कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई चने की यह किस्म (New Chickpea Variety), इसमें प्रोटीन की मात्रा भी अधिक है, देखें सभी विशेषताएं..
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New Chickpea Variety | रबी सीजन खत्म हो चुका है, अब किसान साथी खरीफ सीजन की तैयारी में जुट गए हैं। इसी बीच कृषि वैज्ञानिकों ने चने की एक ऐसी नई किस्म विकसित की है, जो रोग प्रतिरोधी होने के साथ-साथ अधिक पौष्टिक भी है। खास बात यह है कि चने की यह नई किस्म देर से बुवाई के लिए भी उपयुक्त है।
गौरतलब है कि कई बार किसान खरीफ सीजन के दौरान लेट हो जाते हैं। खरीफ फसलें लेने में देरी के कारण समय पर चने की बुवाई नहीं कर पाने वाले किसानों को अब परेशान होने की जरूरत नहीं रहेगी।
किसानों की इस परेशानी को कृषि वैज्ञानिकों ने अब दूर कर दिया है। वैज्ञानिकों ने चने की ऐसी ही एक नई किस्म को विकसित किया है, आईए जानते हैं (New Chickpea Variety) इस किस्म की विशेषताओं के बारे में डिटेल..
कृषि वैज्ञानिकों ने इस किस्म को किया विकसित
राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा के कृषि वैज्ञानिकों ने ‘करण चना 20’ किस्म को ईजाद किया है। चने की यह नई किस्म बुवाई का समय निकलने पर भी अधिक उत्पादन देने में सक्षम है वहीं इसमें प्रोटीन मात्रा 19.7% है। साथ ही चने की इस नई किस्म में रोग भी कम लगेंगे। New Chickpea Variety
‘करण चना 20’ की प्रमुख विशेषताएं
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि चने की एक नई किस्म ‘करण चना 20’ विकसित की है, जिसे देरी से बोया जा सकेगा। इसका उत्पादन भी बेहतर होगा। साथ ही इसकी विल्ट, ड्राई रूट रोट, स्टंट रोग तथा हरी लट से लड़ने की क्षमता अन्य किस्मों से कहीं ज्यादा है। इसमें 19.7% तक प्रोटीन मिलेगा। New Chickpea Variety
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश इन राजस्थान के कई जिलों में रबी सीजन के दौरान चने की खेती होती है। राजस्थान में 17.7 लाख हेक्टेयर में चने की खेती होती है। 19.1 लाख टन उत्पादन है। चूरू में सबसे ज्यादा 3.2 लाख हेक्टेयर खेती होती है। दूसरे स्थान पर जैसलमेर 1.2 लाख हेक्टेयर खेती है।
हनुमानगढ़ में 1.11 लाख हेक्टेयर, चित्तौड़गढ़ में 1 लाख हेक्टेयर, पाली में 87 हजार हेक्टेयर, केकड़ी में 84 हजार हेक्टेयर में बुवाई होती है। उत्पादन के लिहाज से टोंक 1,860 किलो/हेक्टेयर के साथ पहले स्थान पर है। सवाई माधोपुर, कोटा, दौसा और गंगापुर सिटी अच्छे उत्पादन वाले क्षेत्रों में है। New Chickpea Variety
उत्पादन क्षमता एवं पकने की अवधि
खरीफ सीजन में धान, बाजरा, मक्का, सोयाबीन की देरी से कटाई के कारण बहुत से किसान रबी की बुवाई समय से नहीं कर पाते। चने की बुवाई अक्टूबर-नवंबर में की जाती है, लेकिन खरीफ की फसल समेटने में किसानों को देरी हो जाती है। इसके बाद चने की बुवाई पर उपज अच्छी नहीं मिल पा रही थी। New Chickpea Variety
किसानों की यह समस्या अब दूर हो जाएगी। न केवल इसे देरी से बुवाई कर सकेंगे बल्कि रोगों से लड़ने की क्षमता भी अन्य किस्मों से ज्यादा है। इससे उत्पादन बढ़ेगा।
नई किस्म (New Chickpea Variety) उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में क्विंटल/हेक्टेयर की 16.38 औसत उपज देगी और 116 दिनों में पककर तैयार हो जाएगी। वहीं, उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में उपज और ज्यादा होगी। यहां 23-24 क्विंटल / हेक्टेयर तक जाएगी।
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