एमपी में लाखों हेक्टेयर गेहूं चना सरसों की फसलें नष्ट हुई क्या CM की घोषणा के बाद किसानों को मिलेगी राहत जानिए

Rabi Fasal Muaawja 2023: एमपी में लाखों हेक्टेयर की फसलें बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ गई है। सीएम की घोषणा के बाद सर्वे हो रहा है किसानों को अब राहत कैसे मिलेगी जानिए

Rabi Fasal Muaawja 2023 | मार्च के महीने में किसानों के लिए बेमौसम बारिश कहर बनकर टूटी। रबी की फसलें पक कर तैयार हो चुकी थी ऐसे समय में मौसम होने वाली इस बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। मौसम की ऐसी मार पड़ी कि फसलें खेतों में ही तबाह हो गईं। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक प्रदेश के लगभग सभी जिलों में नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के कि तकरीबन 1.5 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर बोई गई गेहूं चना सरसों की फसलें बर्बाद हो चुकी है।

प्रदेश में सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं, चना, सरसों को हुआ है। संतरा, लहसुन, धनिया, मसूर, इसबगोल, अलसी की फसल भी प्रभावित हुई है। मौसम की मार के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं रायसेन में एक किसान ने आत्महत्या कर ली। मृतक किसान के परिवार का कहना है कि सदमे में किसान की जान चली गई।

सीएम ने दिए व्यापक सर्वे करने के निर्देश

किसानों पर आने वाली यह आफत के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Rabi Fasal Muaawja 2023) ने शासकीय अधिकारियों को व्यापक सर्वे के निर्देश दिए हैं लेकिन किसान इससे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि पहले भी ऐसे ही निर्देश प्रदेश के मुखिया अधिकारियों को दे चुके हैं लेकिन निचले स्तर पर उसका पूरी तरह से अमल नहीं हो पाता जिसके कारण किसानों को नष्ट फसलों की एवज में पर्याप्त राहत नहीं मिल पाती आइए जानते हैं इस बार सीएम के द्वारा दिए गए निर्देश निर्देशों का किस प्रकार से अमल होता है।

प्रदेश के 27 जिलों में हुआ नुकसान

प्रदेश के किसानों पर मौसम की मार का प्रदेश सरकार 2 चरणों में सर्वे कार्य (Rabi Fasal Muaawja 2023) करवा रही है। ज्ञात हो कि प्रदेश में मार्च माह के दौरान दो बार ऐसी स्थिति बनी जिस दौरान आंधी बारिश एवं ओलावृष्टि का कहर किसानों पर टूटा। मार्च माह के सर्वप्रथम पहले सप्ताह में प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बारिश हुई वहीं एक बार फिर 15 मार्च से ही प्रदेश में बारिश का क्रम चल रहा है।

यही कारण है कि सरकार दो फेज में सर्वे करा रही है। पहले फेज में 6 से 9 मार्च के बीच आंधी, पानी और ओले गिरने से 16 जिलों के 3280 गांव में 1.09 लाख किसान की 1.25 लाख हेक्टेयर की फसल नष्ट होने की जानकारी सामने आई है। रही सही कसर 16 से 19 मार्च के बीच बिगड़े मौसम ने पूरी कर दी। शुरुआती सर्वे (Rabi Fasal Muaawja 2023) में 27 जिलों में नुकसान माना जा रहा है। दूसरे फेज में अभी तक की रिपोर्ट में 19 जिलों के 525 गांवों में 33 हजार 884 किसानों की 38 हजार 985 हेक्टयर फसल खराब हो गई।

प्रदेश के लगभग सभी जिलों में हुआ नुकसान

एमपी में 3 से 10 मार्च के बीच बेमौसम बारिश (Rabi Fasal Muaawja 2023) का क्रम चला था उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव रहा जिसके चलते 10 मार्च तक बारिश के साथ साथ प्रदेश के 43 जिलों में आंधी तूफान ओले गिरे। इसके बाद 15 मार्च से ही मौसम एक बार फिर किसानों के लिए परेशानी का कारण बना। 15 मार्च से लगाकर 20 मार्च तक प्रदेश में हवा-पानी के साथ ऐसे ओले गिरे कि खेत बर्बाद हो गए। 27 से ज्यादा जिलों में असर पड़ा है। ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रशासन ने शुरुआती सर्वे में 60 से 85% नुकसान का अनुमान जताया है।

