देवास मंडी में आया नया सोयाबीन, इस भाव बिका जानें …

एमपी में नया सोयाबीन पक कर तैयार हो चुका है देवास मंडी में नया सोयाबीन New soybean price बिकने के लिए आया, जानिए भाव…

New soybean price : सोयाबीन की नई फसल में अभी 1 महीने की देरी है लेकिन आगे की बुवाई एवं अर्ली वैरायटी का सोयाबीन पकड़ कर तैयार होने लगा है। बीते दिन देवास मंडी में नए सोयाबीन की आवक हुई।

मंडी से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगस्त के अंतिम सप्ताह से ठीक पहले 19 अगस्त 2023 को देवास मंडी में नई सोयाबीन बिकने के लिए आया। शनिवार के दिन देवास मंडी में जिले के बरोठा गांव का किसान मनोहर लाल नया सोयाबीन लेकर आए। New soybean price

इस भाव बिका नया सोयाबीन

शनिवार को ग्राम बरोठा के रहने वाले किसान तीन बोरी सोयाबीन लेकर देवास मंडी पहुंचे। जहां पर मंडी नीलामी के दौरान किसान से New soybean price नया सोयाबीन 4501 रुपए 25 पैसे प्रति क्विंटल की दर से व्यापारी ने खरीदा। किसान द्वारा लाया गया सोयाबीन हल्का गीला था।

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आने वाले सीजन में सोयाबीन के भाव क्या कम रहेंगे

नए सीजन की शुरुआत होने में अभी 1 महीने के लगभग का समय है। इस बीच यह सवाल सभी के मन में है कि क्या सोयाबीन के भाव New soybean price कम रहेंगे या कुछ बढ़ेंगे, क्योंकि पिछले एक वर्ष से सोयाबीन के भाव लगातार 5000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास ही बने हुए हैं। पिछले वर्ष सीजन के दौरान एक महीने में सोयाबीन के भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास पहुंचे थे।

इसके बाद सोयाबीन के भाव लगातार कम होते गए। आलम यह रहा कि पिछले महीने सोयाबीन के भाव 5000 रुपए प्रति क्विंटल से कम हो गए। इस बीच किसानों एवं व्यापारियों के पास पिछले वर्ष का स्टाक जमा होना भी बताया जा रहा है जिसके कारण सोयाबीन के भाव में बढ़ोतरी नहीं हो पाई।

इन कारणों से नहीं बड़े सोयाबीन के भाव

व्यापारी वर्ग बताता है कि सोयाबीन का सट्टा चलता तो भाव ऑफ सीजन में उछाल वाले बन जाते । व्यापार में सट्टे का महत्व पुराना है। ऑनलाइन कमोडिटी व्यापार के सट्टे के पूर्व जुबानी सट्टा चलता था। रात की धारणा दिन के भाव व्यापार में शुमार रहते आए हैं। इस समय मंडियों का ऑफ सीजन भी चल रहा है। बड़े खरीदार नए सीजन की प्लानिंग फाइनल करने में लगे हैं।New soybean price

सोयाबीन का व्यापार चलन में होने से इस पर ज्यादा ध्यान लगाया जा रहा है। नए सीजन में महाराष्ट्र के सोया प्लांटों की आढ़त खरीदी का माहौल‌ बन रहा है। सेटिंग शुरू हो गई है। उधार का धन बांटने वाले अब इसे बंद कर सोयाबीन व्यापार में लगाना चाह रहे हैं। इस समय मंडी में सोयाबीन के भाव 5 हजार के आसपास चल रहे हैं।New soybean price

व्यापारी बताते हैं कि नए सीजन के दौरान इसमें 500 रुपए प्रति क्विंटल की मंदी आना स्वाभाविक है। इसमें आगे 500 रुपए क्विंटल की मंदी बताई जा रही है। क्योंकि नया सोयाबीन की खरीदी प्लांट वाले सुस्त भाव में करेंगे। इधर बिल्टी व्यापार में कभी लाभ तो कभी नुकसान वाली स्थिति बनी हुई है। व्यापारियों की मानें तो बाजार में तेजी-मंदी की हलचल वायदा सट्टे से बनती है।New soybean price

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पैदावार आज के अनुमान से रिकॉर्ड होने के आसार

सोयाबीन की फसल को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस वर्ष पैदावार अच्छी होगी। आज के अनुमान के अनुसार कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि पैदावार रिकॉर्ड होने के आसार अधिक है। हालांकि अभी सोयाबीन की फसल आने में 1 माह की देरी है कुछ कहा नहीं जा सकता।

इधर सरकार द्वारा देश में पाम की खेती की ओर भी बजट बढ़ाए जाने से समुद्री तटों पर पाम की खेती शुरू होगी आने वाले 4-5 सालों में देश में इसकी पैदावार बड़ी तो सोयाबीन के चमकते उछलते भाव पर खासी लगाम भी लग जाएगी । इस समय सोयाबीन की नई उपज खेतों में खड़ी है। New soybean price

