Method of making compost from crop residue: फसल अवशेष से भी तैयार कर सकते है खाद, खाद बनाने की विधि जानें.
Method of making compost from crop residue | इस समय अब रबी फसलों की कटाई का कार्य लगभग समाप्त हो चुका है। हार्वेस्टर या हंसिए से कटाई के बाद अधिकतर किसान साथियों की यह समस्या रहती है की फसल अवशेष प्रबंधन कैसे करें। इसलिए फसल अवशेष (खांपा) को जला देते है। जिससे वातावरण प्रदूषित होता है।
क्या आप जानते है की, बिना जलाए फसल अवशेष या फसल अवशेष प्रबंधन को खाद के रूप Method of making compost from crop residue में भी तैयार कर सकते है और इसका इस्तेमाल करके अपने फसल की पैदावार भी बड़ा सकते है।
ऐसे में आज हम आपको चौपाल समाचार के इस लेख के माध्यम से फसल अवशेष (खांपा) का खाद तैयार सकते है। विधि जानने के लिए लेख को अंत तक पढ़े..
खाद बनाने के लिए खेत में अगर बायोडीकंपोजर का छिड़काव कर दिया जाए तो यह काम और बेहतर व जल्दी होता है.
1. वेस्ट (कचरा) पूसा डीकंपोजर – Compost from crop residues
राष्ट्रीय जैविक केंद्र ने वर्ष 2015 में ‘पूसा डीकंपोजर’ का आविष्कार किया था. इस का प्रयोग जैविक कचरे Method of making compost from crop residue से काम समय में खाद बनाने के लिए किया जाता है तथा मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर काम करता है और पौधे की बीमारियों को रोकने के लिए इस का उपयोग किया जाता है।
इस पूसा डीकंपोजर देशी गाय के गोबर से सूक्ष्म जैविक जीवाणु Method of making compost from crop residue निकाल कर बनाया गया है। वेस्टडीकंपोजर की 30 ग्राम की मात्रा की पैक्ड बोतल 20 रु. प्रति बोतल बेची जाती है। इस का निर्माण राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र, गाजियाबाद में होता है. इस वेस्ट डीकंपोजर को आईसीएआर द्वारा सत्यापित भी किया गया है।
2. कचरे से वेस्ट डीकंपोजर तैयार करने का तरीका
2 किलो गुड़ को 200 लिटर पानी वाले प्लास्टिक के ड्रम में मिलाएं। अब एक बोतल वेस्ट डीकंपोजर को गुड़ के घोल Method of making compost from crop residue में मिला दें। ड्रम में सही ढंग से वेस्ट डीकंपोजर मिलाने के लिए लकड़ी के डंडे से मिलाएं।दोबरा घोल के ड्रम को ढक दें और प्रत्येक दिन 1-2 बार इस को पुनः मिलाएं। 5 दिनों के बाद ड्रम का घोल क्रीमी हो जाएगा यानी एक बोतल से 200 लिटर वेस्ट डीकंपोजर घोल तैयार हो जाता है।
वेस्ट डीकंपोजर की खासियत/गुण
देश के करीब 20 लाख किसानों को इसका फायदा Method of making compost from crop residue मिल चुका है। जल्द ही ये संख्या 20 करोड़ तक पहुंचानी हैं। वेस्ट वेस्ट डीकम्पोजर की खास बात है इसकी एक शीशी ही पूरे गांव के किसानों की समस्याओं का समाधान कर सकती है। इससे न सिर्फ तेजी से खाद बनती है, जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है, बल्कि कई मिट्टी जमीन बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है।
वेस्ट डीकम्पोजर को राष्ट्रीय जैविक खेती Method of making compost from crop residue केन्द्र, गाजियाबाद ने विकसित किया है। वेस्ट डीकम्पोजर को गाय के गोबर से खोजा गया है। इसमें सूक्ष्म जीवाणु हैं, जो फसल अवशेष, गोबर, जैव कचरे को खाते हैं और तेजी से बढ़ोतरी करते हैं, जिससे जहां ये डाले जाते हैं एक श्रृंखला तैयार हो जाती है, जो कुछ ही दिनों में गोबर और कचरे को सड़ाकर खाद बना देती है, जमीन में डालते हैं, मिट्टी में मौजूद हानिकारक, बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं की संख्या को नियंत्रित करता है।
नोट : किसान उपरोक्तानुसार 200 लिटर तैयार वेस्ट डीकंपोजर घोल से 20 लिटर ले कर 2 किलो गुड़ और 200 लिटर पानी के साथ एक ड्रम में दोबारा घोल बना सकते हैं।
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