विदिशा जिले में सबसे ज्यादा फसलों का नुकसान हुआ

प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे सर्वे (Rabi Fasal Muaawja 2023) की प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट में ही प्रदेश के साढ़े तीन हजार से ज्यादा गांवों में 1.5 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की फसल को नुकसान हुआ है। शुरुआती सर्वे में जहां ओले पड़े हैं, वहां फसलों को 50 से 85% तक नुकसान माना जा रहा है।

विदिशा में सबसे ज्यादा 49883 हेक्टेयर (पहले दौर के सर्वे में 45875, दूसरे दौर में 4008) में फसल को नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा 38078 किसान (पहले दौर में 36073, दूसरे में 2005) भी विदिशा में ही प्रभावित हुए हैं। मंदसौर में सबसे ज्यादा 819 गांव में नुकसान (Rabi Fasal Muaawja 2023) माना जा रहा है।

पूरी ईमानदारी के साथ सर्वे किया जाए

प्रदेश में बेमौसम बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों (Rabi Fasal Muaawja 2023) को लेकर CM शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मीटिंग ली। CM ने कहा कि सर्वे में लापरवाही न हो। पूरी ईमानदारी से सर्वे किया जाए। किसी भी प्रकार की गलती न हो। रेवेन्यू, कृषि और पंचायत विकास के अमले को सर्वे में एक साथ शामिल करें।

सीएम ने सर्वे करने के लिए समय सीमा निर्धारित की

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्वे पूरा होने के बाद सूची को पंचायत के दफ्तर में लगा दिया जाए। सर्वे होने के बाद किसी किसान (Rabi Fasal Muaawja 2023) की आपत्ति आती है तो उसका भी निराकरण किया जाए। आरबीसी 6-4 के अंतर्गत फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी। पशु हानि की भी सूचना आई है पशु हानि के भी नुकसान की भरपाई मध्यप्रदेश सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने 25 मार्च तक सर्वे पूरा करने को कहा है।

सदमे के कारण चली गई किसान की जान

बेमौसम बारिश के कारण किसानों का हाल बेहाल (Rabi Fasal Muaawja 2023) हो गया है एन वक्त पर होने वाली इस बारिश ने फसलों को बर्बाद कर दिया। कई किसानों को आगे का भविष्य अंधकार में दिखने लगा। किसान भारी सदमे में है। अब रायसेन स्थित सिलवानी के पहरिया गांव में सदमे से किसान की मौत का मामला सामने आया है।

मृतक किसान के पुत्र तेजराम लोधी ने बताया कि हमारे पास 8 एकड़ जमीन है। हमने चने की फसल लगाई थी। दोपहर 3-4 बजे करीब खेत पर गया। गिरी पड़ी फसलों का वीडियो बना लिया। घर आया तो पिता हरप्रसाद लोधी को वीडियो दिखाया। 8 एकड़ की फसल खराब (Rabi Fasal Muaawja 2023) होते देख, पिता टेंशन में आ गए। हम रात 11 बजे तक सो गए। सुबह जब मैं खेत जाने के लिए उठा तो पिता जी उठे नहीं। सदमे से उनकी जान चली गई।

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CM की घोषणा के बाद क्या किसानों को राहत मिलेगी जानिए

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश भर में व्यापक सर्वे (Rabi Fasal Muaawja 2023) के निर्देश दे दिए हैं सर्वे के लिए निर्धारित समय सीमा भी तय कर दी है लेकिन बड़ा प्रश्न यह है कि क्या सही प्रकार से सर्वे हो पाएगा सर्वे के बाद किसानों को पर्याप्त राहत मिल पाएगी इसके विषय में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि अक्सर यह देखने में आता है कि निचले स्तर के अधिकारी कर्मचारी सर्वे के प्रति गंभीर नहीं हो पाते। किसानों को पर्याप्त जानकारी नहीं होने के कारण राहत राशि प्राप्त करने से भी वंचित रह जाते हैं।