एक माह में मंडियों में पहुंचेगी पैदावार आज के अनुमान से रिकॉर्ड भी बताई जा रही है। सोयाबीन का समर्थन दाम 4 हजार रुपए से अधिक का है लेकिन समर्थन दाम से अभी भी सोयाबीन 1000 से 1200 रुपए ऊंचा बिक रहा है। सोयाबीन का सट्टा बंद होने से भाव की हलचल विदेशी बाजार पर टिकी होने से रोज की तेजी मंदी का सट्टा समाप्त हो चुका है। New soybean price

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प्लांटों की सोयाबीन में खरीदी भाव

अग्रवाल सोया 5100 आरएच सिवनी 5100 सावरिया इटारसी 5125 स्कॉयलार्क 5100 अडानी 5075 अवि 5050 बंसल 5050 कोरोनेशन 5030 धीरेंद्र सोया 5040 हरिओम 5070 लाभांषी 5075 केपी निवाड़ी 5080 खंडवा ऑयल्स 5050 मित्तल सोया 5025 एमएस 5000 नीमच प्रोटिन 5050 सोनिक 5050 स्नेहिल 5060 सूर्या 5025 वर्धमान कालापीपल 5050 रुपए प्रति क्विंटल है। New soybean price

सोयाबीन उत्पादन के आंकड़े जुटाने में लगा सोपा

देश में सोयाबीन का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला राज्य मप्र है उसके बाद महाराष्ट्र और राजस्थान सबसे प्रमुख सोयाबीन उपजाते हैं। सोपा ने पहली बार इन तीन राज्यों के कुल 51 जिलों में सैटेलाइट के जरिये फसल की मैपिंग, सर्वे और आंकड़े जुटाने का काम शुरू कर दिया है। ये वे जिले हैं जो प्रमुख सोयाबीन फसल लगाते हैं। बीते डेढ़ महीने से शुरू हुई कवायद नवंबर के अंत तक जारी रहेगी। जब तक कि फसल बाजार में आने की स्थिति में न आ जाए। New soybean price

देश की प्रमुख तिलहन फसल सोयाबीन के उत्पादन के सही आंकड़े जुटाने के सैटेलाइट और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) की मदद ली जाएगी। दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) इस दिशा में जुटा है। सोयाबीन की फसल की सैटेलाइट से निगरानी, इमेजिंग कर एआइ से डाटा एनालिसिस शुरू भी कर दिया गया है। सिर्फ मप्र ही नहीं तीन प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों में यह तंत्र लागू किया गया है। चुनावी साल में सरकार खाद्य पदार्थों की महंगाई को नियंत्रित रखने की कोशिश में जुटी है, ऐसे में सोपा का सर्वे बाजार का सटीक पूर्वानुमान देने में अहम रहेगा। New soybean price

फसल के क्षेत्र और प्रगति के साथ फलियों की संख्या के आधार पर आंकड़ों का एआइ के जरिए रियल टाइम विश्लेषण भी शुरू हो चुका है। बकायदा इसके लिए नोएडा की आइटी एग्रीटेक कंपनी से एमओयू साइन किया गया है। सोपा ने पहली बार इतने अधिक जिलों और तीन राज्यों को सेटैलाइट निगरानी से जोड़ा है। इसके लिए मोटा खर्च भी किया जा रहा है। हालांकि आंकड़े का खुलासा सोपा नहीं कर रहा।

इस वर्ष बीते वर्ष से ज्यादा सोयाबीन की बुआई

सोपा की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 53.130 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया है, जबकि सरकार का अनुमान 54.136 लाख हैक्टेयर का है। हालांकि सोपा ने माना है कि बीते वर्ष से ज्यादा सोयाबीन बुआई हुई है। बीते वर्ष इस समय तक बुआई का आंकड़ा 50 लाख हेक्टेयर से ज्यादा था। सोयाबीन बुआई के मामले में मप्र सबसे आगे हैं। देश में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। वहां 48.548 लाख हैक्टेयर में बुआई हुई है। New soybean price

वहां भी बीते साल के मुकाबले सुधार हुआ है। देश में कुल मिलाकर सोयाबीन का बुआई का आंकड़ा बेहतर ही हुआ है। बीते वर्ष के 114.503 (सोपा) या 120.828 लाख हेक्टेयर के सरकारी आंकड़े के मुकाबले इस साल सोपा ने 122.394 और सरकार ने 124.110 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई का सर्वेक्षण दिया है।

अब मौसम अनुकुल रहा तो इस लिहाज से इस वर्ष भी सोयाबीन का उत्पादन बेहतर रहने का अनुमान है। दरअसल आने वाला वर्ष आम चुनाव का होगा। ऐसे में खाद्य वस्तुओं की महंगाई पर नियंत्रण लगाने में सोयाबीन का अच्छा उत्पादन सरकार की मदद करेगा। New soybean price

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