गर्मी में मूंग की खेती के लिए जरूरी खबर, खाद एवं सिंचाई के लिए यह करें किसान

मूंग की फसल (Moong Higher yield) में कौन सी खाद, कब कब दे एवं सिंचाई कितने दिनों के अंतराल में करें, आइए जानते है..

Moong Higher yield | ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई का कार्य लगभग समाप्त हो चुका है। कई किसान अपनी मूंग की फसल को दूसरी सिंचाई भी दे चुके है। मूंग की अच्छी पैदावार के लिए सबसे जरूरी है खाद एवं सिंचाई।

अगर किसान भाई मूंग की फसल में सही खाद या सही समय पर सिंचाई नही करते है तो, मूंग की पैदावार में वृद्धि नहीं होगी। ऐसे में आज हम आपको चौपाल समाचार के इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की, मूंग की बंपर पैदावार (Moong Higher yield) के लिए किसानों को कौन सा खाद कब-कब एवं सिंचाई कितने दिनों के अंतराल में करें। तो आइए जानते है..

बंपर पैदावार के लिए मूंग की फसल में ये खाद डालें..

Moong Higher yield | मूंग की खेती से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान भाई इन उर्वरकों का इस्तेमाल करें, जिससे कि उनकी फसल में अच्छी पैदावार हो सके। अगर आपने 1 हेक्टेयर जमीन में मूंग की खेती करनी है तो बीज बुवाई से पहले नाइट्रोजन 20 किलोग्राम और सल्फर 50 किलोग्राम और डायअमोनियम फास्फेट DAP खाद भी देना चाहिए। साथ ही 20 किलो के हिसाब से पोटाश भी डालना चाहिए। : Moong Higher yield

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

मूंग की फसल में नाइट्रोजन डालना जरूरी नहीं

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, एक हेक्टेयर में अगर 10 से 12 किलो मूंग बोया जाता है तो 12-15 क्विंटल फसल हो जाती है। मूंग की फसल (Moong Higher yield) लगाने से खेत में नाइट्रोजन की मात्रा भी बढ़ जाती है। इससे खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाती है। किसान को खेत में अलग से नाइट्रोजन डालने की आवश्यकता नहीं होती है। मूंग एक प्रकार का ग्रीन मैन्यूर यानी हरी खाद की तरह काम करता है।

ये 2 खाद मूंग की फसल के लिए बेस्ट

Moong Higher yield | मूंग की खेती में यह खाद डाल के अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इन्हें एक एकड़ के हिसाब से टेक्नोज़ेड 4 किलोग्राम और फर्टिस 6 किलोग्राम के दर से देना चाहिए। मूंग की उन्नत किस्में के बीज बुवाई के बाद जब फसल 20 से 25 दिन की हो जाए तब 3 किलोग्राम फर्टिस और बाकी 3 किलोग्राम जब फसल 45 से 50 दिन की हो जाए तब डाले।

ये भी पढ़ें 👉 जैविक खेती से होगा किसानों को तगड़ा मुनाफा, रासायनिक से ऑर्गेनिक खेती क्यों बेहतर है, जानिए..

वही, टेक्नोज़ेड को आप 4 किलोग्राम की मात्रा जब फसल 25 से 30 दिन की हो जाए तब देना चाहिए। इन दोनो खाद से सल्फर पौधे को प्रोटीन, क्लोरोफिल, एंजाइम गतिविधि यह मूंग की फसल में उत्पादन बढ़ाने का कार्य करता है। सल्फर में एमिनो एसिड और विटामिन का घटक पाया जाता है। मूंग के पौधे को सल्फर की कमी होने से पौधे की विकास रुक जाती है और उत्पादन भी कम प्राप्त होता है। इन से उत्पादन की क्वालिटी भी अच्छी होती है। : Moong Higher yield

ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में कितनी सिंचाई करें?

मूंग की फसल में पानी की कम आवश्यकता होती है। ग्रीष्मकालीन मूंग फसल की अच्छी वृद्धि व विकास के लिए 3 से 4 सिंचाई की आवश्यकता होती है। अनावश्यक रूप से सिंचाई करने पर पौधे की वानस्पतिक वृद्धि ज्यादा हो जाती है, जिसका उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अत: सिंचाई आवश्यकतानुसार व हल्की करें। ऐसे किसान जिन्होंने पिछले महीने मूंग की बुआई कर दी है वे किसान 25 से 30 दिन की फसल हो जाने पर पहली सिंचाई करें।

इस प्रकार 4 गुना तक होगा मुनाफा

Moong Higher yield | बता दें की, एक एकड़ के लागत में लगभग 10 हजार रुपए का खर्च आता है और ये लगभग 4 क्विंटल तैयार होती है। जिसे आप बाजार में दाल या बीज के रूप में बिक्री कर सकते हैं। बाजार में हरी मूंग की लगभग 100 रुपए किलो की दर से बिक्री होती है। इस तरह किसान को 4 गुना मुनाफा हो सकता है। मूंग की कटाई के बाद मूंग की फसल को खेत में जुताई जरूर करें। इससे खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाती है।

👉 व्हाट्सऐप चैनल से जुड़े।

यह भी पढ़िए….👉 ग्रीष्मकालीन मूंग की ये वैरायटी किसानों को बनायेगी मालामाल, प्रति एकड़ देगी 30 क्विंटल पैदावार

👉बाजार में महिंद्रा के इन टॉप 5 ट्रैक्टरों की भारी डिमांड, जानें टॉप 5 मॉडल की कीमत एवं खासियत

👉कृषि विज्ञानियों ने तैयार की गेहूं की नई वैरायटी Hi-1650 पूसा ओजस्वी, इस वैरायटी की पैदावार व खासियत के बारे में डिटेल जानें

👉 300 से 500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने वाली प्याज की सबसे अच्छी टॉप 8 किस्में

प्रिय पाठकों…! 🙏 Choupalsamachar.in में आपका स्वागत हैं, हम कृषि विशेषज्ञों कृषि वैज्ञानिकों एवं शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। आप हमारे टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से जुड़कर अनवरत समाचार एवं जानकारी प्राप्त करें.

Leave a Comment