ग्राम कोटवार से लगाकर ग्राम पंचायत सचिव, हल्का पटवारी, राजस्व निरीक्षक (गिरदावर), तहसीलदार एवं मैदानी अमला यदि ईमानदारी से सर्वे का कार्य करें। किसानों को विश्वास में रखकर सही जानकारी एकत्र करके सर्वे (Rabi Fasal Muaawja 2023) सूची बनाकर सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत कार्यालय पर चस्पा करें, तभी जाकर किसानों को राहत राशि मिल पाएगी।

एमपी के इन जिलों में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान

  • ग्वालियर के घाटीगांव आरोन, पाटई और करही इलाके में गेहूं की फसल को 90 से 100% नुकसान बताया जा रहा है। ग्वालियर-चंबल में तो प्रशासन के शुरुआती सर्वे में 60 से 85% का नुकसान माना जा रहा है। जिले के सेकरा, बराना, बडकागांव, सवराई, शुभासपुरा, चगोंरा, तादई, रानीघाट में भी ओले गिरे हैं।
  • मंदसौर के कचनारा, नगरी आक्या में सबसे ज्यादा ओले गिरे। जिले में दलौदा, कुचड़ौद, नाहरगढ़, धुंधड़का,‎ सीतामऊ क्षेत्र के धाकड़ पिपलिया, फतेहपुर, चिकली,‎ ऐरा, दीपा खेड़ा और गोपालपुरा गांव में भी फसलों को भारी नुकसान (Rabi Fasal Muaawja 2023) पहुंचा है।‎
  • रायसेन शहर और जिले के गैरतगंज, बेगमगंज, सिलवानी और आसपास के इलाकों में मौसम की मार पड़ी। 40% से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
  • राजगढ़ जिले में 10 दिन में दूसरी बार बारिश के साथ ओले गिरे। 
  • खंडवा जिले में ओलों से तरबूज की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। मूंदी-पुनासा और पंधाना क्षेत्र में ज्यादा नुकसान है। खंडवा, खालवा और हरसूद का कुछ क्षेत्र प्रभावित है।
  • गुना के बांसाहेड़ा इलाके में अंगूर के आकार के ओले गिरे। सबसे ज्यादा फसलों को नुकसान भी इसी इलाके में हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान धनिया में देखा जा रहा है। इस समय धनिया की फसल पूरी तरह पक कर तैयार है। कटी हुई धनिए की फसल भी खेतों में ही पड़ी हुई है। कुछ जगह जहां गेहूं की फसल अभी भी खेतों में खड़ी है, बारिश – हवा के कारण आड़ी हो गई है।
  • शिवपुरी जिले में सबसे ज्यादा नुकसान खनियाधाना तहसील क्षेत्र के गांवों में हुआ है। खनियाधाना तहसील के लहर्रा गांव में तो इतने ओले गिरे थे कि खेत और सड़कों पर सफेद सी चादर बिछ गई थी। कोलारस, बैराड़, करैरा, नरवर तहसील में भी बारिश और ओलावृष्टि हुई है। इन क्षेत्रों में भी किसानों की फसलों को नुकसा (Rabi Fasal Muaawja 2023) न हुआ है। पिछोर सहित खनियाधाना के गांवों में हुई ओलावृष्टि से लगभग 1200 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान माना जा रहा है।
  • बुरहानपुर जिले के खकनार, शाहपुर, नेपानगर क्षेत्र में कई जगह चने के आकार के ओले गिरे। धाबा, डोईफोड़िया, गंभीरपुरा, अंबाड़ा क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ है। गेहूं और चने के साथ तरबूज की फसल प्रभावित हुई है। करीब 25 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान हुआ है।
  • विदिशा जिले में गुलाबगंज के चाठौली, तेवरी, सुआखेड़ी, चक रामपुर, गुनुआ, पटवारी खेड़ी, हरजाखेड़ी, हथियाखेड़ा, घुरदा, खिरिया, मुडरा गनेशपुर गांव में ओले गिरे। नटेरन के लखाखेड़ी गांव में भी फसलों को नुकसान (Rabi Fasal Muaawja 2023) हुआ है।

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