खरबूजे की 2 नई किस्म को अब ठंड में भी उगा सकेंगे किसान, 25 दिन तक रह सकेगा सुरक्षित

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानी डा. हर्षवर्धन चौधरी के अनुसार खरबूजे की नई किस्‍म (Melon variety) किसानों के लिए लाभदायक, जानें इनकी जानकारी..

Melon variety | खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है- यह कहावत तो आपने सुनी होगी। यहां हम जिस खरबूजे की किस्म की बात कर रहे हैं, वह आम खरबूजे की तरह रंग बदलना तो दूर उसके आसपास भी नहीं टिक सकता। पूसा सरदा और पूसा सुनहरी नाम से विकसित इस खरबूजे को गर्मी के अलावा ठंड में भी उगाया जा सकता है। खास बात यह है कि खरबूजे को घर लाने के बाद 25 दिन तक रखा भी जा सकता है, जबकि आम खरबूजा Melon variety दो से तीन दिन में ही खराब हो जाता है।

ठंड में खरबूजे की खेती का सफल प्रयोग

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली, पूसा में विकसित खरबूजे की इस प्रजाति Melon variety की खेती भोपाल में पहली बार की गई है। शहर के खजूरीकला गांव के प्रगतिशील किसान मिश्रीलाल राजपूत काला गेहूं, लाल भिंडी की फसल लेने के बाद अब पूसा सरदा खरबूजा की फसल लगाने के कारण चर्चा में हैं।

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हालांकि, अभी उन्होंने प्रयोग के तौर पर कुछ ही बीज Melon variety लगाए थे। प्रयोग सफल रहा और एक बेल में तीन से चार तक फल लगे हैं। जिनका वजन एक से डेढ़ किलो तक है। हाल ही में उन्होंने आधा एकड़ जमीन में खरबूजे की बोवनी की है। उसकी फसल मई के अंतिम सप्ताह में आने के बाद वह खरबूजा बाजार में बेचेंगे। इसके अलावा वह अक्टूबर में भी खरबूजे की फसल लगाएंगे।

दो फसल आसानी से ले सकते हैं

Melon variety : भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानी डा. हर्षवर्धन चौधरी ने बताया कि पूसा द्वारा विकसित खरबूजे की यह किस्म किसानों के लिए लाभकारी है। इसमें आम खरबूजे की तुलना में विटामिन ए और सी भी इसमें 25 प्रतिशत अधिक है। अक्टूबर और फरवरी में वर्ष में दो बार इसकी फसल आसानी से ली जा सकती है।

इस खरबूजे की खासियत यह भी है कि इसे तोड़ने के बाद 25 दिन तक संग्रह करके रखा भी जा सकता है, जबकि आम खरबूजा Melon variety दो दिन में ही खराब होने लगता है। आम खरबूजा पकने के बाद अपने आप बेल से अलग हो जाता है, जबकि पूसा सरदा खरबूजा पौधे में लगा ही रहता है। अमूमन खरबूजे की फसल काफी अधिक तापमान में ही तैयार होती है, जबकि इसके लिए 30-35 डिग्री सेल्सियस तापमान ही काफी है।

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