खेती-किसानी के लिए कैसा रहा गुज़रा साल और क्यों ख़ास है 2024 जानिए..

किसानों के लिए 2023 (Krishi news) किस प्रकार बीता एवं 2024 से क्या है उम्मीदें जानिए.. 

Krishi news | 2023 बीत चुका है। 2024 की शुरुआत कोहरे से हुई। यह मौसम फसलों के लिए प्रतिकूल है। गुज़रा साल खेती किसानी से जुड़े लोगों के लिए मिला जुला रहा। देश के कुछ हिस्सों में किसानों के लिए साल 2023 जहां चुनौतीपूर्ण रहा वहीं कुछ अच्छा भी हुआ।

एक तरफ जहाँ किसान भाइयों ने मौसम की मार झेली या कीट-पतंगों से उन्हें लड़ना पड़ा तो वहीं नई कृषि तकनीक (Krishi news) और आर्थिक मदद से राह आसान भी हुई। इसके अलावा 2023 में गेहूं, सोयाबीन एवं प्याज, लहसुन की कीमतों ने सभी को चौंकाया। अब यह वर्ष में किसानों के लिए क्या रहेगा खास आईए जानते हैं..

खेती किसानी के लिए 2023 कैसा रहा जानें..

Krishi news | साल 2023 कृषि से जुड़ी नई योजनाओं और प्राकृतिक मार दोनों के लिए याद किया जाएगा। देश के कुल 718 जिलों में से 500 से अधिक जिले वर्तमान में मौसम संबंधी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इन जिलों में हल्के शुष्क से लेकर अत्यधिक शुष्क के हालात हैं। फिर भी कई किसान सही सूझ बूझ से नए साल में कुछ नया करने की तैयारी में है। इसकी एक वजह गुज़रे साल की कुछ अच्छी बातें भी हैं।

किसानों को बांटे गए 20 लाख किसान क्रेडिट कार्ड 

गुजरे साल में 20 लाख किसानों (Krishi news) को किसान क्रेडिट कार्ड का तोहफा मिला। किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई। यह देश की सबसे कम ब्याज दर वाले लोन स्कीम है।

इस स्कीम के तहत किसानों को शॉर्ट टर्म टेन्योर का लोन मिलता है, ताकि किसान अपनी अचानक वित्तीय ज़रूरत को पूरा कर सकें। इसका एक फायदा ये भी है कि किसानों को इस स्कीम के तहत जो लोन मिलता है, उसमें उन्हें ज्यादा ब्याज भी नहीं देना पड़ता, उन्हें कहीं कम ब्याज पर लोन मिल जाता है।

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कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक का आगाज हुआ

Krishi news | गुज़रा साल ड्रोन के नाम भी रहा। देश में एग्री सेक्टर में आधुनिक मशीनों का उपयोग बढ़ाने, खेती की लागत कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार पैदा करने के मकसद से सरकार कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है।

इसके लिए किसानों को ड्रोन की खरीदी पर भारी सब्सिडी के साथ ही ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इसी कड़ी में फर्टिलाइजर कंपनी इफको कृषि ड्रोन खरीद के ग्रामीण इलाकों के चुनिंदा उद्यमियों को सौंप रही है। इनका इस्तेमाल उर्वरक और रसायन छिड़कने (Krishi news) के लिए किया जा रहा है। 

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मोटे अनाज के लिए शुरू हुई स्कीम 

Krishi news | 2023 में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए देश भर में श्री अन्न योजना शुरू की गई। उत्तर प्रदेश में लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए सरकार मोटे अनाज यानी श्री अन्न पर ख़ास जोर दे रही है।

इसी कड़ी में यूपी सरकार ने नवंबर से दिसंबर 2023 के बीच 3 माह में मोटे अनाज की खरीद का लक्ष्य बढ़ाकर 5.82 लाख मीट्रिक टन कर दिया। इसमें सबसे ज्यादा 5 लाख मीट्रिक टन बाजरा की खरीद की गई। जबकि 30 हज़ार टन ज्वार, 50 हज़ार टन मक्का और 2 हज़ार टन कोदो की खरीद आगे भी की जाएगी।

कृषि मंत्रालय का नाम बदला 

Krishi news | गुज़रे साल में किसानों की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए सात दशक पुराने कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय कर दिया गया। सरकार का मानना है कि इससे कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में मदद मिलेगी।

आजादी से पहले भारत में राजस्व, कृषि एवं वाणिज्य विभाग था, जिसकी स्थापना जून 1871 में हुई थी। इसके बाद 1881 में इसे पुनगर्ठित कर राजस्व एवं कृषि विभाग (Krishi news) को अलग कर दिया गया, लेकिन 1923 में शिक्षा और स्वास्थ्य को इसमें शामिल कर शिक्षा, स्वास्थ्य और भूमि कर दिया गया।

बागवानी के लिए 2.200 करोड़ 

Krishi news | साल 2023 में बागवानी के लिए 2.200 करोड़ की राशि आवंटित की गई सरकार ने 2.200 करोड़ रुपये से उच्च गुणवत्ता वाली बागवानी फसलों के लिए रोगमुक्त गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने के आत्मनिर्भर स्वच्छ लिए पौध कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।

गुजरे साल में बागवानी से जुड़े किसान भाइयों के लिए ये बड़ी मदद रही। मत्स्य सम्पदा की नई उपयोजना पीएम मत्स्य सम्पदा की नई उपयोजना के जरिए 6000- करोड़ खर्च किया जायेगा। गुज़रे साल में इससे जुड़ा फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिए देश में मछली का उत्पादन बढ़ाने की शुरुआत 2023 से की गई।

कृषि जिंसों के भाव ने सभी को चौंकाया

वर्ष 2023 की शुरुआत से ही गेहूं के भाव (Krishi news) ऊंचे स्तर पर रहे वर्ष के मध्य में सोयाबीन के भाव में किसानों को परेशानी में डाला वर्ष 2023 के अंत तक शायद के भाव कमजोर रहे वहीं इस दौरान प्याज एवं लहसुन के भाव में एकाएक बढ़ोतरी हुई। प्याज के भाव को लेकर सरकार ने निर्यात प्रतिबंध लगाया।

2024 से किसानों को यह है उम्मीदें

Krishi news | 2024 में लोकसभा चुनाव होना है चुनाव को देखते हुए सरकार एक तरफ आम नागरिकों को राहत देने के लिए कृषि जिंसों के भाव पर नियंत्रण कर रही है। वहीं दूसरी ओर किसानों को नुकसान ना हो इसके लिए गेहूं एवं धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी का वादा कर रही है।

2024 में किसानों को सबसे बड़ी उम्मीद यही है कि सरकार की घोषणा के अनुरूप धान एवं गेहूं के समर्थन मूल्य कब बढ़ेंगे। ज्ञात हो कि वर्तमान में काबिज भाजपा सरकार ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के पहले घोषणा की थी कि धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए एवं गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया जाएगा।

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