चने की फसल (Gram Crop) से बढ़िया उपज लेने के लिए क्या करें किसान? आइए जानते है..
Gram Crop | चने की फसल को मुरझाने, बीमारियों और संक्रमण से बचाने के लिए चने के बीज का उपचार एक आवश्यक अभ्यास है। रोपण से पहले बीजों को फफूंदनाशकों और कीटनाशकों से उपचारित करके किसान यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनकी फसलों को मजबूत शुरुआत मिले और उपज के नुकसान की संभावना कम हो।
चने के बीज उपचार के लाभ
मुरझाने से बचाता है – चने का मुरझाना एक कवक रोग है जिसके कारण पौधे मुरझा सकते हैं और मर सकते हैं। फफूंदनाशी से बीज उपचार करने से इस रोग से बचा जा सकता है। Gram Crop
बीमारियों को नियंत्रित करता है – चने की फसलें कई बीमारियों के प्रति संवेदनशील होती हैं, जिनमें एस्कोकाइटा ब्लाइट, बोट्रीटिस ग्रे मोल्ड और फ्यूजेरियम विल्ट शामिल हैं। फफूंदनाशकों से बीज उपचार करने से इन रोगों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
संक्रमण को रोकता है – चने की फसलें एफिड्स, लीफमाइनर और थ्रिप्स जैसे कीटों के संक्रमण के प्रति भी संवेदनशील होती हैं। कीटनाशकों से बीज उपचार करने से इन संक्रमणों को रोकने में मदद मिल सकती है। Gram Crop
रबी सीजन की शुरुआत अक्टूबर के पहले सप्ताह से ही हो चुकी है। इस दौरान किसान चना बोने की तैयारी में जुटे हुए हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, चने की फसल में अक्सर सूखने (विल्ट) की समस्या देखी जाती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है लेकिन अगर किसान बुआई से पहले सही तरीके से चने का बीजोपचार कर लें, तो यह समस्या जड़ से खत्म हो सकती है।
रोपण से पहले बीजों को अच्छी तरह से उपचारित करें
रोपण से कम से कम 24 घंटे पहले बीजों को उपचारित करना चाहिए। इससे फफूंदनाशी और कीटनाशक को सूखने और बीजों से चिपकने का समय मिल जाएगा। Gram Crop
कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि चने की बुआई से पहले न सिर्फ बीजोपचार करना बेहद जरूरी है, बल्कि सही तरीके से इसे करना भी जरूरी है, अन्यथा बीजोपचार के बाद भी बीमारियां लग जाती हैं।
इसके लिए किसानों को पांच चीजों- कार्बोक्सिन, ट्राइकोडर्मा, अमोनियम मोलिब्डेट, रायजोबियम कल्चर और पीएसबी कल्चर को मिलाकर बीजोपचार करना चाहिए, इससे फसल मजबूत बनती है। बीमारियों से बचाव होता है और उत्पादन में भी वृद्धि होती है, जबकि सूखने की समस्या लगभग समाप्त हो जाती है। Gram Crop
इन पांच चीजों से करें चने का बीजोपचार
कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह ने आगे कहा कि चने में बीजोपचार के लिए किसान एक किलो बीज के लिए 2.5 ग्राम कार्बाक्सिन और पांच ग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर से बीजोपचार करें। यह फफूंदनाशक उपचार फसल को मिट्टी जनित बीमारियों से बचाता है और पौधों की प्रारंभिक ग्रोथ को मजबूत बनाता है। Gram Crop
इसके अलावा चने की फसल में जड़ों पर गांठें (नोड्यूल्स) बढ़ाने के लिए किसान एक ग्राम अमोनियम मोलिब्डेट का प्रयोग करें। इससे पौधों में नाइट्रोजन फिक्सेशन की प्रक्रिया बेहतर होती है और उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
बीजोपचार में इन्हें भी करें शामिल
बीजोपचार में रायजोबियम कल्चर और पीएसबी (फॉस्फेट सॉल्यूबिलाइजिंग बैक्टीरिया) कल्चर को भी शामिल करना चाहिए। दोनों का उपयोग एक किलो बीज पर 5-5 ग्राम किया जा सकता है। यह जैव उर्वरक मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं और पौधों को पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण करने में मदद करते हैं। Gram Crop
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