उच्च रोग प्रतिरोधी क्षमता के कारण किसानों के बीच लोकप्रिय लहसुन की नई वैरायटी कालीसिंध सुपर के बारे में जानें..

उच्च उत्पादन क्षमता एवं रोग प्रतिरोधी लहसुन की नई किस्म (New Garlic Variety) के बारे में लिए जानते हैं..

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New Garlic Variety | रबी सीजन में गेहूं, चना, प्याज के साथ-साथ लहसुन की खेती भी की जाती है। लहसुन की बुवाई 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक की जाना उचित होता है। 120 से 125 दिन की इस फसल में सबसे अधिक रोग लगने की संभावना रहती है। जिससे उत्पादन पर गंभीर असर पड़ता है। ऐसे में कृषि वैज्ञानिक नई-नई वैरियटयों को विकसित कर रहे हैं, जिससे किसानों को अधिक से अधिक उत्पादन मिले।

इसी क्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने लहसुन की नई वैरायटी G7 काली सिंध सुपर को विकसित किया है। यह वेराइटी बहुत कम समय में अपनी उच्च रोग प्रतिरोधी क्षमता एवं अधिक उत्पादन देने के कारण किसानों के बीच New Garlic Variety लोकप्रिय हो गई है, इस वैरायटी की सभी विशेषताओं एवं लहसुन की खेती के विषय में आइए सब कुछ जानते हैं..

G 7 काली सिंह सुपर वैरायटी की पैदावार | New Garlic Variety

मध्य प्रदेश के पश्चिमी जिलों में लहसुन की खेती अधिक होती है। लहसुन की खेती करने वाले किसानों के लिए लहसुन की नई G 7 काली सिंह सुपर वैरायटी अच्छा फायदा देने वाली साबित होगी। यह वैरायटी रोग प्रतिरोधी हैं । लहसुन की यह वैरायटी थ्रीप्स, जड़गलन, झुलसा व जलेबी रोग के प्रति उच्च सहनशील है। सामान्य परिस्थितियों में लहसुन की यह वैरायटी 24 क्विं. / बीघा तक पैदावार देने में सक्षम है।

बुवाई का समय एवं बीज दर | New Garlic Variety

थ्रीप्स, जड़गलन, झुलसा रोग, जलेबी रोग के प्रति उच्च सहनशील G-7 कालीसिंध सुपर लहसुन किस्म को किसान साथी 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच बोल सकते हैं। लहसुन की यह वैरायटी प्रति बीघा 24 क्विंटल तक के पैदावार दे सकती है। इस वैरायटी की बीज दर 130 kg से 140 kg प्रति बीघा आदर्श रहती है।

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कालीसिंध सुपर G-7 वैरायटी की विशेषताएं

New Garlic Variety | लहसुन की फसल में रोग लगने की संभावना सबसे अधिक रहती है यही कारण है कि लहसुन की परंपरागत किस्मों की रोग प्रतिरोधी क्षमता कमजोर होने के कारण इन किस्मों की बुवाई से अधिक पैदावार नहीं मिल पाती, लेकिन इसके विपरीत लहसुन G-7 कालीसिंध सुपर वैरायटी थ्रीप्स, जड़गलन, झुलसा रोग, जलेबी रोग के प्रति उच्च सहनशील है। रोग प्रतिरोधी होने के कारण इसकी उत्पादन क्षमता भी उच्च रहती है।

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भंडारण क्षमता 10 महीने तक

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई लहसुन की यह वैरायटी (New Garlic Variety) अपने रोग प्रतिरोधी क्षमता क्षमता के कारण किसानों के बीच लोकप्रिय हो गई है। उच्च उत्पादन क्षमता एवं रोग प्रतिरोधी होने के कारण किसानों को इस वैरायटी से अच्छा फायदा मिला है।

कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक जी 7 कालीसिंध सुपर लहसुन वैरायटी भंडारण के लिए भी उपयुक्त मानी जाती है। लहसुन की G-7 कालीसिंध सुपर वैरायटी का भंडारण काफी लंबे समय तक किया जा सकता है, इसे 10 महीने तक भंडारण करने पर भी खराब नहीं होती है।

एक नजर में G 7 वैरायटी की सभी जानकारी | New Garlic Variety

बुवाई समय :- 15 अक्टूबर से 15 नवंबर।

फसल अवधि :- 120 से 125 दिन।

बीज दर : – 130 से 140 किलो प्रति बीघा।

सिंचाई :- 6 से 8 सिंचाई में परिपक्वता

उत्पादन :– 18 से 24 क्विंटल प्रति बीघा

प्रमुख विशेषता :– लहसुन का एक सामान आकर बनना जिससे उत्पादन अच्छा मिलना।

भंडारण :- लहसुन की G-7 कालीसिंध सुपर वैरायटी 10 महीने तक भंडारण करने पर भी खराब नहीं होती है।

G-7 कालीसिंध सुपर लहसुन का बीज कहां मिलेगा

New Garlic Variety | किसान साथी इस वैरायटी का बीज जी 7 कालीसिंध सुपर लहसुन किस्म लेने के लिए श्री गायत्री टेंडर्स उज्जैन से संपर्क कर सकते हैं। बीज के लिए इन नंबर संपर्क करके बुकिंग करें …

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