अगर आप भी मक्का की खेती (Maize Farming) कर रहे है तो, इन विधि को अपनाएं।
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Maize Farming | मक्का, जिसे मक्कई या कॉर्न के नाम से भी पहचाना जाता है और यह भारत के किसानों के लिए एक प्रमुख फसल है।
पहले के समय में मोटे अनाजों का बड़ा महत्व था, लेकिन गेहूं और चावल की बढ़ती मांग और हरित क्रांति के बाद मोटे अनाजों की खेती घट गई।
अब, लोगों में स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जागरूकता और बदलते खानपान के कारण मक्का जैसे अनाज को फिर से बढ़ावा दिया जा रहा है।
मोटे अनाज न केवल पोषण से भरपूर होते हैं, बल्कि ये पर्यावरण के लिए भी लाभदायक हैं क्योंकि इनकी Maize Farming खेती में कम पानी और उर्वरकों की आवश्यकता होती है।
Maize Farming | उपर्युक्त जलवायु और मिट्टी
मक्का की खेती के लिए गर्म और समशीतोष्ण जलवायु सबसे अच्छी मानी जाती है। यह फसल 21-27 डिग्री सेल्सियस तापमान में बेहतर उगती है।
हालांकि, मक्के के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है, लेकिन यह बलुई दोमट और काली मिट्टी में भी उगाई जा सकती है। रबी सीजन में मक्का की खेती सिंचाई के साथ सफलतापूर्वक की जा सकती है। : Maize Farming
Maize Farming | खेत की तैयारी और जुताई
जुताई: खेत की जुताई मोल्डबोर्ड हल से 2 से 3 बार करनी चाहिए, इससे मिट्टी नरम हो जाती है और खरपतवार समाप्त हो जाते हैं।
रोटावेटर का उपयोग: जुताई के बाद मिट्टी को भुरभुरी बनाने के लिए रोटावेटर का इस्तेमाल करें। : Maize Farming
खाद का प्रयोग: जुताई के बाद प्रति एकड़ 10 टन गोबर खाद या जैविक खाद का छिड़काव करें. यह मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है और पौधों को आवश्यक पोषण प्रदान करता है।
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बीज चयन और बुवाई की प्रक्रिया
बीज उपचार: बीजों को बुवाई से पहले उपचारित करना आवश्यक है ताकि फसल में किसी भी प्रकार की बीमारी का खतरा कम हो. बीजों को थायमेथोक्सम 19.8% या साइनट्रेनिलिप्रोल 19.8% का 6 मि.ली. प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचारित करें। : Maize Farming
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बुवाई का समय: रबी सीजन में मक्का की बुवाई अक्टूबर-नवंबर में की जाती है।
बीज की दूरी: बीजों के बीच 20-25 सेमी की दूरी और कतारों के बीच 60 सेमी का अंतर रखें. इससे पौधों को विकास के लिए पर्याप्त जगह मिलती है।
सिंचाई और नमी का प्रबंधन
Maize Farming | बुवाई के 45-65 दिन बाद मिट्टी में नमी की स्थिति को जांचें और सिंचाई करें। इसके अलावा, फूल आने और दाने बनने की अवस्था में मिट्टी में नमी जरूरी बनाए रखें।
Maize Farming | खरपतवार नियंत्रण
मक्का की फसल में खरपतवार पौधों से पोषण चुरा लेते हैं और उपज को प्रभावित करते हैं। इसके लिए आपको फसल के विकास के दौरान समय-समय पर निराई-गुड़ाई करनी चाहिए।
साथ ही खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त खरपतवारनाशकों का उपयोग सही मात्रा में ही करना चाहिए। : Maize Farming
खाद और पोषण
मक्का की फसल को संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की आवश्यकता होती है। पहली सिंचाई के समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा डालें और बाकी मात्रा फूल आने के समय दें। फसल में सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जिंक और सल्फर की कमी होने पर उनका छिड़काव करें।
रबी सीजन के लिए बेस्ट किस्में
Maize Farming | भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने मक्का की कुछ उन्नत किस्में विकसित की हैं, जो रबी सीजन के लिए काफी अच्छी है।
पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड-2 (एपीसीएच 3): यह मक्का की एक खास किस्म है, जो रबी सीजन में सिंचाई के साथ सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है।
यह किस्म 103 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 46 क्विंटल तक की पैदावार दे सकती है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के किसान के लिए पूसा पॉपकॉर्न हाइब्रिड-2 किस्म उपयुक्त है।
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