन कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा।

किसानों को किस प्रकार इस योजना का फायदा मिलेगा जानिए

कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि प्रदेश में प्रत्येक विकासखण्ड में न्यूनतम 2 कृषक उत्पादक संगठन के गठन को प्रोत्साहित करने के लिये नवीन योजना Good news for farmers बनाई गई है। योजना का संचालन कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा। योजना में गठित होने वाले एफपीओ को हेण्ड होल्डिंग प्रदान की जायेगी। इससे एफपीओ के सदस्यों को गुणवत्तापूर्ण आदान एवं उन्नत कृषि यंत्र के साथ ही पोस्ट हॉर्वेस्ट तकनीक के उपयोग में सहायता मिलेगी।

प्रति एफपीओ अधिकतम 18 लाख रुपये प्रदान किये जायेंगे

योजना Good news for farmers में 3 वर्षों के लिये प्रति एफपीओ अधिकतम 18 लाख रुपये प्रदान किये जायेंगे। एफपीओ को इक्विटी अनुदान के रूप में प्रति किसान 2 हजार रुपये अधिकतम 15 लाख रुपये प्रदान किये जायेंगे। कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा।

मंत्री श्री पटेल ने बताया है कि एफपीओ को बाजार से जोड़ा जायेगा। कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से किसानों को अपना स्वयं का संगठन मिलेगा इससे उन्हें कृषि यंत्र एवं उन्नत कृषि बीज आसानी से मिल सकेगा वहीं कृषि उपज बेचने Good news for farmers के दौरान भी कृषि उपज का भाव अच्छा मिलेगा।

2025 तक 50 करोड़ की राशि का प्रावधान

कृषि मंत्री ने बताया कि वर्ष 2025 तक संचालित होने वाली इस योजना Good news for farmers में कुल 50 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। इसमें वर्ष 2023-24 के लिये 20 करोड़ 99 लाख एवं वर्ष 2024-25 के लिये 29 करोड़ एक लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।

कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री का आभार माना

प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रदेश के किसानों Good news for farmers की ओर से आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि किसानों को समृद्ध करने के लिये बनाई गई नई “कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन एवं संवर्धन योजना” बहुत लाभदायक साबित होगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

जानिए एफपीओ के बारे में सब कुछ

दरअसल, छोटे एवं सीमांत किसानों की आय बढ़ाने Good news for farmers कृषि उपज की ब्रांडिंग और तैयारी से लेकर खेतीबारी, बागबानी, पशुपालन मछली पालन फूड प्रोसेसिंग जैसे तमाम कामों में फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन यानी एफपीओ की भूमिका बढ़ती जा रही है, किसान एक कंपनी के रूप में एक एफपीओ का गठन कर अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। एफपीओ किसानों को न केवल कृषि उपज का मूल्य खुद ही तय करने का अवसर देता है, बल्कि छोटी जोत वाले किसान को दलालों, बिजोलियों और मंडियों के भंवरजाल से छूटकारा दिलाने में भी काफी मददगार साबित हो रहा है।

कृषि उत्पादन संगठन यानी एपीओ (FPO)

कृषक उत्पादन Good news for farmers कंपनी, जिसे आम आमतौर पर एफपीओ यानी किसानी उत्पादन संगठन कहते हैं। यह किसानों का पंजीकृत समूह होता है, जो खेतीबारी से उत्पन्न काम में लगे हुए होते हैं। यही किसान कृषि उत्पादन कंपनी बनाकर खेती और उसे से जुड़ी व्यवसायिक गतिविधियां करता है।

एपीओ के के लिए पंजीकरण कैसे होता है?

कोई भी किसान Good news for farmers जो खेतीबारी से जुड़ा हुआ है। संगठित होकर एफपीओ का पंजीयनकरण कंपनी अधिनियम के तहत कर सकते हैं, इसके लिए कम से कम 10 किसान सदस्यों का होना जरूरी है।

