ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए बेस्ट है यह टॉप 5 वैरायटी, 50 से 60 दिन में पकेगी, पैदावार भी अधिक..

यदि आप भी ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए वैरायटी (Moong cultivation Summer) का चयन कर रहे है, तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें..

Moong cultivation Summer | भारत में मूंग एक बहुप्रचलित एवं लोकप्रिय दालों में से एक है। मूंग गर्मी और खरीफ दोनों मौसम की कम समय में पकने वाली एक मुख्य दलहनी फसल है। ग्रीष्म मूंग की खेती गेहूं, चना, सरसों, मटर, आलू, जौ, अलसी आदि फसलों की कटाई के बाद खाली हुए खेतों में की जा सकती है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान प्रमुख ग्रीष्म मूंग उत्पादक राज्य है।

इस समय पूरे भारत में गेंहू एवं अन्य रबी फसलों की कटाई जारी है। रबी की फसल की कटाई के तुरंत बाद किसान भाई खेत में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती Moong cultivation Summer करके कमाई कर सकते हैं। यदि आप भी ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करने का विचार बना रहे है तो, यह आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम बताने वाले ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए टॉप 5 वैरायटी के बारे में, जो 50 से 70 दिन में पकेगी और अधिक पैदावार देगी..

ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करने से मिलता है यह फायदा

Moong cultivation Summer | रबी की फसल के तुरंत बाद खेत में दलहनी फसल मूंग की बुवाई करने से मिट्टी की उर्वरा क्षमता में वृद्धि होती है। इसकी जड़ों में स्थित ग्रंथियों में वातावरण से नाइट्रोजन को मृदा में स्थापित करने वाले सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं।

इस नाइट्रोजन का प्रयोग मूंग के बाद बोई जाने वाली फसल द्वारा किया जाता है। ग्रीष्मकालीन मौसम में मूंग की सफलतापूर्वक खेती न केवल राष्ट्रीय पैदावार में वृद्धि करती है, बल्कि यह कुपोषण को भी दूर करती है। इसके अलावा यह फसल विविधीकरण, टिकाऊ उत्पादन, मृदा स्वास्थ्य तथा किसानों को अतिरिक्त आय भी प्रदान करती है।

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ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए खेत तैयार (Moong cultivation Summer)

रबी फसल की कटाई के तुरंत बाद मूंग की बुआई करनी है तो पहले खेतों की गहरी जुताई करें। इसके बाद एक जुताई कल्टीवेटर तथा देशी हल से कर भलीभांति पाटा लगा देना चाहिए, ताकि खेत समतल हो जाए और नमी बनी रहे। दीमक को रोकने के लिए 2 प्रतिशत क्लोरोपाइरीफॉस की धूल 8-10 कि.ग्रा./एकड़ की दर से खेत की अंतिम जुताई से पूर्व खेत में मिलानी चाहिए।

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Moong cultivation Summer | यह है बेस्ट ग्रीष्मकालीन मूंग की टॉप 5 वैरायटी

  1. मोहिनी मूंग की किस्म
  2. पंत मूंग 1 मूंग की किस्म
  3. पंत मूंग 3 मूंग की किस्म
  4. जवाहर मूंग-3 मूंग की किस्म
  5. के – 851 मूंग की किस्म।

टॉप 5 मूंग किस्म की डिटेल..

1. मोहिनी मूंग की किस्म : मूंग की इस किस्म Moong cultivation Summer को खरीफ एवं ग्रीष्मकालीन में बोया जाता है। मूंग की यह उन्नत किस्म लगभग 70-75 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। वहीं, लगभग 10-12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन मिल जाता है। इसके अलावा इसमें पीला मोजैक वायरस नहीं लगता है जोकि मूंग की फसल को काफी नुकसान पहुंचाता है।

2. पंत मूंग 1 की किस्म : मूंग की यह उन्नत किस्म लगभग 75 दिन (खरीफ) तथा 65 (जायद) दिन, में पककर तैयार हो जाती है। वहीं, लगभग 10-12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन मिल जाता है।

3. पंत मूंग 3 की किस्म : मूंग की यह उन्नत किस्म Moong cultivation Summer लगभग 60-70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। वहीं, ग्रीष्मकालीन खेती के लिए यह किस्म उपयुक्त है। इसके अलावा इसमें पीला मोजैक वायरस तथा पाउडरी मिल्ड्यू रोग नहीं लगते हैं।

4. जवाहर मूंग-3 की किस्म : मूंग की यह उन्नत किस्म ग्रीष्म व खरीफ दोनों सीजन के लिए उपयुक्त है। वहीं, इस किस्म की फलियां गुच्छों में लगती हैं। इसके एक फली में लगभग 8-11 दाने होते हैं, जबकि 100 दानों का वजन 3.4-4.4 ग्राम होता है। इसके अलावा इस किस्म में पीला मोजेक और पाउडरी मिल्ड्यू रोग नहीं लगते हैं।

5. के – 851 की किस्म : मूंग की इस उन्नत किस्म Moong cultivation Summer की खेती ग्रीष्म और खरीफ दोनों सीजन में की जा सकती है। इसके पौधे मध्यम आकार के (60-65 सेमी.) होते हैं। इसके एक पौधे में लगभग 50-60 फलियां लगती हैं। वहीं, एक फली में 10-12 दाने होते हैं। दाना चमकीले, हरे और बड़े होते हैं।

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