एमपी में ओलावृष्टि MP olavrishti muaawja kab milega से लगभग 70 हजार हेक्टे. में नुकसान हुआ। किसानों को राहत राशि के ₹64 करोड़ रुपए किस तारीख को मिलेंगे, जानिए..
MP olavrishti muaawja kab milega ; मध्यप्रदेश में मार्च माह के दौरान तीन बार मौसम की बेरुखी के कारण फसलों को खासा नुकसान हुआ 6 मार्च से ही बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि के कारण प्रदेश की हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि पर खड़ी एवं कटी हुई गेहूं चना सरसों धनिया एवं अन्य फसलों को नुकसान हुआ।
प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देते हुए तत्काल सर्वे करने और फसल नुकसान की एवज में राहत राशि बांटने के निर्देश दिए बताया जाता है कि राहत राशि बांटने की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है प्रदेश में ओलावृष्टि से 70 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि का सर्वे कार्य हो चुका है। किसानों को राहत राशि के रूप में 64 करोड़ रुपए बांटे जाने की प्रक्रिया तेज हो गई है आइए जानते हैं किसानों को यह राहत राशि किस दिनांक तक मिलेगी।
4-5 जिलों की सर्वे रिपोर्ट आना अभी बाकी
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में ओलावृष्टि MP olavrishti muaawja kab milega से लगभग 70 हजार हेक्टे. में नुकसान हुआ है। इस नुकसान के सर्वे के आधार पर ₹64 करोड़ की राहत राशि का आंकलन हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि 4-5 जिलों की सर्वे रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इन जिलों की रिपोर्ट आते ही पूरे प्रदेश में एक साथ राहत राशि बांटी जाएगी।
इस दिनांक को राहत राशि मिलने की संभावना
मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि के कारण फसल नुकसान की मानिटरिंग स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान MP olavrishti muaawja kab milega कर रहे हैं उन्होंने अलग-अलग जिलों के प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभारी मंत्री स्वयं अपने जिलों में जाकर एक बार ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों के नुकसान को चेक कर लें।
सीएम ने कहा कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा की किसानों MP olavrishti muaawja kab milega की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ना है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार आगामी 22 अप्रैल को ओलावृष्टि नुकसानी की आवाज में राहत राशि पूरे प्रदेश में बांटी जाएगी।
फसल नुकसान का आकलन किस प्रकार हुआ, जानिए
प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद MP olavrishti muaawja kab milega हो गई। हजारों हेक्टेयर जमीन में गेहूं, चना और सरसों फसल काली पड़ गई थी। प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति, उसकी फसल, मकान और मवेशी के लिए क्षतिपूर्ति राशि निर्धारित है। मध्यप्रदेश शासन के राजस्व पुस्तक परिपत्र में इसका उल्लेख है। वर्तमान में ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को इसी नियमावली के तहत राहत राशि दी जाएगी।
राजस्व पुस्तक परिपत्र यानी कि RBC (6-4) क्या है, जानिए
प्राकृतिक प्रकोपों जैसे- अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, बेमौसम बारिश, पाला, शीतलहर, कीट-इल्ली, टिड्डी प्रकोप आदि। इसी तरह बाढ़, आंधी, तूफान, भूकंप, सूखा एवं अग्नि दुर्घटनाओं से फसल नुकसानी, जनहानि या पशुहानी होती है। ऐसे में किसानों को अप्रत्याशित नुकसानी MP olavrishti muaawja kab milega झेलना पड़ती है। इन परिस्थितियों में शासन का यह दायित्व हो जाता है कि वह पीड़ितों को तत्काल अनुदान के रूप में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए। ताकि, विपदा का मुकाबला करने में पीड़ित व्यक्ति का मनोबल बना रहे। वह अपने परिवार को पुर्नस्थापित कर सके।