FPO के लिए आवश्यक दस्तावेज

पंजीकरण के पूर्व इन किसानों Good news for farmers को अपना पैनकार्ड, आधारकार्ड, पासबुक, दो-दो फोटो, खेत की खतौनी, मोबाइल नंबर व ईमेल, कंपनी के दो पृस्तावित नाम, निदेशक और शेयर धारकों की संख्या जरूरी है। एफपीओ के पंजीकृत कार्यालय के लिए नवीनतम बैंक स्टेटमेंट/ टेलीफोन या मोबाइल बिल/बिजली या गैस बिल को स्कैन की हुई प्रतिलिपि वह संपत्ति के मालिक से अनापत्ति प्रमाणपत्र की स्कैन की गई कॉपी भी जरूरी होती है। किसान कागजातों के साथ किसी भी सीए यानी चार्टर्ड अकाउंटैंट से संपर्क कर पंजीयन की प्रक्रिया को पूरा कर सकता है।

एफपीओ का रजिस्ट्रेशन कैसे होता है

पंजीयन के पूर्व एफपीओ Good news for farmers में निदेशक यानी डायरेक्टर की भूमिका का निर्वहन करने वाले किसानों को डिजिटल सिग्नेचर बनाया जाता है, इस दौरान चार्टर्ड अकाउंटैंट किसानों के द्वारा सुझाए एफपीओ के नाम की उपलब्धता की जांच व अप्रूवल के लिए कंपनी के रजिस्ट्रार को ओनलाइन आवेदन करता है,

जब तक एफपीओ के नाम का अप्रूवल आता है, जब तक चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा निर्देशक के डिन नंबर यानी डायरेक्टर आईडेंटिफिकेशन नंबर का आवेदन किया जाता है, जो केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है यह एक 8 अंकों की अवधि पहचान संख्या होती है जिसे आजीवन वैधता प्राप्त होती है।

एफपीओ के नियम एवं उद्देश्य

पंजीयन के साथ-साथ किसानों Good news for farmers द्वारा कंपनी के उद्देश्य और नियम व निर्देशक के रूप में आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन वह मेमोरेंडम एसोसिएशन बनाया जाता है, कंपनी संचालन के कर दो की पूरी जानकारी मेमोरी टर्न ऑफ सोशल व आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन लिखे होते हैं।

यह सभी प्रक्रिया पूरी करने की के बात कंपनी को पंजीयन करके के लिए अपनी कंपनी रजिस्टर को ऑनलाइन आवेदन किया जाता है अगर ऑनलाइन आवेदन में कोई कमी नहीं होती है तो कंपनी रजिस्टर द्वारा पंजीयन करण प्रमाण पत्र Good news for farmers जारी कर दिया जाता है साथ ही कंपनियों का पैन नंबर वह दिन नंबर जारी किया जाता है अगर आवेदन में कोई कमी है तो उसे सुधारने का मौका मिलता है।

FPO बनाने में कितना खर्चा आता है

कंपनी पंजीयन की प्रक्रिया Good news for farmers आमतौर पर 35 से 40 हजार रुपए का खर्चा आता है, कंपनी के पंजीकरण के पश्चात कंपनी के नाम से किसी भी बैंक में एक खाता खोला जाना जरूरी है साथ ही, पंजीकरण के पंजीकृत होने के 90 दिनों के अंदर एनुअल जनरल मीटिंग करना जरूरी होता है। इस के अंदर सभी महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए जाते हैं। इस के बाद एफपीओ में शेयरधारकों के रूप में किसानों को जोड़ कर कारोबारी गतिविधियों को बढ़ाया जा सकता है।

एफपीओ का संगठन ऐसा होता है

जब किसान Good news for farmers संगठित होकर एफपीओ को एक कंपनी के रूप में पंजीकृत कराते हैं तो इन्हीं किसानों में से अधिकतम 15 किसान डायरैक्टर्स और प्रमोटर्स के रूप में चुने जाते हैं, जो कंपनियां के मालिकाना हकदार होता है। इसके बाद जब एफपीओ एक किसान के रूप में पंजीकृत हो जाती है,

तब कंपनी के निर्देशक मंडल द्वारा एक सीईओ के नियुक्ति की जाती है इसके अलावा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज कै साथ सूचनाओ Good news for farmers के आदान-प्रदान के लिए एक कंपनी सेक्रेटरी की नियुक्ति भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा की जाती है और कंपनी के सभी कानूनी कागजातों, वार्षिक विवरणी आदि को जमा करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटैंट की नियुक्ति भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा की जाती है।

किसान किस प्रकार एफपीओ के जरिए अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं ?

देश में कमजोर आय वाले किसानों Good news for farmers की संख्या सबसे अधिक है, ऐसे किसानों को उनकी पैदावार का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता है। इसकी प्रमुख वजह यह भी है, की कमजोर होने के चलते उनके पास कम मात्रा में कृषि उपज होती हैं ऐसे में कम मात्रा होने से उनकी कृषि उपज की विक्रय सही कीमत पर नहीं हो पाती है। इस दशा में अगर यही छोटी जोत वाले किसान एफपीओ बनाकर अपने थोड़े-थोड़े कृषि उत्पादों को इकट्ठा कर उसकी बिक्री करते हैं, तो उन्हें उसकी न केवल वाजिब कीमत मिलती है, बल्कि अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग कर अगर बिक्री करें तो अधिक आय की संभावना बढ़ जाती है।

इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं। किसान मंडी में गेहूं की कीमत प्रति किलोग्राम 18 से ₹20 की दर से बेचता है। पर वही जब आटे के रूप में प्रोसेस करके बेचा जाता है, तो वह 28 से ₹30 प्रति किलोग्राम की दर Good news for farmers से बिकता है इसके अलावा एफपीओ खेतीबारी से जुड़े खाद, बीज, दबाव दवाओं और कृषि उपकरण आदि का निर्माण, खरीदबिक्री का काम भी कर सकता है।

एफपीओ के लिए जरूरी बातें

किसी भी एफपीओ के पंजीकरण Good news for farmers के बाद वार्षिक रूप से कंपनी की एनुअल रिटर्न्स रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के कार्यालय में ओनलाइन माध्यम से चार्टर्ड अकाउंटैंट के जरिए। 30 दिसंबर तक जमा करना अनिवार्य होता है। इसके लिए एफपीओ के खाते में हुए लेनदेन का ऑडिट करवाना पड़ता है। इस की वार्षिक विवरणी भरने के लिए सभी निर्देशकों का केवाईसी होना भी अनिवार्य है।

वीवरणी भरते समय शेयर्स होल्डर्स की लिस्ट, शेयर में हुए लंदन की लिस्ट, ऑडिटर जरूरी Good news for farmers होती है। यह भी जानकारी समय से ना भरी जाए तो कंपनी के रजिस्टर द्वारा एफपीओ का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

आर्थिक मदद केंद्र सरकार से भी मिलती है

खेतीबाड़ी से जुड़े बिजनेस के अलावा एफपीओ Good news for farmers को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों की तरह से कई तरह से माली इमदाद मिलती है, इसमें केंद्र सरकार के द्वारा शुरुआती संचालन के लिए 1500000 लाख रुपए तक की सहायता देती है, इसके अलावा भारत सरकार के लघु कृषि हुआ पानी एसएफएसी नाबार्ड सहित कई एजेंसियों द्वारा लोन व अनुदान मुहैया दिया जाता है।

एफपीओ कस्टम हायरिंग सेंटर खोल सकता है

एफपीओ के जरीए खेती-बाड़ी मे काम आने वाले कृषि यंत्रों, ट्रैक्टर आदि पर फार्मा मशीनरी बैंक के लिए ₹1200000 लाख रुपए Good news for farmers तक सहायता मिलती है, इसके बीच कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए ₹600000 लाख रुपए तक के अनुदान का प्रावधान है। एफपीओ के लिए सरकारें तमाम अनुदान योजना संचालित कर रही है, जिसमें आवेदन पर एफपीओ का लाभ उठा सकते हैं, इससे से एफपीओ से जुड़े किसान वाजिब रेट पर इन सुविधा का लाभ ले सकते हैं।

क्या एफपीओ के लिए लाइसेंस जरूरी है?

सरकार द्वारा एफपीओ Good news for farmers को खाद, बीज, कीटनाशक, सरकारी रेट पर अनाज की खरीदारी के लिए लाइसेंस भी मुहैया कराया जाता है, किसान इसका लाभ लेकर अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं, फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी एफपीओ को एफएसएसएआई खाद सुरक्षा और मानक अधिनियम खेत लाइसेंस लेना जरूरी होता है।

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2 thoughts on “मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए बनाई नई योजना, 2025 तक 50 करोड़ का प्रावधान किया”

  1. 1वर्ष मे कितनी बार डिफाल्टर हो रहा है किसान बार किसानो कि राजनीति कर रही है सरकार बीमा मुआवजा दिलाया जाए

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