नुकसान का सर्वे किस आधार पर होता है
नुकसानी के सर्वे एवं राहत राशि बांटने के लिए राजस्व विभाग के पटवारी, तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर से लेकर संभागायुक्त के पास सर्वे और सहायता राशि जारी MP olavrishti muaawja kab milega करने का जिम्मा रहता है, जो कि जमीनी स्तर पर जाकर नुकसानी का आकलन करते हैं। यदि क्षति हुई है, तो शासन द्वारा स्वीकृत एवं निर्धारित मानदंडों के आधार पर आर्थिक सहायता का प्रकरण बनाते हैं। प्रभावित व पीड़ितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दी गई समयावधि में जारी करना होता है।
ओला वृष्टि से लगभग 70 हजार हेक्टे. में नुकसान हुआ है। सर्वे के आधार पर ₹64 करोड़ की राहत राशि का आंकलन हुआ है। 4-5 जिलों की सर्वे रिपोर्ट आना अभी बाकी है। जिन जिलों में ओले गिरे हैं, प्रभारी मंत्री भी एक बार चेक करें, किसानों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ना है: CM pic.twitter.com/J48NIryo0Y
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) April 4, 2023
किस प्रकार अब किसानों को मिलेगा फसल नुकसानी का मुआवजा जानिए
खरीफ एवं रबी फसलों MP olavrishti muaawja kab milega के लिए मुआवजा देने की अलग-अलग व्यवस्था है। रबी सीजन में यदि प्राकृतिक आपदा का प्रकोप होता है, तो खरीफ सीजन के मुकाबले इस सीजन में क्षतिपूर्ति की राशि दोगुना है। क्योंकि, यह सीजन सिंचाई पर आधारित है। सिंचाई के हिसाब से फसल की लागत भी बढ़ जाती है। जैसे- गेहूं, चना, मसूर, सरसों आदि फसलें हैं।
2 हेक्टेयर से कम भूमि होने पर यह मुआवजा मिलता है :– आरबीसी के तहत सिंचित फसल में 25 से 33 प्रतिशत नुकसानी होने पर 9 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा निर्धारित है। यदि नुकसानी 33 से 50 प्रतिशत तक है, प्रति हेक्टेयर 15 हजार रूपए, 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसानी होने पर 30 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर क्षतिपूर्ति मिलेगी। ज्ञात हो कि एक हेक्टेयर में ढ़ाई एकड़ जमीन होती है।
2 हेक्टेयर से अधिक के काश्तकर को मुआवजा के लिए यह मापदंड है :– 2 हेक्टेयर यानी 5 एकड़ से ज्यादा भूमिधारक किसानों MP olavrishti muaawja kab milega के लिए सिंचित फसल में 25 से 33 प्रतिशत नुकसानी होने पर 6500 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा निर्धारित है। यदि नुकसानी 33 से 50 प्रतिशत तक है, प्रति हेक्टेयर 13 हजार 500 रूपए, 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसानी होने पर 27 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर क्षतिपूर्ति मिलेगी।
फलदार पेड़ों के लिए प्रति पौधा मुआवजा मिलता है :– आरबीसी में उद्यानिकी फसलों के लिए भी मुआवजा MP olavrishti muaawja kab milega निर्धारित है। यदि फलदार पेड़ को 33 प्रतिशत तक नुकसान होता है तो 400 रूपए और 33 प्रतिशत से ज्यादा होने पर 500 रूपए प्रति पेड़ के हिसाब से क्षतिपूर्ति दी जाती है। संतरा और अनार के पेड़ के लिए यही राशि निर्धारित है। बाकी, नींबू का बगीचा, पपीता, केला और अंगूर के बगीचे के लिए 7500 रूपए से लेकर 13 हजार 500 रूपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से क्षतिपूर्ति निर्धारित है।
गाय-भैंस, मुर्गा-मुर्गी, ऊंट-बकरी संबंधित नुकसान पर भी यह मुआवजा मिलता है :– प्राकृतिक प्रकोप से यदि पशुहानि होती है तो इसके लिए भी आर्थिक सहायता का प्रावधान आरबीसी में है। दूधारू गाय, भैंस, ऊंट के लिए 30 हजार रूपए MP olavrishti muaawja kab milega तथा भेड़, बकरी और सुअर के लिए 3 हजार रूपए निर्धारित है। गाय-भैंस के बछड़े से लेकर गधा, पोनी और खच्चर के लिए 16 हजार रूपए, घोड़े के लिए 10 हजार रूपए की सहायता है। मुर्गा-मुर्गी के लिए 60 रूपए और चूजा के लिए 20 रूपए है।
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